बीकानेर. शनिवार का दिन सूर्यपुत्र शनिदेव को समर्पित है इनकी माता का नाम छाया है. भगवान शनिदेव न्याय के देवता है और कर्मों के हिसाब से फल देते है इसलिए शनि की वक्रदृष्टि से बचने के लिए सही कर्म करने चाहिए. शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने और शनि की वक्र दृष्टि से बचने के लिए शनिदेव का पूजन दर्शन करना चाहिए.
विनायक चतुर्थी का संयोग : शनिवार के दिन विनायक चतुर्थी का होना काफी महत्व रखता है. इस दिन भगवान श्रीगणेश और भगवान शनिदेव दोनों की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. विनायक चतुर्थी के दिन विधि-विधान से पूजा और कथा सुनने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. इस दिन व्रत को करने से सभी बाधा संकट दूर होते हैं और मनोकामना पूरी होती हैं.
चढ़ाएं तेल तिल : शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही शनि मंदिर जाकर तेल और काले तिल भी चढ़ाने चाहिए शनिवार के दिन शनि मंत्र का 108 बार उच्चारण करने से राहत मिलती है. शनि मंत्रों का जाप करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
12 ज्योर्तिलिंग का स्मरण भी हरता संकट : शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार को भगवान शंकर के 12 ज्योर्तिलिंग का स्मरण और नाम लेने से भी शनिदेव प्रसन्न होते है और शनि का दोष खत्म होता है.
बजरंगबली की पूजा : शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सूर्यास्त के बाद बजरंगबली की पूजा करें. कहा जाता है कि हनुमान जी को पूजने वाले भक्तों को शनिदेव कभी भी कष्ट नहीं देते हैं. इस दिन सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए.
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आंखों में न देखें : शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए. प्रार्थना के समय इन बातों का ध्यान न रखने से उनकी दृष्टि सीधे आप पर पड़ती है और अनजाने में ही शनिदेव के कोप के शिकार बन सकते हैं.