बीकानेर. हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. मां सरस्वती की पूजा का विशेष विधान है. इस दिन का उतना ही महत्व है जितना मां लक्ष्मी और मां दुर्गा के पूजा का महत्व होता है. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी और मां नवदुर्गा भी मां सरस्वती का पूजन करने वालों से प्रसन्न होती हैं.
भगवान भोलेनाथ की पूजा- बसंत पंचमी के दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है. शास्त्रानुसार इसी दिन महादेव के विवाहोतिलक की रस्म संपन्न हुई थी. ऐसे में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के साथ महादेव की पूजा करता है उसके जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है.
बन रहे चार शुभ योग- बसंत पंचमी के दिन चार ऐसे दुर्लभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है. इन शुभ योग में माता सरस्वती की पूजा करने वालों को सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति भी होगी. बसंत पंचमी के दिन रवि, शिव योग के साथ सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे है. शिव योग सुबह 3 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 29 मिनट तक पर रहेगा. इसके बाद सिद्ध योग दिनभर रहेगा. वहीं रवि योग शाम 6 बजकर 57 मिनट से अगले दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा.
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आज है अबूझ मूहूर्त- हिंदू धर्म मान्यताओं में वैसे तो किसी भी शुभ कार्य, विवाह, मांगलिक कार्यों, गृह प्रवेश और पूजा के लिए मुहूर्त निकाला जाता है लेकिन कुछ ऐसे विशेष दिन होते हैं जिनमें मुहूर्त पूछने की आवश्यकता नहीं होती है. उन्हें ही अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. माना जाता है कि बसंत पंचमी भी इन्हीं खास दिनों में से एक है और आज के दिन किया गया कोई भी काम सफल होता है.