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चैत्र नवरात्रि 2023: बुधवार के दिन अष्टमी का बना है विशेष संयोग, जानिए क्या है महत्व - बुधवार का दिन क्यों है महत्वपूर्ण की खबरें

सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में भगवान गणेश का आशीर्वाद अत्यंत ही लाभदायक होता है. इनकी पूजा करने से साधक को कई लाभ मिलते हैं. भगवान गणेश की पूजा करने से न केवल बुद्धिमत्ता और ज्ञान में वृद्धि बल्कि जीवन में आ रहे कष्ट भी दूर होते हैं. इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहते हैं.

भगवान गणेश
भगवान गणेश
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Published : Mar 29, 2023, 7:49 AM IST

बीकानेर. जीवन में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य और नए व्यापार की शुरुआत के लिए बुधवार को महत्व दिया जाता है. इसके पीछे मान्यता है कि भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है. साथ ही भगवान गणेश का वार (दिन) बुधवार माना जाता है. भगवान गणेश की प्रथम पूजा के बिना कोई शुभ कार्य संपन्न नहीं होता है. इस बुधवार को विशेष संयोग के चलते इसका खास महत्व है. दरअसल किसी भी बुधवार को अष्टमी तिथि होने से उस दिन का महत्व बढ़ जाता है और इस बार तो नवरात्र में बुधवार के दिन अष्टमी का विशेष संयोग बना है.

बुधवार को करें ये काम

कहते हैं कि यदि आपके जीवन में बुध ग्रह उच्च स्थिति में है तो आपको (साधक) को उसका शुभ फल भी मिलता है. बुध ग्रह उच्च होने पर व्यक्ति अपनी वाणी के दम पर ही आगे बढ़ता है. बुध ग्रह दोष के प्रभाव को दूर और कम करने के लिए आप (साधक) बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या घास अवश्य ही खिलाएं. साथ ही इन दिन अर्थात बुधवार के दिन कोई किन्नर आपको दिख जाता है तो उसे कुछ भेंट स्वरुप अवश्य ही दें.

व्यापार करने के लिए शुभ

जन्म कुंडली के अनुसार ही मुहूर्त का योग बनता है. यदि वह बुधवार का दिन पड़ता है तो उसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. व्यापार के अलावा और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए बुधवार का दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.

पढ़ें Mangalwar Puja Vidhi: मंगलवार को हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए करें विधि विधान से पूजा

बुध अष्टमी का संयोग

जब कभी भी बुधवार के दिन अष्टमी पड़ती है तो उसे बुध अष्टमी कहा जाता है. शास्त्रों में अष्टमी के दिन या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. बुध अष्टमी के दिन भगवान बुधदेव और भगवान सूर्यदेव की पूजा अर्चना से जन्म कुंडली में बुध ग्रह का दोष खत्म हो जाता है. कहा तो यह भी जाता है कि इस दिन व्रत रखने से साधक के लिए स्वर्ग का द्वार खुलता है.

विवाहिता को करना चाहिए व्रत

विवाहित स्त्री को इस दिन (बुद्ध अष्टमी) व्रत रखना चाहिए. उससे ससुराल में उसके पक्ष में सकारात्मक माहौल बनता है. ससुराल में जो कठिनाई आती है उसका निवारण होता है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को 'ॐ ह्रीं गौरिये नम:' का जाप कम से कम 11 बार अवश्य ही करें. साथ ही आराधना करें कि हे मां मेरे जीवन और परिवार में कोई समस्या कभी न आए.

बीकानेर. जीवन में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य और नए व्यापार की शुरुआत के लिए बुधवार को महत्व दिया जाता है. इसके पीछे मान्यता है कि भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है. साथ ही भगवान गणेश का वार (दिन) बुधवार माना जाता है. भगवान गणेश की प्रथम पूजा के बिना कोई शुभ कार्य संपन्न नहीं होता है. इस बुधवार को विशेष संयोग के चलते इसका खास महत्व है. दरअसल किसी भी बुधवार को अष्टमी तिथि होने से उस दिन का महत्व बढ़ जाता है और इस बार तो नवरात्र में बुधवार के दिन अष्टमी का विशेष संयोग बना है.

बुधवार को करें ये काम

कहते हैं कि यदि आपके जीवन में बुध ग्रह उच्च स्थिति में है तो आपको (साधक) को उसका शुभ फल भी मिलता है. बुध ग्रह उच्च होने पर व्यक्ति अपनी वाणी के दम पर ही आगे बढ़ता है. बुध ग्रह दोष के प्रभाव को दूर और कम करने के लिए आप (साधक) बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या घास अवश्य ही खिलाएं. साथ ही इन दिन अर्थात बुधवार के दिन कोई किन्नर आपको दिख जाता है तो उसे कुछ भेंट स्वरुप अवश्य ही दें.

व्यापार करने के लिए शुभ

जन्म कुंडली के अनुसार ही मुहूर्त का योग बनता है. यदि वह बुधवार का दिन पड़ता है तो उसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. व्यापार के अलावा और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए बुधवार का दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है.

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बुध अष्टमी का संयोग

जब कभी भी बुधवार के दिन अष्टमी पड़ती है तो उसे बुध अष्टमी कहा जाता है. शास्त्रों में अष्टमी के दिन या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. बुध अष्टमी के दिन भगवान बुधदेव और भगवान सूर्यदेव की पूजा अर्चना से जन्म कुंडली में बुध ग्रह का दोष खत्म हो जाता है. कहा तो यह भी जाता है कि इस दिन व्रत रखने से साधक के लिए स्वर्ग का द्वार खुलता है.

विवाहिता को करना चाहिए व्रत

विवाहित स्त्री को इस दिन (बुद्ध अष्टमी) व्रत रखना चाहिए. उससे ससुराल में उसके पक्ष में सकारात्मक माहौल बनता है. ससुराल में जो कठिनाई आती है उसका निवारण होता है. चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को 'ॐ ह्रीं गौरिये नम:' का जाप कम से कम 11 बार अवश्य ही करें. साथ ही आराधना करें कि हे मां मेरे जीवन और परिवार में कोई समस्या कभी न आए.

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