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Gehlot Government Reversed Decision : बीकानेर जिले में ही रहेंगे खाजूवाला और छत्तरगढ़, सरकार ने आचार संहिता से पहले पलटा फैसला

करीब 2 महीने से चल रहे आंदोलन के बाद खाजुवाला और छत्तरगढ़ के लोगों को जीत मिली है. सरकार ने दोनों क्षेत्रों के अनुपगढ़ जिले में शामिल करने के फैसले को पलटा है. अब ये दोनों तहसीलें यथावत रहेगी.

Khajuwala and Chhattargarh will remain in Bikaner
बीकानेर जिले में ही रहेंगे खाजूवाला और छत्तरगढ़
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 7, 2023, 11:22 AM IST

बीकानेर. प्रदेश में चुनाव आचार संहिता से पहले बीकानेर जिले को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री की नए जिले बनाने की घोषणा में अनुपगढ़ जिला भी शामिल था. सरकार ने इस नए जिले में बीकानेर जिले की दो तहसीलों को शामिल किया था. ये तहसीलें खाजूवाला और छत्तरगढ़ थी. सरकार के इस फैसले के बाद से ही इन दोनों तहसीलों के स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया था. राजनीतिक नुकसान की आशंका के मद्देनजर चुनाव से ठीक पहले अब सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए दोनों तहसीलों के बीकानेर जिले में ही रहने दिए जाने का निर्णय लिया है.

Khajuwala and Chhattargarh will remain in Bikaner
बीकानेर जिले में ही रहेंगे खाजूवाला और छत्तरगढ़

बता दें कि इस संबंध में करीब 2 महीने से स्थानीय लोगों का आंदोलन चल रहा था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ मंत्री गोविंद मेघवाल को लेकर भी लोगों में काफी आक्रोश था और 4 दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में भी मंत्री गोविंद मेघवाल ने इस मुद्दे को उठाया था. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर जनभावना के अनुरूप निर्णय करने की बात कही थी, साथ ही मंत्री रामलाल जाट को इस मामले को देखने के लिए निर्देश दिए थे.

पढ़ें : Rajasthan : राहुल गांधी को 'रावण' बताने पर भड़की कांग्रेस, जयपुर में जेपी नड्डा और अमित मालवीय के खिलाफ कोर्ट में परिवाद पेश

आचार संहिता से पहले हो गया निर्णय : प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है. ऐसे में कभी भी आचार संहिता लग सकती है. लगातार लोगों का दबाव मंत्री गोविंद मेघवाल पर बढ़ता जा रहा था. अब आचार संहिता से ठीक पहले सरकार ने यह निर्णय किया है कि दोनों क्षेत्रों को बीकानेर जिले से अलग नहीं किया जाएगा, जिसके बाद मंत्री गोविंद मेघवाल ने राहत की सांस ली है, वहीं जनता के आंदोलन की जीत हुई है.

कांग्रेस को हो सकता था नुकसान : माना जा रहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद लगातार लोगों के विरोध के चलते खाजूवाला में कांग्रेस को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता था. सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए भी नए जिले बनाए थे, लेकिन यहां मामला उल्टा पड़ सकता था. दोनों तहसीलों से विपक्ष की जीत की संभावना को देखते हुए सरकार ने अब निर्णय पलटा है. इस बड़े निर्णय के बाद मंत्री गोविंद मेघवाल के लिए भी जनता का सामना करना अब आसान होगा.

बीकानेर. प्रदेश में चुनाव आचार संहिता से पहले बीकानेर जिले को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला किया है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री की नए जिले बनाने की घोषणा में अनुपगढ़ जिला भी शामिल था. सरकार ने इस नए जिले में बीकानेर जिले की दो तहसीलों को शामिल किया था. ये तहसीलें खाजूवाला और छत्तरगढ़ थी. सरकार के इस फैसले के बाद से ही इन दोनों तहसीलों के स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया था. राजनीतिक नुकसान की आशंका के मद्देनजर चुनाव से ठीक पहले अब सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए दोनों तहसीलों के बीकानेर जिले में ही रहने दिए जाने का निर्णय लिया है.

Khajuwala and Chhattargarh will remain in Bikaner
बीकानेर जिले में ही रहेंगे खाजूवाला और छत्तरगढ़

बता दें कि इस संबंध में करीब 2 महीने से स्थानीय लोगों का आंदोलन चल रहा था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ मंत्री गोविंद मेघवाल को लेकर भी लोगों में काफी आक्रोश था और 4 दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में भी मंत्री गोविंद मेघवाल ने इस मुद्दे को उठाया था. मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर जनभावना के अनुरूप निर्णय करने की बात कही थी, साथ ही मंत्री रामलाल जाट को इस मामले को देखने के लिए निर्देश दिए थे.

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आचार संहिता से पहले हो गया निर्णय : प्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है. ऐसे में कभी भी आचार संहिता लग सकती है. लगातार लोगों का दबाव मंत्री गोविंद मेघवाल पर बढ़ता जा रहा था. अब आचार संहिता से ठीक पहले सरकार ने यह निर्णय किया है कि दोनों क्षेत्रों को बीकानेर जिले से अलग नहीं किया जाएगा, जिसके बाद मंत्री गोविंद मेघवाल ने राहत की सांस ली है, वहीं जनता के आंदोलन की जीत हुई है.

कांग्रेस को हो सकता था नुकसान : माना जा रहा था कि सरकार के इस निर्णय के बाद लगातार लोगों के विरोध के चलते खाजूवाला में कांग्रेस को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता था. सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए भी नए जिले बनाए थे, लेकिन यहां मामला उल्टा पड़ सकता था. दोनों तहसीलों से विपक्ष की जीत की संभावना को देखते हुए सरकार ने अब निर्णय पलटा है. इस बड़े निर्णय के बाद मंत्री गोविंद मेघवाल के लिए भी जनता का सामना करना अब आसान होगा.

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