भीलवाड़ा. जिस माता की चौखट पर मां बनने की चाह में अपना मत्था टेकने आती थी, उसी माता के मंदिर की दरबार से महिला ने एक मासूम को अपने पति और सहयोगी के साथ मिलकर अपहरण कर लिया था. इस महिला का यह जबरदस्ती संतान का सुख एक पखवाड़े भी नहीं चल पाया. इस मामले में भीलवाड़ा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अपहरण करने वाले आरोपियों को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है. इसका खुलासा शनिवार को पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने किया.
पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि 3 अक्टूबर को बागमाली गांव के अर्जुन नाथ ने शंभूगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी 3 वर्षीय बेटी का बंक्यारानी मंदिर से अपहरण हो गया है. इस मामले को मानव तस्करी से जोड़कर चलते हुए हमने सात टीमों का गठन किया, जिसमें 50 पुलिसकर्मियों की मदद से 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. वहीं 100 से अधिक मंगरा बेल्ट के डेरो पर तलाशी के साथ ही 15 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों का विश्लेषण किया गया, जिसके कारण पुलिस को अहम सुराग मिले और जिसके चलते जयपुर से मासूम बालिका को बरामद कर लिया गया.
यह भी पढ़ें: भीलवाड़ा : नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 साल का कारावास
बालिका का अपहरण जयपुर निवासी मुकेश कुमार और उसकी पत्नी सुमन गुर्जर ने अपने सहयोगी राजू बेरवा के साथ किया था. राकेश और सुमन निसंतान थे, जिसके कारण उन्होंने 3 वर्षीय मासूम बालिका का अपहरण किया था. पुलिस इस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है, जिसमें आगे और भी खुलासे होने की संभावना है.
यह भी पढ़ें: चूरू: जिला अस्पताल में सक्रिय लपका गिरोह, मेडिकल स्टोर संचालक ने 400 रुपये की दवा के वसूल लिए 1500 रुपये
संतान नहीं थी तो मासूम को किया अगवा
राकेश और सुमन के कोई संतान नहीं होने से वे दुखी थे. संतान की आस में महिला अपने पति के साथ भीलवाड़ा के बंक्यारानी मंदिर में पूजा अर्चना करने और मन्नत मांगने आया करती थी. 3 अक्टूबर को भी पति-पत्नी जानकार बूझकर बाइक से बंक्यारानी मंदिर आए थे और मौका पाकर उन्होंने मासूम को अगवा कर लिया. पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने बताया कि वारदात के बाद मानव तस्करी की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने जरायम पेशा जातियों के करीब 100 से अधिक डेरों के साथ ही चित्तौड़गढ़, राजसमंद, टोंक मंगरा बेल्ट और मध्यप्रदेश के डेरों की तलाशी कर संदिग्धों से पूछताछ कर इनपुट लिया. साथ ही डेटा एकत्रित कर तकरीबन 15,000 मोबाइल नंबर की डिटेल निकाली गई. इनमें से पांच सौ संदिग्धों के नंबरों को चयनित कर मोबाइल धारकों का सत्यापन किया गया.