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Chandra Grahan 2023: साल का आखिरी चंद्रग्रहण कल, शरद पूर्णिमा के संयोग, लेकिन मंदिरों के कपाट रहेंगे बंद - शरद पूर्णिमा के चलते कपाट बंद

2023 साल का आखिरी चंद्रग्रहण शनिवार को होगा. इस दौरान शरद पूर्णिमा होने के चलते मंदिर के कपाट बंद रहेंगे और भगवान को खीर का भोग नहीं लगाया जा सकेगा.

Chandra Grahan 2023
साल का आखिरी चंद्रग्रहण कल
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 27, 2023, 7:27 PM IST

बीकानेर. इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण शनिवार को होगा. शरद पूर्णिमा के दिन ग्रहण होने से लोगों को ग्रहण के प्रभाव को लेकर कई भ्रांतियां है. क्योंकि शरद पूर्णिमा की रात को खीर को खुले आसमान में चांद की रोशनी में रखकर अगले दिन ग्रहण करने की परंपरा है. माना जाता है इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण खीर प्रसाद नहीं बनाया जा सकेगा. क्योंकि ग्रहण काल में विशेष परिस्थितियों को छोड़कर खाद्यान्न खाना निषेध बताया गया है.

इस साल का आखिरी अंतिम चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को होगा. मंदिरों में भी शरद पूर्णिमा के चलते कपाट बंद होने से भगवान को खीर का भोग नहीं लगाया जा सकेगा. बीकानेर के पंडित पञ्चांगकर्ता राजेन्द्र किराडू ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विन शुक्ल पूर्णिमा को दिखाई देगा. शनिवार को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका, हिन्द महासागर और सम्पूर्ण भारत में खंड ग्रास रूप में दिखाई देगा. इस ग्रहण का स्पर्श 28 अक्टूबर की रात को 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2 बजकर 22 मिनट बजकर 39 सेकंड पर होगा. ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट 21 सेकंड होगी. ग्रहण का सूतक शनिवार को शाम 4 बजकर 5 मिनट को ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा.

पढ़ें: Chandra Grahan 2023 : दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल, जानिए 14 अक्टूबर को सूर्य तो 28 को चंद्रग्रहण पर क्या होगा असर

अलग-अलग राशियों में प्रभाव:

किराडू ने बताया कि ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र पर घटित हो रहा है. अत: अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि के जातकों के लिए यह ज्यादा अशुभ प्रद रहेगा. अन्य राशि वाले जातकों के लिए फल इस प्रकार रहेगा:

पढ़ें: चंद्रग्रहण का सबसे आसान-अचूक उपाय, सूतक और ग्रहण काल में जरूर करें ये काम

  1. मेष, वृषभ, कन्या, मकर-अशुभ फल
  2. सिंह, तुला धनु मीन-सामान्य मध्य
  3. मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ-शुभ सुखद

तीर्थ स्नान का महत्व: किराडू ने बताया कि काली वस्तुओं में तेजी, ज्वार, पीत रक्त वस्त्र, तांबा आदि पदार्थो में तेजी आएगी. ग्रहण के दिन गंगा कुरुक्षेत्र आदि पुण्य तीर्थों पर स्नान दान का विशेष महत्व धर्म शास्त्र मे बतलाया है. किराडू ने बताया कि दान खंड पुस्तक (धार्मिक ग्रंथ) के अनुसार चन्द्रग्रहण में सफेद चंदन, सुगंध युक्त पदार्थ, चांदी, वस्त्र, अन्नदान, गौदान, घी दान, स्वर्ण और नमक दान करना चाहिए. सफेद वस्तु जैसे चावल, चीनी, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.

बीकानेर. इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण शनिवार को होगा. शरद पूर्णिमा के दिन ग्रहण होने से लोगों को ग्रहण के प्रभाव को लेकर कई भ्रांतियां है. क्योंकि शरद पूर्णिमा की रात को खीर को खुले आसमान में चांद की रोशनी में रखकर अगले दिन ग्रहण करने की परंपरा है. माना जाता है इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण खीर प्रसाद नहीं बनाया जा सकेगा. क्योंकि ग्रहण काल में विशेष परिस्थितियों को छोड़कर खाद्यान्न खाना निषेध बताया गया है.

इस साल का आखिरी अंतिम चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को होगा. मंदिरों में भी शरद पूर्णिमा के चलते कपाट बंद होने से भगवान को खीर का भोग नहीं लगाया जा सकेगा. बीकानेर के पंडित पञ्चांगकर्ता राजेन्द्र किराडू ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विन शुक्ल पूर्णिमा को दिखाई देगा. शनिवार को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका, हिन्द महासागर और सम्पूर्ण भारत में खंड ग्रास रूप में दिखाई देगा. इस ग्रहण का स्पर्श 28 अक्टूबर की रात को 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2 बजकर 22 मिनट बजकर 39 सेकंड पर होगा. ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट 21 सेकंड होगी. ग्रहण का सूतक शनिवार को शाम 4 बजकर 5 मिनट को ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा.

पढ़ें: Chandra Grahan 2023 : दो ग्रहण करेंगे सौर मंडल में उथल-पुथल, जानिए 14 अक्टूबर को सूर्य तो 28 को चंद्रग्रहण पर क्या होगा असर

अलग-अलग राशियों में प्रभाव:

किराडू ने बताया कि ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र पर घटित हो रहा है. अत: अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि के जातकों के लिए यह ज्यादा अशुभ प्रद रहेगा. अन्य राशि वाले जातकों के लिए फल इस प्रकार रहेगा:

पढ़ें: चंद्रग्रहण का सबसे आसान-अचूक उपाय, सूतक और ग्रहण काल में जरूर करें ये काम

  1. मेष, वृषभ, कन्या, मकर-अशुभ फल
  2. सिंह, तुला धनु मीन-सामान्य मध्य
  3. मिथुन, कर्क, वृश्चिक, कुंभ-शुभ सुखद

तीर्थ स्नान का महत्व: किराडू ने बताया कि काली वस्तुओं में तेजी, ज्वार, पीत रक्त वस्त्र, तांबा आदि पदार्थो में तेजी आएगी. ग्रहण के दिन गंगा कुरुक्षेत्र आदि पुण्य तीर्थों पर स्नान दान का विशेष महत्व धर्म शास्त्र मे बतलाया है. किराडू ने बताया कि दान खंड पुस्तक (धार्मिक ग्रंथ) के अनुसार चन्द्रग्रहण में सफेद चंदन, सुगंध युक्त पदार्थ, चांदी, वस्त्र, अन्नदान, गौदान, घी दान, स्वर्ण और नमक दान करना चाहिए. सफेद वस्तु जैसे चावल, चीनी, वस्त्र आदि का दान करना चाहिए.

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