बीकानेर. शिक्षक पात्रता परीक्षा की प्रवेश प्रक्रिया के दूसरे चरण के बाद भी अब तक राजस्थान भर में 12000 सीटें अब तक खाली रह गई है. हालांकि अभ्यर्थियों को रिपोर्टिंग के लिए शनिवार 17 अगस्त तक का समय दिया गया था. लेकिन शनिवार को रिपोर्टिंग तक 12000 सीटों पर विद्यार्थियों ने रिपोर्ट नहीं की है.
पीटीईटी के राज्य समन्वयक प्रोफेसर जीपी सिंह ने बताया कि इस बार पीटीईटी परीक्षा में कुल 140000 सीटें थी जिनमें 2 वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में 103000 सीटों की विशेष बीएड और बीएससी के 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में 37000 सीटें थी. साथ ही सिंह ने बताया कि 8 अगस्त को दूसरी काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई थी और 17 अगस्त तक का समय दिया गया है. अब तक कॉलेज से प्राप्त सूचना के बाद 12000 सीटें खाली होने की सूचना है.
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हालांकि, अभी भी कई वंचित अभ्यर्थी हैं, जिन्हें अब तक एक बार भी कॉलेज अलॉट नहीं हुआ है. ऐसे अभ्यर्थियों को मोबाइल के द्वारा सूचना भिजवाई जा रही है और सोमवार के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि कुल कितने अभ्यर्थियों ने अंतिम समय तक रिपोर्ट किया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार न्यूनतम सीटें ही खाली रही है. जबकि पिछले साल 30000 से ज्यादा सीटें खाली रह गई थी. लेकिन इस बार खाली रहने वाली सीटों की संख्या न्यूनतम रहेगी. वहीं इस बार पिछले साल के मुकाबले करीब डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षा में आवेदन किया था.
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गौरतलब है कि इस बार पीटीईटी का नोडल कॉलेज, बीकानेर की डूंगर कॉलेज को बनाया गया था. जबकि हर बार यह परीक्षा विश्वविद्यालय की स्तर पर ही करवाई जाती रही है. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में बीकानेर के कॉलेज से विधायक भंवर सिंह भाटी को जिम्मेदारी मिली थी. भाटी उच्च शिक्षा मंत्री बनने के साथ ही बीकानेर की डूंगर कॉलेज को बड़ी सौगात देते हुए पीटीईटी का नोडल कॉलेज बनाया था.