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Exclusive : राजस्थान डिस्कॉम के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण ! गहलोत सरकार के 'फ्री' बिजली पर उठे सवाल - Free Electricity Scheme in Rajasthan

Gehlot Government Free Electricity, राजस्थान में गहलोत सरकार का 'मास्टरस्ट्रोक' अब सवालों के घेरे में आता हुआ नजर आ रहा है. खुद बिजली कंपनी के CMD ने वित्तीय चुनौतियों का हवाला देते हुए नई देनदारी से बचने को लेकर बिजली कंपनियों के MD को पत्र लिखा है. यहां जानिए पूरा मामला...

Discom Condition in Rajasthan
डिस्कॉम के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 30, 2023, 10:04 AM IST

Updated : Sep 30, 2023, 10:22 AM IST

महावीर रांका ने क्या कहा...

बीकानेर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली और 200 यूनिट तक सभी तरह के चार्ज माफ करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की और उसको लेकर बिजली कंपनियों को सरकार के स्तर पर घाटा पूरा करने की बात कही थी. सरकार की घोषणा के बाद अब बिजली कंपनियां के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. ऐसा खुद बिजली कंपनी के CMD ने स्वीकार किया है.

प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली माफ करने के साथ ही 200 यूनिट तक सभी चार प्रकार के चार्ज माफ करने को लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी. विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का यह मास्टरस्ट्रोक माना गया, लेकिन विपक्ष ने बिजली कंपनियों के घाटे को लेकर सरकार से सवाल खड़े किए थे. हालांकि, सरकार के स्तर पर बिजली कंपनियों की घाटे को पूरा करने की बात कही गई. अब खुद राजस्थान के डिस्कॉम अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस भास्कर ए. सावंत ने प्रदेश की सभी डिस्कॉम के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण होने की बात स्वीकार करते हुए सभी कंपनियों के एमडी को पत्र लिखा है.

पढ़ें : राजस्थान में 200 यूनिट तक बिजली पर नहीं लगेगा कोई चार्ज, गहलोत की नई सौगात

तीनों बिजली कंपनियां अजमेर, जोधपुर और जयपुर वितरण निगम लिमिटेड के एमडी को लिखे पत्र में भास्कर ए. सावंत ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान डिस्कॉम के सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण वित्तीय परिस्थितियों के मद्देनजर, डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया जाता है कि वे डिस्कॉम पर किसी भी नई देनदारी वाले नए कार्यों को करने से बचें, जब तक कि इसकी बिल्कुल आवश्यकता न हो. इसे सुनिश्चित करने के लिए, यह अनिवार्य है कि नए कार्यों पर होने वाले सभी नए खर्चों की जानकारी पहले मिलनी चाहिए. पत्र में सभी एचडी को आवश्यकता होने पर डिस्काम के अध्यक्ष से इसकी स्वीकृति लेनी होगी और इसके लिए व्यय का प्रस्ताव करते समय कार्य की प्रकृति, व्यय का उद्देश्य और इसकी समग्र उपयोगिता का संक्षिप्त विवरण प्रदान करना आवश्यक है.

Economic Situation as Challenging
बिजली कंपनियों के MD को पत्र

भाजपा ने खड़े किए सवाल : सरकार की ओर से फ्यूल चार्ज को लेकर बीकानेर में आंदोलन करने वाले भाजपा नेता महावीर रांका ने डिस्कॉम सीएमडी के इस पत्र को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि केवल चुनाव से पहले सरकार वाहवाही लूटने के लिए घोषणा कर रही है, जबकि खुद बिजली कंपनी के सीएमडी आर्थिक हालात खराब होने की बात स्वीकार कर रहे हैं. जिससे यह साफ है कि आने वाले समय में बिजली कंपनियों को और चुनौती झेलनी होगी. उन्होंने कहा कि आमजन को राहत देने के लिए सरकार यदि घोषणा करना चाहती है तो बिजली कंपनियों के घाटे को भी पूरा करने के लिए सरकार को बजट का प्रावधान करना चाहिए और उसे पूरा करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जिसके चलते अब इस तरह के हालात हो रहे हैं.

बढ़ रहा है घाटा : दरअसल, बिजली कंपनियां का घाटा लगातार बढ़ रहा है और सरकार की इस तरह की घोषणाओं से बिजली कंपनियों के पास दैनिक स्तर पर उपभोक्ताओं से आने वाली बिजली के बिल का भुगतान नहीं आता है. जिसके चलते कैश फ्लो की समस्या भी होने लग गई है.

महावीर रांका ने क्या कहा...

बीकानेर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले दिनों बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली और 200 यूनिट तक सभी तरह के चार्ज माफ करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की और उसको लेकर बिजली कंपनियों को सरकार के स्तर पर घाटा पूरा करने की बात कही थी. सरकार की घोषणा के बाद अब बिजली कंपनियां के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. ऐसा खुद बिजली कंपनी के CMD ने स्वीकार किया है.

प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली माफ करने के साथ ही 200 यूनिट तक सभी चार प्रकार के चार्ज माफ करने को लेकर पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी. विधानसभा चुनाव से पहले सरकार का यह मास्टरस्ट्रोक माना गया, लेकिन विपक्ष ने बिजली कंपनियों के घाटे को लेकर सरकार से सवाल खड़े किए थे. हालांकि, सरकार के स्तर पर बिजली कंपनियों की घाटे को पूरा करने की बात कही गई. अब खुद राजस्थान के डिस्कॉम अध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस भास्कर ए. सावंत ने प्रदेश की सभी डिस्कॉम के हालात आर्थिक स्तर पर चुनौतीपूर्ण होने की बात स्वीकार करते हुए सभी कंपनियों के एमडी को पत्र लिखा है.

पढ़ें : राजस्थान में 200 यूनिट तक बिजली पर नहीं लगेगा कोई चार्ज, गहलोत की नई सौगात

तीनों बिजली कंपनियां अजमेर, जोधपुर और जयपुर वितरण निगम लिमिटेड के एमडी को लिखे पत्र में भास्कर ए. सावंत ने कहा कि वर्तमान में राजस्थान डिस्कॉम के सामने आने वाली चुनौतीपूर्ण वित्तीय परिस्थितियों के मद्देनजर, डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया जाता है कि वे डिस्कॉम पर किसी भी नई देनदारी वाले नए कार्यों को करने से बचें, जब तक कि इसकी बिल्कुल आवश्यकता न हो. इसे सुनिश्चित करने के लिए, यह अनिवार्य है कि नए कार्यों पर होने वाले सभी नए खर्चों की जानकारी पहले मिलनी चाहिए. पत्र में सभी एचडी को आवश्यकता होने पर डिस्काम के अध्यक्ष से इसकी स्वीकृति लेनी होगी और इसके लिए व्यय का प्रस्ताव करते समय कार्य की प्रकृति, व्यय का उद्देश्य और इसकी समग्र उपयोगिता का संक्षिप्त विवरण प्रदान करना आवश्यक है.

Economic Situation as Challenging
बिजली कंपनियों के MD को पत्र

भाजपा ने खड़े किए सवाल : सरकार की ओर से फ्यूल चार्ज को लेकर बीकानेर में आंदोलन करने वाले भाजपा नेता महावीर रांका ने डिस्कॉम सीएमडी के इस पत्र को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि केवल चुनाव से पहले सरकार वाहवाही लूटने के लिए घोषणा कर रही है, जबकि खुद बिजली कंपनी के सीएमडी आर्थिक हालात खराब होने की बात स्वीकार कर रहे हैं. जिससे यह साफ है कि आने वाले समय में बिजली कंपनियों को और चुनौती झेलनी होगी. उन्होंने कहा कि आमजन को राहत देने के लिए सरकार यदि घोषणा करना चाहती है तो बिजली कंपनियों के घाटे को भी पूरा करने के लिए सरकार को बजट का प्रावधान करना चाहिए और उसे पूरा करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. जिसके चलते अब इस तरह के हालात हो रहे हैं.

बढ़ रहा है घाटा : दरअसल, बिजली कंपनियां का घाटा लगातार बढ़ रहा है और सरकार की इस तरह की घोषणाओं से बिजली कंपनियों के पास दैनिक स्तर पर उपभोक्ताओं से आने वाली बिजली के बिल का भुगतान नहीं आता है. जिसके चलते कैश फ्लो की समस्या भी होने लग गई है.

Last Updated : Sep 30, 2023, 10:22 AM IST
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