बीकानेर. शिक्षा विभाग में वर्ष 2021-22 में हुई डीपीसी के बाद व्याख्याता से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के बाद भी ज्वाइन नहीं करने वाले 258 व्याख्याताओं को निश्चित तिथि के बाद पदभार ग्रहण करने पर अब उनके नए दायित्व से परित्याग मानते हुए इसके आदेश जारी कर दिए हैं.
नवंबर में हुई पदोन्नति की प्रक्रिया के 1632 व्याख्याताओं को प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नत करते हुए उन्हें पदस्थापित किया गया था और इसके बाद 20 नवंबर तक नए स्थान पर कार्य ग्रहण करना था, लेकिन 258 व्याख्याताओं ने प्रिंसिपल के पद पर ज्वाइन नहीं किया. अंतिम अवसर निकल जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने ऐसे व्याख्याताओं को एक और अवसर दिया. इसके बाद भी 258 व्याख्याताओं ने अपने नए स्थान पर ज्वाइन नहीं किया. जिसके बाद आखिरकार सोमवार को माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने उनके पदोन्नति का परित्याग मानते हुए आदेश जारी कर दिए और इसका इंद्राज उनकी सर्विस बुक में करने के भी निर्देश दिए.
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नहीं छोड़ा स्थान: पदोन्नति के बाद आमतौर पर कार्मिक नए स्थान पर पदभार ग्रहण करता है, लेकिन कई व्याख्याताओं ने अपनी निजी परेशानियों के चलते पदभार इसलिए ग्रहण नहीं किया क्योंकि पदोन्नति दूरस्थ स्थान पर हो गई थी. ऐसे में विभाग के बार-बार समय दिए जाने के बाद भी नव पदस्थापन स्थान पर कार्यग्रहण नहीं किया. पिछले साल डीपीसी में वरीयता क्रम में नीचे रहे व्याख्याताओं को अब पदोन्नति का अवसर मिलेगा और जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से की जाने वाली डीपीसी में नए व्याख्याताओं को मौका मिलेगा. ऐसे में प्रिंसिपल के रिक्त पदों वाले स्कूलों में इनका पदस्थापन होगा.