भीलवाड़ा. यूं तो लाल मिर्ची मसालों में काफी अहम भूमिका निभाती है. लाल मिर्ची जायके के स्वाद में चार चांद लगाने का कार्य करती है, लेकिन इस बार बेमौसम बरसात ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जिससे लाल मिर्ची के तेवर और तीखे हो गए हैं और किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है. जी हां हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा शहर की मिर्ची मंडी की. यहां राजस्थान के बाहरी राज्यों से आई लाल मिर्ची के भावों ने जहां व्यापारियों की कमर तोड़ दी है तो वहीं किसानों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है. इस बार आसमान छूते मिर्ची के भाव ने खरीदारों के बजट को भी बिगाड़ दिया.
मिर्ची मंडी के व्यापारी महेश जागेटिया ने कहा कि भीलवाड़ा की मिर्ची मंडी में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कुरनूल, कर्नाटका से मिर्ची आ रही है. हर साल यहां पर 400 से 500 बोरी रोज बिकने के लिए मिर्ची मंड़ी में आती है. जिसमें से इस साल 100 से डेढ़ सौ बोरी ही बिक पा रही है.
महंगाई की मार ने मिर्ची बाजार को बुरी तरह से प्रभावित किया है. व्यापारियों को भी इसके कारण काफी नुकसान हो रहा है मिर्ची के बढ़ते-घटते भाव के कारण व्यापारी अपना स्टॉक भी जमा नहीं पा रहे हैं. इस बार बेमौसम बरसात के कारण मिर्ची को काफी नुकसान हुआ है जिसके कारण कई मिर्ची तो बर्बाद हो गई. जिससे जो मिर्ची की क्वालिटी आनी चाहिए थी वो मिर्ची की क्वालिटी नहीं आ रही है और जो मिर्ची अच्छी है उनके भाव आसमान छूते नजर आ रहे हैं. खरीदार भी भाव में तेजी होने के कारण खरीद नहीं पा रहे थे. खरीदारों को कम मिर्ची खरीद कर ही अपना काम निकालना पड़ रहा है. पिछली बार के मुकाबले इस बार मिर्ची के भाव बहुत तेज है.
इस बार बेमौसम बारिश की मार से मिर्ची की फसल की हालत काफी बुरी है. इस पर मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से मिर्ची बेचने आय किसान बद्रीलाल ने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि इस बार बेमौसम बरसात के कारण हमारी मिर्ची की फसल को काफी नुकसान हुआ है. हमनें मिर्ची की खेती कर्जा लेकर की थी, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण हमें यहां पर लागत का आधा भाव भी नहीं मिल पा रहा है. इस बार हमें काफी नुकसान हुआ है और यह सारा नुकसान हमें अपनी जेब से भरना पड़ेगा.
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वहीं दूसरी ओर बाबूलाल का मानना है कि हम यहां पर 12 बोरी मिर्ची के लेकर आए थे पर बारिश के कारण मिर्ची खराब हो गई. जिसके कारण हमारे यहां पर पांच बोरी मिर्ची ही बिक पाई है और हमें इस बार काफी नुकसान हुआ है. खाद और मिर्ची की खेती में कितना खर्च हुआ है उसका आधा भी हम कमा नहीं पाए हैं. हमने खेती ऋण लेकर की थी. अब हमें यह चिंता सता रही है कि जिनसे हमनें ऋण लिया था वो जब अपने पैंसे मागेंगे तो हम उन्हें क्या जवाब देंगे.
मिर्ची क्वालिटी - पुराने भाव- नए भाव (थोक भाव रुपए प्रति किलो)
तेजा मिर्ची - 140 - 160
273 मिर्ची - 130 - 150
बेकडी मिर्ची - 130 - 165
सुपर रेड मिर्ची - 141- 150
DD मिर्ची - 130 - 145
सानिया मिर्ची - 140 - 150
तेज फरकी मिर्ची - 75 - 90
कृष्णा मिर्ची - 140 - 165