बीकानेर. खाद्य पदार्थ में शुद्धता अभियान के तहत की गई कार्रवाईयों के आधार पर बीकानेर ने अप्रैल माह में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि आमजन को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान (Eat Right Campaign) के तहत सतत कार्रावाईयां की जा रही हैं. अब राज्य सरकार ने इसे फ्लैगशिप योजनाओं की सूची में भी शामिल कर लिया है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक माह विभिन्न मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग निर्धारित की जाती है. इसी रैंकिंग के आधार पर अप्रैल में जिले में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में 1 जनवरी से 30 अप्रैल तक कुल खाद्य सामग्री के कुल 250 नमूने लिए गए. इनमें से 185 नमूने सही पाए गए. वहीं 9 सब स्टैंडर्ड और 26 मिस ब्रांड पाए गए.
मोबाइल लैब से जांच : जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब संचालित की जा रही है. आम आदमी बिना किसी शुल्क के इस लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थो की जांच करवा सकते हैं. इस लैब के माध्यम से जनवरी से मार्च तक 813 खाद्य पदार्थों की मौके पर ही जांच की गई.
मुखबिर योजना का असर : कलेक्टर ने बताया कि अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने मुखबिर योजना लागू की है. इसमें मुखबिर द्वारा की गई दी गई सूचना के आधार पर खाद्य लैब से जांच में असुरक्षित खाद्य पदार्थ पाए जाने पर 51,000 तथा अमानक पाए जाने पर 5000 रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाने का प्रावधान भी है. उन्होंने बताया कि इसमें मुखबिर की पहचान को गुप्त रखा जाता है. जिले में इस योजना के तहत अब तक 4 आवेदकों के प्रस्ताव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रक आयुक्तालय को भिजवाए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि खाद्य कारोबारियों को खाद्य अनुज्ञा पत्र शीघ्र और सरल तरीके से प्राप्त हो सकें, इसके लिए जिले में वर्ष 2022 में 13 कैंप लगाए गए और मौके पर दस्तावेज प्राप्त कर रजिस्ट्रेशन जारी करवाए. जिले के लगभग 250 खाद्य कारोबार को 'सही भोजन सुरक्षित भोजन' की तर्ज पर थर्ड पार्टी विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2020 में 215, 2021 में 213 तथा वर्ष 2022 में 419 नमूने लिए गए.
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582 अंकों के साथ जिला बना सबसे शुद्ध : जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने बताया कि अप्रैल में 17 मानकों पर जिले को कुल 582 अंक प्राप्त हुए. वहीं 551अंकों के साथ अलवर दूसरे और 525 अंकों के साथ चूरू तीसरे स्थान पर रहा. अप्रैल में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 20 के लक्ष्य के विरुद्ध 46 खाद्य नमूने एकत्र किए. इनमें से 4 नमूने फेल हुए तथा कुल 357 किलोग्राम खराब खाद्य पदार्थों को मौके पर नष्ट कर दिया गया. ईट राइट इंडिया अभियान के अंतर्गत 26 स्थानों पर शुद्ध खाद्य को लेकर जागरूकता की गतिविधियां आयोजित की गई. ये राज्य भर में सर्वाधिक रही. सैंपल फेल होने को लेकर न्यायालय के समक्ष नए-पुराने 12 प्रकरण प्रस्तुत किए गए. इनमें से तीन में कोर्ट का निर्णय भी आ गया. अभियान के तहत ही 8 मई को बंबलू क्षेत्र में 1600 किलो दूध नष्ट करवाया गया तथा 1623 केलो प्रोटीन पाउडर भी सीज किया गया.