बीकानेर. सरकारी कार्यालयों में लापरवाही की अक्सर शिकायतें मिलती है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक ऐसे मामले में गंभीर लापरवाही कर दी जो पूरे प्रदेश में सरकार के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है. दरअसल, रीट परीक्षा में नकल और पेपर लीक प्रकरण के मामले में मास्टरमाइंड शिक्षक अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह की भूमिका सामने आने के बाद उसको बर्खास्त कर दिया गया था. शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को सिरोही जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसकी सूचना दी थी. शेर सिंह मीणा सिरोही में ही कार्यरत था और पदोन्नति आदेश में उसका नाम होने के बाद सोशल मीडिया पर इस को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी, जिसके बाद शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के ध्यान में यह मामला लाया गया.
अवकाश के दिन जारी हुए आदेश : रीट मामले में बर्खास्त शिक्षक के पदोन्नति आदेश जारी होने की गंभीर लापरवाही का मामला संज्ञान में आने के बाद निदेशक गौरव अग्रवाल ने रविवार को भी इस बारे में अधिकारियों से जानकारी लेते हुए पदोन्नति आदेश में संशोधित आदेश जारी किया. उन्होंने अनिल कुमार मीणा के पदोन्नति आदेश को निरस्त करने के आदेश जारी किए. निदेशक गौरव अग्रवाल ने आदेश जारी किया गया.
जारी आदेश में कहा गया कि राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से प्राचार्य और समकक्ष पदों पर पदोन्नति हेतु गठित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक के बाद प्राचार्य-समकक्ष पद डीपीसी वर्ष 2022-23 के लिए क्रम संख्या 46 वरिष्ठता नं. 116 वरिष्ठता वर्ष 2022-23 द्वारा अनिल कुमार मीणा का पदोन्नति पर पदस्थापन महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय भवरी सिरोही (MAHATMA GANDHI GOVT SCHOOL BHAWARI SIROHI) से सरकारी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धरसर (505305) बाड़मेर (GOVT. GIRLS SENIOR SECONDARY SCHOOL DHARASAR (505305) BARMER) किया गया था. उक्त पदस्थापन आदेश को निरस्त कर दिया गया है. हालांकि इन आदेशों में किसी भी प्रकार का कोई जिक्र नहीं किया गया है.
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किस स्तर पर हुई लापरवाही : दरअसल अवकाश के दिन संशोधित आदेश जारी करने की कार्यवाही को शिक्षा निदेशक ने पूरा कर लिया है, लेकिन बताया जा रहा है कि अब इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और सोमवार को शिक्षा निदेशक ने कुछ अधिकारियों को तलब भी किया है.