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आपके बच्चे अगर दिनभर मोबाइल और लैपटॉप में रहते हैं व्यस्त तो Screen Time Reduce करने को करें ये काम

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Published : May 25, 2023, 7:35 PM IST

तकनीक के इस दौर में मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स इंसान की दिनचर्या में शामिल हो गए हैं. वहीं, बच्चों तो इसके एडिक्ट होते जा रहे हैं, लेकिन अगर आप अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को कम करना चाहते हैं तो आपको ये उपाय करने (Ways to reduce screen time) होंगे.

Ways to reduce screen time
Ways to reduce screen time

बीकानेर. बच्चों में ऑनलाइन मोबाइल गेमिंग का चलन बढ़ रहा है तो युवा भी पूरे दिन सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. इससे स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है, जो एक बड़ी चुनौती है. वहीं, परीक्षाओं के बाद अब नए शैक्षिक सत्र से पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश और इस समयावधि में बच्चों के मोबाइल गेमिंग की लत के बीच स्क्रीन टाइम बढ़ने का खतरा फिर से बढ़ गया है. गवर्मेंट बाड़मेर पॉलिटेक्निक कॉलेज के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के व्याख्याता इंजीनियर प्रशांत जोशी कहते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए स्क्रीन टाइम कम करना बेहद जरूरी है, लेकिन मौजूदा समय में इसे कम करना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि आज ये समस्या सबसे अधिक बच्चों में देखने को मिल रही है. ऐसे में जरूरी है कि किसी भी तरह से स्क्रीन टाइम को कम किया जाए.

प्रशांत कहते हैं कि बाल मनोविज्ञान के सिद्धांतों व तकनीक की जानकारी से बच्चों का स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि स्क्रीन टाइम का सही संतुलन खोजना उनकी उम्र, रुचि और व्यक्तिगत जरूरतों पर निर्भर करेगा. इस प्रक्रिया को धैर्य, निरंतरता और समझ के साथ करना महत्वपूर्ण है. एक अच्छे अभिभावक के रूप में यह विश्वास भी बच्चों से प्राप्त करना जरूरी है कि आप उनकी डिजिटल अपेक्षाओं को समझते हैं. स्क्रीन टाइम प्रबंधन को इन बातों को ध्यान में रखते हुए कम किया जा सकता है.

समय निर्धारित करें - स्क्रीन टाइम के संबंध में स्पष्ट नियम और दिशा निर्देश स्थापित करें. अपने बच्चों के साथ मिलकर घर में सबको साझा अथवा व्यक्तिगत दिए गजेट्स को उपयोग में लेने के नियम बनाए. इसके लिए स्क्रीन अनुमति के घंटों की संख्या या दिन के विशिष्ट समय की सीमा निर्धारित कर सकते हैं. साथ ही दिन के किसी विशिष्ट समय के लिए नियम निर्धारित कर सकते हैं, जहां स्क्रीन की अनुमति नहीं है. जैसे परिवार के भोजन के दौरान या सोने से पहले और यहां तक कि पिकनिक के दौरान भी इसी तर्ज पर एक फोन से फोटो वगैरह के लिए उपयोग किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - मनोचिकित्सक की अभिभावकों को खास सलाह, बच्चों के मोबाइल और कंप्यूटर पर रखें पैनी नजर

रोल मॉडल बनें - अक्सर बच्चे अपने माता-पिता या देखभाल करने वालों के अनुरूप व्यवहार करते हैं. आप अपना खुद का स्क्रीन टाइम सीमित करें और वैकल्पिक गतिविधियों में शामिल होकर एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें. अपने बच्चे को दिखाएं कि ऐसी बहुत सी मजेदार गतिविधियां हैं, जिनमें स्क्रीन शामिल नहीं है. आपके आचरण से उन्हें बताएं कि ये नियम केवल बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए है.

टेक फ्री जोन और टाइम बनाएं - अपने घर में विशिष्ट क्षेत्रों को टेक फ्री या स्क्रीन फ्री जोन के रूप में चिन्हित करें, जैसे कि बेडरूम, डाइनिंग टेबल, पूजा स्थल और वाशरूम पारिवारिक समन्वय व सहभागिता से स्थापित नियम के तहत इन स्थानों पर कोई भी अपनी डिजिटल डिवाइस काम में नहीं लेंगे. यदि आप संयमित व्यव्हार करेंगे तो बच्चों से नियम पालन की अपेक्षा रख पाएंगे. ऐसे जोन ना केवल आपके परिवार का स्क्रीन टाइम कम करेंगे बल्कि आपकी साइबर सुरक्षा में भी वृद्धि करेंगे.

वैकल्पिक गतिविधि और शौक को प्रोत्साहित - अपने बच्चे को स्क्रीन के बजाय आनंद लेने के लिए विभिन्न प्रकार की आकर्षक गतिविधियां प्रदान करें.इसमें शारीरिक गतिविधियां रचनात्मक शौक, किताबें पढ़ना, बोर्ड गेम खेलना, साइकिलिंग, स्विमिंग, सिंगिंग या बाहर समय बिताना शामिल हो सकता है.आपके बच्चों के व्यवहार के अनुरूप स्क्रीन से परे उनकी रुचियों को खोजने और विकसित करने में सहायता करें.

स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट टूल एक्सप्लोर करें - जोशी कहते हैं कि समय समय पर इन नियमों का पालन हो रहा है या नहीं उसके प्रबंधन के लिए पैरेंटल कंट्रोल, स्क्रीन-टाइम मैनेजमेंट ऐप्स या उपकरणों पर उपलब्ध डिजिटल वेलबीइंग टूल्स का लाभ उठाएं. ये टूल्स आपके बच्चे के स्क्रीन समय को प्रभावी ढंग से मॉनिटर करने और सीमित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं. पैरेंटल लॉक के माध्यम से बच्चों की गतिविधयों की निगरानी रखी जा सकती, जैसे कौनसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दिन में कितनी देर देखा जा रहा है? डिवाइस को कितनी बार अनलॉक किया जा रहा है? दिन के किस समय पर क्या कार्य किया जा रहा है.

इन टूल के माध्यम से काम में लिए जाने वाले एप्प की समय सीमा, दिनभर के कुल स्क्रीन टाइम को निर्धारित किया जा सकता है.दिन के लिए निर्धारित समय से ज्यादा प्रयोग होने पर वह एप्प स्वतः ही काम नहीं करेगा एवं दैनिक निर्धारित समय से ज्यादा प्रयोग होने पर डिवाइस का स्वतः लॉक होना जैसी सुविधा प्राप्त होती है.माइक्रोसॉफ्ट एवं गूगल के पैरेंटल कण्ट्रोल, गूगल फॅमिली लिंक एप्प विकहिल एंटीवायरस पैरेंटल कण्ट्रोल, यूट्यूब किड्स इत्यादि सॉफ्टवेयर टूल्स अभिभावको के लिए उपयोगी हैं.

संवाद करें और लाभों की व्याख्या करें - स्क्रीन समय को सीमित करने के महत्व और अन्य गतिविधियों में संलग्न होने के लाभों के बारे में अपने बच्चे के साथ खुली चर्चा करें. उनके स्वास्थ्य, नींद, सामाजिक संपर्क और समग्र कल्याण पर अत्यधिक स्क्रीन समय के संभावित नकारात्मक प्रभावों को समझने में उनकी सहायता करें.

चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जरूरी - प्रशांत कहते हैं कि स्क्रीन समय कम करना और वैकल्पिक गतिविधियों को शुरू करना एक धीमी एवं चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है. लेकिन इसके दीर्घकालिक पारिवारिक व सामाजिक लाभ है. पारिवारिक स्क्रीन टाइम नियम आपके परिवार के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य व साइबर सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे.

बीकानेर. बच्चों में ऑनलाइन मोबाइल गेमिंग का चलन बढ़ रहा है तो युवा भी पूरे दिन सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं. इससे स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है, जो एक बड़ी चुनौती है. वहीं, परीक्षाओं के बाद अब नए शैक्षिक सत्र से पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश और इस समयावधि में बच्चों के मोबाइल गेमिंग की लत के बीच स्क्रीन टाइम बढ़ने का खतरा फिर से बढ़ गया है. गवर्मेंट बाड़मेर पॉलिटेक्निक कॉलेज के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के व्याख्याता इंजीनियर प्रशांत जोशी कहते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए स्क्रीन टाइम कम करना बेहद जरूरी है, लेकिन मौजूदा समय में इसे कम करना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि आज ये समस्या सबसे अधिक बच्चों में देखने को मिल रही है. ऐसे में जरूरी है कि किसी भी तरह से स्क्रीन टाइम को कम किया जाए.

प्रशांत कहते हैं कि बाल मनोविज्ञान के सिद्धांतों व तकनीक की जानकारी से बच्चों का स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि स्क्रीन टाइम का सही संतुलन खोजना उनकी उम्र, रुचि और व्यक्तिगत जरूरतों पर निर्भर करेगा. इस प्रक्रिया को धैर्य, निरंतरता और समझ के साथ करना महत्वपूर्ण है. एक अच्छे अभिभावक के रूप में यह विश्वास भी बच्चों से प्राप्त करना जरूरी है कि आप उनकी डिजिटल अपेक्षाओं को समझते हैं. स्क्रीन टाइम प्रबंधन को इन बातों को ध्यान में रखते हुए कम किया जा सकता है.

समय निर्धारित करें - स्क्रीन टाइम के संबंध में स्पष्ट नियम और दिशा निर्देश स्थापित करें. अपने बच्चों के साथ मिलकर घर में सबको साझा अथवा व्यक्तिगत दिए गजेट्स को उपयोग में लेने के नियम बनाए. इसके लिए स्क्रीन अनुमति के घंटों की संख्या या दिन के विशिष्ट समय की सीमा निर्धारित कर सकते हैं. साथ ही दिन के किसी विशिष्ट समय के लिए नियम निर्धारित कर सकते हैं, जहां स्क्रीन की अनुमति नहीं है. जैसे परिवार के भोजन के दौरान या सोने से पहले और यहां तक कि पिकनिक के दौरान भी इसी तर्ज पर एक फोन से फोटो वगैरह के लिए उपयोग किया जाना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - मनोचिकित्सक की अभिभावकों को खास सलाह, बच्चों के मोबाइल और कंप्यूटर पर रखें पैनी नजर

रोल मॉडल बनें - अक्सर बच्चे अपने माता-पिता या देखभाल करने वालों के अनुरूप व्यवहार करते हैं. आप अपना खुद का स्क्रीन टाइम सीमित करें और वैकल्पिक गतिविधियों में शामिल होकर एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें. अपने बच्चे को दिखाएं कि ऐसी बहुत सी मजेदार गतिविधियां हैं, जिनमें स्क्रीन शामिल नहीं है. आपके आचरण से उन्हें बताएं कि ये नियम केवल बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए है.

टेक फ्री जोन और टाइम बनाएं - अपने घर में विशिष्ट क्षेत्रों को टेक फ्री या स्क्रीन फ्री जोन के रूप में चिन्हित करें, जैसे कि बेडरूम, डाइनिंग टेबल, पूजा स्थल और वाशरूम पारिवारिक समन्वय व सहभागिता से स्थापित नियम के तहत इन स्थानों पर कोई भी अपनी डिजिटल डिवाइस काम में नहीं लेंगे. यदि आप संयमित व्यव्हार करेंगे तो बच्चों से नियम पालन की अपेक्षा रख पाएंगे. ऐसे जोन ना केवल आपके परिवार का स्क्रीन टाइम कम करेंगे बल्कि आपकी साइबर सुरक्षा में भी वृद्धि करेंगे.

वैकल्पिक गतिविधि और शौक को प्रोत्साहित - अपने बच्चे को स्क्रीन के बजाय आनंद लेने के लिए विभिन्न प्रकार की आकर्षक गतिविधियां प्रदान करें.इसमें शारीरिक गतिविधियां रचनात्मक शौक, किताबें पढ़ना, बोर्ड गेम खेलना, साइकिलिंग, स्विमिंग, सिंगिंग या बाहर समय बिताना शामिल हो सकता है.आपके बच्चों के व्यवहार के अनुरूप स्क्रीन से परे उनकी रुचियों को खोजने और विकसित करने में सहायता करें.

स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट टूल एक्सप्लोर करें - जोशी कहते हैं कि समय समय पर इन नियमों का पालन हो रहा है या नहीं उसके प्रबंधन के लिए पैरेंटल कंट्रोल, स्क्रीन-टाइम मैनेजमेंट ऐप्स या उपकरणों पर उपलब्ध डिजिटल वेलबीइंग टूल्स का लाभ उठाएं. ये टूल्स आपके बच्चे के स्क्रीन समय को प्रभावी ढंग से मॉनिटर करने और सीमित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं. पैरेंटल लॉक के माध्यम से बच्चों की गतिविधयों की निगरानी रखी जा सकती, जैसे कौनसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दिन में कितनी देर देखा जा रहा है? डिवाइस को कितनी बार अनलॉक किया जा रहा है? दिन के किस समय पर क्या कार्य किया जा रहा है.

इन टूल के माध्यम से काम में लिए जाने वाले एप्प की समय सीमा, दिनभर के कुल स्क्रीन टाइम को निर्धारित किया जा सकता है.दिन के लिए निर्धारित समय से ज्यादा प्रयोग होने पर वह एप्प स्वतः ही काम नहीं करेगा एवं दैनिक निर्धारित समय से ज्यादा प्रयोग होने पर डिवाइस का स्वतः लॉक होना जैसी सुविधा प्राप्त होती है.माइक्रोसॉफ्ट एवं गूगल के पैरेंटल कण्ट्रोल, गूगल फॅमिली लिंक एप्प विकहिल एंटीवायरस पैरेंटल कण्ट्रोल, यूट्यूब किड्स इत्यादि सॉफ्टवेयर टूल्स अभिभावको के लिए उपयोगी हैं.

संवाद करें और लाभों की व्याख्या करें - स्क्रीन समय को सीमित करने के महत्व और अन्य गतिविधियों में संलग्न होने के लाभों के बारे में अपने बच्चे के साथ खुली चर्चा करें. उनके स्वास्थ्य, नींद, सामाजिक संपर्क और समग्र कल्याण पर अत्यधिक स्क्रीन समय के संभावित नकारात्मक प्रभावों को समझने में उनकी सहायता करें.

चुनौतीपूर्ण है, लेकिन जरूरी - प्रशांत कहते हैं कि स्क्रीन समय कम करना और वैकल्पिक गतिविधियों को शुरू करना एक धीमी एवं चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है. लेकिन इसके दीर्घकालिक पारिवारिक व सामाजिक लाभ है. पारिवारिक स्क्रीन टाइम नियम आपके परिवार के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य व साइबर सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे.

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