बीकानेर. प्रदेश में नई सरकार का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर भाजपा में अंदरखाने में कवायत शुरू है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा महंत बालक नाथ, ओम बिरला, ओमप्रकाश माथुर, अर्जुन मेघवाल के नाम को लेकर चर्चा जरूर चल रही है, लेकिन अभी तक यह सिर्फ कयास ही है. वहीं, इन सबके बीच सोमवार को वसुंधरा राजे से करीब पांच दर्जन विधायक मिलने पहुंचे और कइयों ने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहली पसंद वसुंधरा राजे को बताया. बात करें बीकानेर जिले की तो 6 चुने गए भाजपा विधायकों में से तीन विधायकों पर राजे का सीधा प्रभाव नजर आता है. वहीं, बाकी तीन में दो संघ की लॉबी से और एक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के समर्थक हैं.
सिद्धि कुमारी : बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार चुनी गईं भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी को राजनीति में लाने का श्रेय वसुंधरा राजे को जाता है. जब 2008 में हुए परिसीमन के बाद नई बनी सीट बीकानेर पूर्व सीट पर बीकानेर रियासत की पूर्व राजकुमारी सिद्धि कुमारी की राजनीति में सीधे भाजपा से टिकट दिलवाकर वसुंधरा राजे ने ही एंट्री करवाई थी. ऐसे में यह संभव है कि जब आलाकमान विधायकों से राय पूछकर फैसला करें तो सिद्धि की पहली पसंद वसुंधरा राजे ही होंगी.
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डॉ. विश्वनाथ : बीकानेर जिले की एकमात्र खाजूवाला सुरक्षित सीट से प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल को चुनाव जीतने वाले डॉ. विश्वनाथ पिछली वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव थे. बीकानेर जिले की सात विधानसभा सीटों में से एकमात्र खाजूवाला विधानसभा सीट पर ही वसुंधरा राजे ने चुनाव प्रचार के दौरान जनसभा की और डॉ. विश्वनाथ के लिए वोट मांगे. मूल रूप से चूरू से ताल्लुक रखने वाले डॉ. विश्वनाथ की 2008 में परिसीमन के बाद नई बनी सीट पर राजनीति में एंट्री भाजपा की टिकट के साथ हुई थी. इससे पहले डॉ. विश्वनाथ सरकारी चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे थे. कहा जाता है कि तब तब राजेंद्र राठौड़ ने डॉ. विश्वनाथ को वसुंधरा राजे से मिलवाया और उनका राजनीति में पदार्पण हुआ. तब से ही डॉ. विश्वनाथ वसुंधरा कैंप के माने जाते हैं और विधायकों की राय के मुद्दे पर इनका समर्थन भी वसुंधरा राजे के साथ होगा.
अंशुमान सिंह भाटी : बीकानेर जिले की कोलायत विधानसभा सीट से प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को लंबे अंतर से हारने वाले प्रदेश के सबसे युवा विधायक के रूप में अंशुमान सिंह भाटी जीते हैं. पूर्व मंत्री और कद्दावर भाजपा नेता देवी सिंह भाटी के पौत्र अंशुमान सिंह भाटी चुनावी राजनीति में पहली बार उतरे हैं. देवी सिंह भाटी और वसुंधरा राजे के राजनीतिक रिश्ते जगजाहिर हैं. कुछ महीने पहले भाजपा में शामिल होने से पहले देवी सिंह भाटी ने मुखरता से वसुंधरा राजे को ही राजस्थान की कमान सौंपने की बात कही थी. ऐसे में तय है कि यदि विधायकों के नंबर गेम के आधार पर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर निर्णय होने पर अंशुमान सिंह भाटी भी वसुंधरा राजे के साथ रहेंगे.
वहीं, बीकानेर जिले के लूणकरणसर से विधायक सुमित गोदारा केंद्रीय मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन मेघवाल के समर्थक माने जाते हैं. जबकि बीकानेर पश्चिम से पहली बार चुने गए जेठानंद व्यास संघ पृष्ठभूमि से आते हैं. श्रीडूंगरगढ़ से पहली पर चुने गए ताराचंद सारस्वत संघ पृष्ठभूमि के साथ ही अर्जुन मेघवाल से भी सीधे जुड़े हैं.