बीकानेर. सीमा सुरक्षा बल का गठन 1 दिसंबर, 1965 को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में किया गया था. इस लिहाज से आज बीएसएफ का स्थापना दिवस है. बीकानेर में बीएसएफ ने अपना स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने सेक्टर मुख्यालय से शहर के प्रमुख इलाकों तक रैली का आयोजन किया. इस दौरान बीएसएफ के जवान सजे-धजे ऊंटों पर सवार होकर मुख्य मार्गों से निकले.
देश के सबसे बड़े सशस्त्र संगठन के रूप में पहचान रखने वाले और सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी वाले सीमा सुरक्षा बल का स्थापना दिवस आज मनाया जा रहा है. इस मौके पर बीकानेर में भी बीएसएफ ने आयोजन किया और सेक्टर मुख्यालय से बीएसएफ के जवानों ने रैली निकाली और इस दौरान सजे-धजे ऊंटों पर बीएसएफ के जवानों का रुतबा देखते ही बन रहा था. इस मौके पर खास तौर से तैयार बीएसएफ की डॉक्यूमेंट्री भी आम लोगों को दिखाई गई.
बीकानेर जिला कलेक्ट्रेट पर बीएसएफ के जवानों ने आमजन के लिए डॉक्यूमेंट्री देखने की व्यवस्था की थी. यहां बीएसएफ के बारे में परिचय दिया गया. बीएसएफ के एसआई राजाराम ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल बीएसएफ का एक दिसम्बर को स्थापना दिवस मनाया जाता है. आज भी स्थापना दिवस के अवसर पर रैली के साथ-साथ विभिन्न तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्धों के बाद, बीएसएफ का गठन 1 दिसंबर, 1965 को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में किया गया था, ताकि भारत की सीमाएँ और उससे जुड़े मामलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. यह भारत के पांच केंद्रीय सशस्त्र बलों में से एक है और दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है. बीएसएफ को भारतीय क्षेत्रों की रक्षा की पहली दीवार का कहा जाता है.