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Wildlife census 2022: जीवों की गणना हुई पूरी, भीलवाड़ा जिला पर्यटक की दृष्टी से होगा प्रसिद्ध -उप वन संरक्षक - Wildlife Census completed in Rajasthan

भीलवाड़ा में बुद्ध पूर्णिमा को 6 रेंज के क्षेत्र में वन्यजीव गणना पूरी (Wildlife Census completed in Rajasthan) हो चुकी है. इस दौरान कई तरह के वन्यजीव देखने को मिले. चित्तौड़गढ़ में भी इस साल दो बिज्जू, मादा भालू अपने बच्चों के साथ दिखे. वन विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में की गई काउंटिंग को एकत्रित करना शुरू कर दिया है.

Wildlife census 2022
वन्यजीवों की गणना हुई पूरी
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Published : May 17, 2022, 3:45 PM IST

भीलवाड़ा. बुद्ध पूर्णिमा को भीलवाड़ा जिले के 6 रेंज क्षेत्र के 55 वाटरफॉल सेंटर पर सोमवार सुबह वन्यजीव की गणना शुरू हुई जो मंगलवार को पूरी हो चुकी है. इस बार हुई वन्यजीव गणना में टाइगर को छोड़कर भालू, पैथर सहित कई तरह के वन्यजीव दिखाई दिए. वन्य जीव की गणना को लेकर भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में 6 रेंज के 55 वॉटर होल पर स्टाफ, वन्यजीव प्रेमी और वन सुरक्षा समिति के सदस्यों के सहयोग से मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक वन्य जीव की गणना पूरी हुई है. अभी हम सभी जगह के डाटा एकत्रित कर रहे हैं.

जागावत ने कहा कि भीलवाड़ा जिला वन्यजीवों की दृष्टि से धनी जिला है. इसमें सभी तरह के वन्य जीव पाए (Wildlife Census completed in Rajasthan) जाते हैं सिवाय टाइगर के. सोमवार से हुई गणना में मुख्य रूप से चिंकारा, पैंथर, काला हिरण, भालू, सियार, जरख के अलावा कई तरह के वन्यजीव देखने को मिले हैं. उप वन संरक्षक ने कहा की भीलवाड़ा जिले में अमूमन हर बार पैंथर दिखाई देता है. इस बार भी करेड़ा क्षेत्र के भोजा पायरा के पास पैंथर दिखाई दिया. पैंथर की संख्या में के बारे में आकलन नहीं कर सकते हैं.

वन्यजीवों की गणना हुई पूरी

पढ़ें. राजस्थान के 27 सेंचुरी में वन्यजीवों की गणना जारी, वाटर पॉइंट्स पर लगातार हो रही मॉनिटरिंग

उन्होंने कहा कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी पैंथर घूमते हैं, जहां वाटरफॉल होते हैं वहां पर पैथर पानी पी लेता है. इसलिए पैंथर सभी जगह घूमते रहते हैं. गणना के दौरान काफी संख्या में वन्यजीव दिखाई देने से हम मान रहे हैं कि जिले में सभी तरह के वन्य जीव पाए जा रहे हैं. उप वन संरक्षक ने कहा कि वन्य जीव की गणना की दृष्टि से जो वन्यजीव दिखाई दिए हैं, निश्चित रूप से भीलवाड़ा जिला आने वाले समय में पर्यटक की दृष्टि से प्रसिद्ध होगा. हाल ही में बूंदी के पास टाइगर प्रोजेक्ट पास हुआ है, जिसमें हमारे भीलवाड़ा जिले का बिजोलिया वन क्षेत्र भी आ रहा है.

चित्तौड़गढ़ में बच्चों के साथ दिखी मादा भालू: चितौड़गढ़ में भी हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा पर होने वाली वन्य जीवों की गणना का कार्य मंगलवार सुबह पूरी हुआ. 24 घंटे चले इस वन्य जीव गणना में वन विभाग को कई वन्य जीव दिखाई दिए. कहीं पैंथर दिखाई दिए तो कहीं पैंथर की दहाड़ ने वन्य जीव प्रेमियों को रोमांचित किया. वन विभाग पूरे जिले से जानकारी एकत्रित कर रहा है. जिले में इस साल दो बिज्जू, मादा भालू अपने बच्चों के साथ दिखे. वन विभाग की ओर से सीतामाता सेंचुरी, बस्सी सेंचुरी के अलावा आस-पास के सभी वन क्षेत्रों में भी गणना की गई. डीएफओ डॉ टी मोहनराज ने बताया कि सीतामाता में चौसिंगा, जंगली सुअरों का झुंड, मोर, लेपर्ड, ग्लाइड करते हुए उड़न गिलहरी दिखे.

पढे़ं.Sajjangarh Biological Park: गर्मी में वन्यजीव कूल-कूल...तरबूज, ककड़ी, खीरा से लेकर आइसक्रीम खिला रहे...पंखे, कूलर भी लगाए

बस्सी में चीतल, जंगली सुअरों का झुंड, लेपर्ड, ग्रे जंगल फाउल, सांभर दिखे. इसके अलावा भी सेंचुरी में दो अलग-अलग टीमों ने दो बिज्जुओं का जोड़ा भी देखा गया. 2020 के काउंटिंग के अनुसार बिज्जू सिर्फ एक ही था. डीएफओ सुगनाराम जाट ने बताया कि चित्तौड़गढ़ में मुख्य रूप से भैंसरोडगढ़ सेंचुरी और मेनाल के आस-पास ही भालू दिखाई देते हैं. इस बार भी सोमवार रात के करीब 12.35 पर भेरुकुंड वॉटर पॉइंट पर एक मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ पानी पीती हुई दिखाई दी.

उन्होंने बताया कि बाघपुरा में पैंथर का पगमार्क भी दिखा, जबकि पारसोली में पैंथर की दहाड़ सुनाई दी. इसके अलावा कई क्षेत्रों में जैकेल भी दिखे. इधर, वन विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में की गई काउंटिंग को एकत्रित करना शुरू कर दिया है. सभी का एक साथ संकलन कर दोनों उप वन संरक्षक को सौंपा जाएगा. इसके बाद यहां से एक रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय भेजा जाएगा.

भीलवाड़ा. बुद्ध पूर्णिमा को भीलवाड़ा जिले के 6 रेंज क्षेत्र के 55 वाटरफॉल सेंटर पर सोमवार सुबह वन्यजीव की गणना शुरू हुई जो मंगलवार को पूरी हो चुकी है. इस बार हुई वन्यजीव गणना में टाइगर को छोड़कर भालू, पैथर सहित कई तरह के वन्यजीव दिखाई दिए. वन्य जीव की गणना को लेकर भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में 6 रेंज के 55 वॉटर होल पर स्टाफ, वन्यजीव प्रेमी और वन सुरक्षा समिति के सदस्यों के सहयोग से मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक वन्य जीव की गणना पूरी हुई है. अभी हम सभी जगह के डाटा एकत्रित कर रहे हैं.

जागावत ने कहा कि भीलवाड़ा जिला वन्यजीवों की दृष्टि से धनी जिला है. इसमें सभी तरह के वन्य जीव पाए (Wildlife Census completed in Rajasthan) जाते हैं सिवाय टाइगर के. सोमवार से हुई गणना में मुख्य रूप से चिंकारा, पैंथर, काला हिरण, भालू, सियार, जरख के अलावा कई तरह के वन्यजीव देखने को मिले हैं. उप वन संरक्षक ने कहा की भीलवाड़ा जिले में अमूमन हर बार पैंथर दिखाई देता है. इस बार भी करेड़ा क्षेत्र के भोजा पायरा के पास पैंथर दिखाई दिया. पैंथर की संख्या में के बारे में आकलन नहीं कर सकते हैं.

वन्यजीवों की गणना हुई पूरी

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उन्होंने कहा कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी पैंथर घूमते हैं, जहां वाटरफॉल होते हैं वहां पर पैथर पानी पी लेता है. इसलिए पैंथर सभी जगह घूमते रहते हैं. गणना के दौरान काफी संख्या में वन्यजीव दिखाई देने से हम मान रहे हैं कि जिले में सभी तरह के वन्य जीव पाए जा रहे हैं. उप वन संरक्षक ने कहा कि वन्य जीव की गणना की दृष्टि से जो वन्यजीव दिखाई दिए हैं, निश्चित रूप से भीलवाड़ा जिला आने वाले समय में पर्यटक की दृष्टि से प्रसिद्ध होगा. हाल ही में बूंदी के पास टाइगर प्रोजेक्ट पास हुआ है, जिसमें हमारे भीलवाड़ा जिले का बिजोलिया वन क्षेत्र भी आ रहा है.

चित्तौड़गढ़ में बच्चों के साथ दिखी मादा भालू: चितौड़गढ़ में भी हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा पर होने वाली वन्य जीवों की गणना का कार्य मंगलवार सुबह पूरी हुआ. 24 घंटे चले इस वन्य जीव गणना में वन विभाग को कई वन्य जीव दिखाई दिए. कहीं पैंथर दिखाई दिए तो कहीं पैंथर की दहाड़ ने वन्य जीव प्रेमियों को रोमांचित किया. वन विभाग पूरे जिले से जानकारी एकत्रित कर रहा है. जिले में इस साल दो बिज्जू, मादा भालू अपने बच्चों के साथ दिखे. वन विभाग की ओर से सीतामाता सेंचुरी, बस्सी सेंचुरी के अलावा आस-पास के सभी वन क्षेत्रों में भी गणना की गई. डीएफओ डॉ टी मोहनराज ने बताया कि सीतामाता में चौसिंगा, जंगली सुअरों का झुंड, मोर, लेपर्ड, ग्लाइड करते हुए उड़न गिलहरी दिखे.

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बस्सी में चीतल, जंगली सुअरों का झुंड, लेपर्ड, ग्रे जंगल फाउल, सांभर दिखे. इसके अलावा भी सेंचुरी में दो अलग-अलग टीमों ने दो बिज्जुओं का जोड़ा भी देखा गया. 2020 के काउंटिंग के अनुसार बिज्जू सिर्फ एक ही था. डीएफओ सुगनाराम जाट ने बताया कि चित्तौड़गढ़ में मुख्य रूप से भैंसरोडगढ़ सेंचुरी और मेनाल के आस-पास ही भालू दिखाई देते हैं. इस बार भी सोमवार रात के करीब 12.35 पर भेरुकुंड वॉटर पॉइंट पर एक मादा भालू अपने दो बच्चों के साथ पानी पीती हुई दिखाई दी.

उन्होंने बताया कि बाघपुरा में पैंथर का पगमार्क भी दिखा, जबकि पारसोली में पैंथर की दहाड़ सुनाई दी. इसके अलावा कई क्षेत्रों में जैकेल भी दिखे. इधर, वन विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में की गई काउंटिंग को एकत्रित करना शुरू कर दिया है. सभी का एक साथ संकलन कर दोनों उप वन संरक्षक को सौंपा जाएगा. इसके बाद यहां से एक रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय भेजा जाएगा.

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