बीकानेर. जिले में नौशाद एकेडमी ऑफ हिंदुस्तान सिनेमा और अमन कला केंद्र के तत्वावधान में रविवार को महारानी सुदर्शना कला दीर्घा में पोस्टर प्रदर्शनी की आयोजन किया गया. जिसमें वर्ष 1930 से 1950 तक बनी फिल्मों के फ्लेक्स पोस्टर, वर्ष 1951 से लेकर 2000 तक बनी हिंदी फिल्मों के पोस्टर प्रदर्शित किए गए हैं.
वहीं इस प्रदर्शनी में इस बार जिले के उन स्थानों के पोस्टर और फोटो को भी प्रदर्शित किया गया है. जहां पर हिंदी फिल्मों के सीन फिल्माया गए थे. इस प्रदर्शनी को देखने वाले दर्शकों का कहना है कि आधुनिक युग में ऐसे पोस्टरों को देखना अपने आप में अनूठा अनुभव है और युवा पीढ़ी के लिए उस दौर से रूबरू होने का अवसर देता है.
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संस्था के एम रफीक ने बताया कि 1972 से किसी ना किसी रूप में फिल्मी दुनिया से जुड़े रहे हैं, उस दौर में लोग सिर्फ फिल्मों के पोस्टर देखने के लिए सिनेमा हाल तक पंहुचते थे, लेकिन आज के जमाने में जहां फिल्मों के प्रमोशन के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
वहीं उस दौर में फिल्मों के प्रचार के लिए बनाए जाने वाले पोस्टरों में कलाकार अपनी कला से अदाकारों का चित्रण कर लोगों को फिल्मों के लिए आकर्षित करते थे, लेकिन समय के तकनीकी में आए बदलाव के चलते अब यह पोस्टर केवल प्रदर्शनीयों की शोभा बढ़ा रहा है.