बीकानेर. दुनिया में पर्यावरण असंतुलन को लेकर वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियां और बिश्नोई समाज के सिद्धांतों में समाधान विषय पर 4-5 फरवरी को दुबई में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन में धरती के पर्यावरण को बचाने को लेकर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन का आयोजन अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, जांभाणी साहित्य अकादमी और जोधपुर विश्वविद्यालय की गुरु जंभेश्वर पर्यावरण संरक्षण शोधपीठ की ओर से होगा. मंगलवार को जांभाणी साहित्य अकादमी की अध्यक्ष डॉ इंद्रा बिश्नोई ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण विश्व की ज्वलंत समस्याओं में शामिल है. 550 सालों से बिश्नोई समाज इसे लेकर चिंतित रहा है. पर्यावरण बचाने का यह संदेश विश्व के सामने ले जाने के लिए दुबई में होने वाले सम्मेलन के मंच का उपयोग किया जाएगा.
डॉ इंद्रा बिश्नोई ने कहा कि आज विश्व के सामने अनेक ज्वलंत समस्याएं हैं जिसमें पर्यावरण प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है. यह जितनी बड़ी समस्या है, अफसोस है कि इसके लिए प्रयास उतने ही कम हुए हैं. लगता है कि विश्व इसके प्रति गंभीर नहीं है. विकास के नाम पर आए दिन पर्यावरण की बलि दी जाती है. प्रकृति के विनाश के बदले किया गया विकास हमारे क्या काम आएगा. जब इस अतिक्रमण से आहत प्रकृति क्रुद्ध हो जाएगी और इस धरती पर संपूर्ण जीव प्रजातियां के साथ-साथ मनुष्य जीवन का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.
पढ़ें: बिश्नोई समाज और जाम्भाणी साहित्य अकादमी की ओर से दुबई में आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन
550 सालों से विश्नोई समाज उदाहरण: उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज विश्व भर में धरती पर एक मात्र ऐसा समाज है, जो पिछले 550 सालों से पर्यावरण प्रदूषण को लेकर चिंतित है और इसके समाधान के लिए गंभीर प्रयास भी कर रहा है. इसका साक्ष्य यही है कि इन वर्षों में इस समाज के हजारों लोगों ने वृक्षों और वन्य जीवन को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया है. अब समाज का यह उद्देश्य है कि यह पर्यावरण संरक्षण का संदेश भारत से बाहर भी जाए और इसके दुबई को चुना गया है.
पढ़ें: पर्यावरण व पक्षी बचाने के लिए पंचायत समिति की अनूठी पहल, पेड़ों पर बनाए भित्ति चित्र
कई देशों के विशेषज्ञ शामिल: इंद्रा विश्नोई ने कहा कि इस सम्मेलन के लिए कई देशों से करीब 500 से ज्यादा विषय विशेषज्ञों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और 2 दिन में अलग-अलग क्षेत्रों पर विषय विशेषज्ञ अपने शोध प्रस्तुत करेंगे और चर्चा करेंगे. इस दौरान आईपीएस देवेंद्र बिश्नोई ने जानकारी देते हुए बताया कि देश-विदेश के अलग-अलग विश्वविद्यालय से जुड़े हुए पर्यावरण विशेषज्ञ इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में शामिल होंगे. सम्मेलन के दौरान आए सुझावों को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की ओर से केंद्र और राज्य सरकार को भेजा जाएगा. ताकि पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नीति बनाकर काम किया जा सके.
खेजड़ली के शहीदों की याद में पौधारोपण: इस दौरान शारजाह यूनिवर्सिटी कैंपस, स्काईलाइन यूनिवर्सिटी कॉलेज में विक्टोरिया स्पोर्ट्स अकेडमी के खेल मैदान में खेजड़ली बलिदान के शहीदों को समर्पित 363 खेजड़ी के वृक्ष लगाए जाएंगे. सेमिनार में बिश्नोई महासभा के संरक्षक पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बुड़िया, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी, पंजाब के पूर्व मंत्री राणा सोढ़ी सहित अनेक व्यक्ति इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे.