ETV Bharat / state

बीकानेरः सरकारी अस्पताल के कर्मचारी ने तीमारदार से वसूला पैसा तो कलेक्टर ने लगाई फटकार...दी ये हिदायत - government hospital inspection

जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया. जहां हैरान करने वाला मामला सामने आया निरीक्षण करते समय जब कलेक्टर ने आमजन से बात की तो एक व्यक्ति ने बताया कि अस्पताल में उससे एक हजार रूपए लिए गए है. जिस पर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी जताई.

सरकारी अस्पताल में जिला कलेक्टर का निरीक्षण
author img

By

Published : Sep 3, 2019, 11:31 PM IST

बीकानेर. जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया. जहां निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सहायक कर्मचारी का रिश्वत लेने का वाकया सामने आया. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अस्पताल में कोई व्यक्ति शौक में नहीं मजबूरी में आता है. यहां आए गरीब वंचित मरीज के साथ सहानुभूति रखने के बजाए इस तरह का व्यवहार सभ्यता की निशानी नहीं हैं.

दरअसल, जिला कलेक्टर जब मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, तो इसी दौरान अस्पताल के कोरिडोर में बैठे एक व्यक्ति राकेश से बाचतीत की. कलेक्टर ने जब उससे बात की तो उस व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी रेखा अस्पताल में भर्ती है. जिला कलेक्टर ने उससे पूछा कि क्या अस्पताल की सुविधाओं से वह संतुष्ट है तो राकेश ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर ने उससे एक हजार रूपए लिए हैं.

सरकारी अस्पताल में जिला कलेक्टर का निरीक्षण

इस पर जिला कलेक्टर ने डॉक्टर को बुला कर पूछा तो डॉक्टर ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और कहा कि पैसे शायद सहायक कर्मी ने लिए हों. जिस पर सहायक कर्मचारी संतोष को बुलया गया और पैसे लेने की बात पूछी. इस पर सहायक कर्मचारी ने 900 रूपए लेने की बात स्वीकारी. वहीं, पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि कर्मचारी उससे दो हजार रूपए की मांग कर रहा था. लेकिन, पीड़ित ने कहा कि उसके पास एक हजार रूपए ही हैं, जिस पर सहायक कर्मचारी ने उसे सौ रूपए लौटा कर 900 रूपए रख लिए.

पढ़ें- केंद्र के नए व्हीकल एक्ट को गहलोत सरकार की ना...परिवहन मंत्री ने कहा- हम खुद तय करेंगे कितना वसूला जाएगा जुर्माना

इतना सुनते ही जिला कलेक्टर ने कर्मचारी को फटकार लगाते हुए पैसे लौटाने के आदेश दिए. कलेक्टर कुमार पाल ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक को भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होने संबंधी सख्त हिदायत दी. जिला कलेक्टर ने उपखंड अधिकारी कार्यालय और तहसील कार्यालय का भी निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने हाईवे पर स्थित विवादास्पद भूमि का निरीक्षण किया जिस पर वर्तमान में स्टे है.

जिला कलेक्टर ने कहा कि यह जगह अस्पताल के लिए उपयोगी है साथ ही कहा कि दोनों पक्षों से बातचीत की जाएगी और इस मामले का निस्तारण करके अस्पताल के लिए जमीन का उपयोग करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं इस दौरान जिला कलेक्टर ने आमजन की समस्या सुनी और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए. इस अवसर पर उपखंड अधिकारी सविना विश्नोई, तहसीलदार सुभाषचंद और पालिका के अधिशासी अधिकारी भवानी शंकर शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे.

बीकानेर. जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण किया. जहां निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सहायक कर्मचारी का रिश्वत लेने का वाकया सामने आया. जिसके बाद जिला कलेक्टर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अस्पताल में कोई व्यक्ति शौक में नहीं मजबूरी में आता है. यहां आए गरीब वंचित मरीज के साथ सहानुभूति रखने के बजाए इस तरह का व्यवहार सभ्यता की निशानी नहीं हैं.

दरअसल, जिला कलेक्टर जब मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, तो इसी दौरान अस्पताल के कोरिडोर में बैठे एक व्यक्ति राकेश से बाचतीत की. कलेक्टर ने जब उससे बात की तो उस व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी रेखा अस्पताल में भर्ती है. जिला कलेक्टर ने उससे पूछा कि क्या अस्पताल की सुविधाओं से वह संतुष्ट है तो राकेश ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टर ने उससे एक हजार रूपए लिए हैं.

सरकारी अस्पताल में जिला कलेक्टर का निरीक्षण

इस पर जिला कलेक्टर ने डॉक्टर को बुला कर पूछा तो डॉक्टर ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और कहा कि पैसे शायद सहायक कर्मी ने लिए हों. जिस पर सहायक कर्मचारी संतोष को बुलया गया और पैसे लेने की बात पूछी. इस पर सहायक कर्मचारी ने 900 रूपए लेने की बात स्वीकारी. वहीं, पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि कर्मचारी उससे दो हजार रूपए की मांग कर रहा था. लेकिन, पीड़ित ने कहा कि उसके पास एक हजार रूपए ही हैं, जिस पर सहायक कर्मचारी ने उसे सौ रूपए लौटा कर 900 रूपए रख लिए.

पढ़ें- केंद्र के नए व्हीकल एक्ट को गहलोत सरकार की ना...परिवहन मंत्री ने कहा- हम खुद तय करेंगे कितना वसूला जाएगा जुर्माना

इतना सुनते ही जिला कलेक्टर ने कर्मचारी को फटकार लगाते हुए पैसे लौटाने के आदेश दिए. कलेक्टर कुमार पाल ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक को भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होने संबंधी सख्त हिदायत दी. जिला कलेक्टर ने उपखंड अधिकारी कार्यालय और तहसील कार्यालय का भी निरीक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने हाईवे पर स्थित विवादास्पद भूमि का निरीक्षण किया जिस पर वर्तमान में स्टे है.

जिला कलेक्टर ने कहा कि यह जगह अस्पताल के लिए उपयोगी है साथ ही कहा कि दोनों पक्षों से बातचीत की जाएगी और इस मामले का निस्तारण करके अस्पताल के लिए जमीन का उपयोग करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं इस दौरान जिला कलेक्टर ने आमजन की समस्या सुनी और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए. इस अवसर पर उपखंड अधिकारी सविना विश्नोई, तहसीलदार सुभाषचंद और पालिका के अधिशासी अधिकारी भवानी शंकर शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल है आए दिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रिश्वतखोर कारिंदों को पकड़ने की कार्रवाई करता है बावजूद इसके सिस्टम में भ्रष्टाचार पूरी तरह से घुसा हुआ नजर आता है।Body:बीकानेर। गरीब आदमी से पैसे लेते हुए दिल नहीं पसीजता। किसी की मदद करने के बजाए उसकी जेब काटते हुए हाथ नहीं कांपते। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करते हुए यह बात कही। अस्पताल की सहायक कर्मचारी द्वारा रिश्वत लेने का वाकया सामने आने पर जिला कलक्टर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अस्पताल में कोई व्यक्ति शौक में नहीं मजबूरी में आता है। यहां आए गरीब वंचित मरीज के साथ सहानुभूति रखने के बजाए इस तरह का व्यवहार सभ्यता की निशानी नहीं हैं। दरअसल जिला कलक्टर जब मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे, तो इसी दौरान अस्पताल के कोरिडोर में बैठे एक व्यक्ति राकेश से बाचतीत की। जिला कलक्टर ने जब उससे बात की, तो उस व्यक्ति ने बताया कि उसकी पत्नी रेखा अस्पताल में भर्ती है। जिला कलक्टर ने उससे पूछा कि क्या अस्पताल की सुविधाओं से वह संतुष्ट है तो राकेश ने बताया कि अस्पताल में डाक्टर ने उससे एक हजार रूपए लिए हैं। इस पर जिला कलक्टर ने डाक्टर को बुला कर पूछा तो डाॅक्टर ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और कहा कि पैसे शायद सहायक कर्मी ने लिए हों। इसके बाद जिला कलक्टर ने सहायक कर्मचारी संतोष को बुलवा कर पैसे लेने की बात पूछी। इस पर सहायक कर्मचारी ने 900 रूपए लेने की बात स्वीकारी। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि जब उसने कर्मचारी ने दो हजार रूपए थे पर जब उसने कहा कि उसके पास केवल 1 हजार ही रूपए है तो उसने सौ रूपए लौटा कर 900 रूपए रख लिए। इतना सुनते ही जिला कलक्टर ने कर्मचारी को फटकार लगाते हुए पैसे लौटाने के आदेश दिए। इसके बाद सहायक कर्मचारी ने पैसे लौटा दिए। जिला कलक्टर ने अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक को भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होने देने की सख्त हिदायत दी।
Conclusion:जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारी कार्यालय व तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने हाईवे पर स्थित विवादास्पद भूमि का निरीक्षण किया। जिस पर वर्तमान में स्टे है। जिला कलक्टर ने कहा कि यह जगह अस्पताल के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से बातचीत की जाएगी और इस मामले का निस्तारण करके अस्पताल के लिए जमीन का उपयोग करने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान जिला कलक्टर ने आमजन की समस्या सुनी और सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर उप खंड अधिकारी सविना विश्नोई, तहसीलदार सुभाषचंद व पालिका के अधिशासी अधिकारी भवानी शंकर शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.