भीलवाड़ा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में वर्ष 2023 का बजट पेश किया. यह 2024 के आम चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखरी पूर्ण बजट है. माना जा रहा है कि इस बजट में हर तबके का ध्यान रखा गया है. देश में इंफ्रास्ट्रक्चर और इनकम टैक्स को लेकर भी अहम घोषणाएं की गई हैं, लेकिन भीलवाड़ा जिले के वस्त्र उद्यमियों की झोली खाली ही रह गई है.
भीलवाड़ा में कपडे़ की लगभग 600 इंडस्ट्रीज के साथ ही स्पिनिंग, वीविंग और प्रोसेसिंग की यूनिट स्थित है. इसमें लगभग 70 हजार श्रमिक प्रत्यक्ष रूप से काम करते हैं और एक लाख श्रमिक अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं. वस्त्र उद्योगों की समस्या को लेकर मेवाड़ क्षेत्र में प्रमुख औद्योगिक संगठन मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों व उद्यमियों ने 26 दिसंबर 2022 को केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी. उस समय वस्त्र उद्ममियों को उम्मीद थी कि मंत्री को समस्या से अवगत करवाने के बाद निश्चित रूप से भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग को इस बजट में तोहफा मिलेगा, लेकिन आज बजट पेश होने के बाद इनको सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.
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भीलवाड़ा सहित मेवाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध औद्योगिक संगठन मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आरके जैन ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया है. वह आज के परिपेक्ष में बहुत अच्छा और संतुलित बजट है. विश्वव्यापी मंदी के दौर में इससे अच्छा बजट नहीं हो सकता है. वित्त मंत्री ने करीब 33 प्रतिशत कैपिटल एक्सपेंडीचर में बढ़ोतरी की है. इससे सीमेंट और आयरन के उद्योगों को लाभ मिलेगा. वस्त्र उद्योग को इस बजट से काफी अपेक्षा थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी. हमने बजट पेश होने से पूर्व वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर टफ स्कीम (टेक्सटाइल अपग्रेडेशन फंड) पुन: लागू करने की मांग की थी. वह इस बजट में पूरी नहीं हुई है.
भीलवाड़ा के अर्थशास्त्री डॉ. ऋषभ लोढ़ा ने कहा कि आज जो बजट केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्तुत किया है जिससे आयकर दाता को राहत मिलनी चाहिए वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. उसका अर्थशास्त्री ने एक छोटा सा उदाहरण देते हुए बताया कि इन्फ्लेशन रेट 6% है और इनकम टैक्स में छूट का टोटल इंपैक्ट 3% आता है तो करदाताओं को जो छूट मिलने वाली है वह नेगेटिव 3% होगी. वहीं भीलवाड़ा जिले को बड़ी उम्मीद थी क्योंकि वस्त्र के साथ मिनरल और एग्रो प्रोडक्ट का सबसे ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन भीलवाड़ा में है. उसमें केंद्र सरकार से जो लाभ मिलना चाहिए उनका इंफ्रास्ट्रक्चर को छोड़ते हुए कोई ऐसी घोषणा नहीं की जिससे तुरंत यहां के वस्त्र व्यवसायियों को कोई लाभ मिलने वाला हो. केंद्र की ओर से पेश बजट में से 5 फीसदी उम्मीद भी पूरी नहीं हुई.