बीकानेर. बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अनिवार्य है. भगवान गणपति गजानन देवताओं में प्रथम पूज्य होने के साथ ही विघ्नहर्ता भी हैं, जो अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूरी मानी गई है, क्योंकि ऐसा करने से भक्तों को सुफल के साथ ही यश लाभ की प्राप्ति होती है. इसके अलावा उसके सभी कष्ट स्वत: दूर हो जाते हैं.
ऐसे करें भगवान गणपति गजानन की पूजा - बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा में सर्वप्रथम पंचामृत अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद जल से अभिषेक करें और फिर यज्ञोपवीत धारण करवाने के उपरांत नई पोशाक पहनना चाहिए. साथ ही भगवान को मोदक के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इन सब के बीच सबसे अहम व ध्यान रखने वाली बात यह है कि गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है.
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करें ये पाठ - आज के दिन अर्थवः शीष के पाठ, संकटनाशन गणेश स्रोत व गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके बाद भगवान गणेश की आरती करनी चाहिए. वहीं, आरती के बाद भगवान गणेश के 108 नामों का स्मरण करते हुए उन्हें दूर्वा अर्पित करना चाहिए. किसी भी संकट से निवारण के लिए संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि का प्रवेश होगा.
नए कार्य के लिए शुभ - पूर्व संचालित व्यापार या फिर किसी नए कार्य को शुरू करने के लिए बुधवार का दिन उत्तम माना जाता है. वैसे तो जन्म कुंडली के अनुसार मुहूर्त का योग बनता है, लेकिन यदि मुहूर्त का दिन बुधवार है तो यह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. व्यापार के अलावा भी अन्य मांगलिक कार्यों को आज के दिन शुरू किया जा सकता है.