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Rajasthan Assembly Election 2023 : सतीश पूनिया बोले- कांग्रेस में गुटबाजी नहीं होती तो सचिन पायलट होते प्रदेश के मुख्यमंत्री

भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा बुधवार को भीलवाड़ा जिले के आसींद पहुंची. यहां मुख्यालय पर उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने पायलट के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर गुटबाजी नहीं होती तो वो कब के मुख्यमंत्री होते.

deputy leader of opposition Satish Poonia
उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 13, 2023, 5:52 PM IST

Updated : Sep 13, 2023, 7:02 PM IST

उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया

भीलवाड़ा. भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा बुधवार को आसींद पहुंची. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवड़िया बांट रहे हैं और घोषणावीर बने हुए हैं. सचिन पायलट राजनीतिक रूप में परिपक्व हैं, लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी है. अगर गुटबाजी नहीं होती तो सचिन पायलट कब के प्रदेश के मुख्यमंत्री होते.

पायलट ने बयां किया दर्द : सचिन पायलट के कांग्रेस में गुट नहीं होने के बयान पर सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए कहा कि पायलट यह कहना चाह रहे हैं कि खड़गे और राहुल अलग-अलग हैं. मुझे लगता है कि सचिन पायलट राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं, लेकिन उनके दिल का आलम सब जानते हैं. मेरे अच्छे मित्र सचिन पायलट ने अपना दर्द बयां किया, लेकिन अगर गुट नहीं होता तो अब तक तो पायलट मुख्यमंत्री बन चुके होते. प्रेस से मुखातिब होते हुए पूनिया ने भरतपुर बस हादसे में मृत व्यक्तियों के परिजनों को लेकर संवेदना भी व्यक्त की.

कथनी और करनी में फर्क : उन्होंने कहा कि राजस्थान में कई मुद्दे हैं. संगठन के आह्वान पर पेट्रोल डीजल पंप बंद हैं. यह पेट्रोल पंप संचालकों की मांग ही नहीं, राजस्थान की आवाम की आवाज है. महंगाई का रोना रोने वाली कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में काफी फर्क है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुफ्त की रेवड़िया बांटने की सिर्फ घोषणा करते हैं. मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के समय सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के नारे लगे थे. मंत्रिमंडल में झगड़ा, सचिवालय के कमरों में झगड़ा और ऐतिहासिक बाड़े बंदी भी इस सरकार में हुई है. हिंदुस्तान की यह पहली ऐसी सरकार है जो 52 दिन तक बाड़े में बंद रही.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election 2023 : सचिन पायलट का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस में सिर्फ खड़गे-राहुल गुट, आलाकमान तय करेंगे मुख्यमंत्री का चेहरा

सरकार पर भरोसा नहीं कर रही जनता : पूनिया ने प्रदेश में अपराध को लेकर भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण ही सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयान दिए और गृहमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए थे. राजस्थान में सरकार ने जो वादे किए हैं, उसको लेकर यहां की जनता सरकार पर भरोसा नहीं कर रही है. 2018 में कुछ वादे या घोषणा 2019 में पूरा कर देते, लेकिन सरकार ने वो भी नहीं किए.

कांग्रेस के चेहरे से नकाब उतरा : उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भीलवाड़ा आए थे, लेकिन सरकार के काफी जोर लगाने के बाद भी भीड़ एकत्रित नहीं हुई. तुष्टीकरण के कारण कांग्रेस के चेहरे से नकाब उतर गया है. कांग्रेस कह रही है कि परिवर्तन संकल्प यात्रा में भीड़ नहीं जुट रही है, इस सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि चौथे क्रमांक की यात्रा गोगा मेड़ी से शुरू हुई. यह क्षेत्र किसान आंदोलन से प्रभावित क्षेत्र है, जहां काफी भीड़ रही. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती ज्योति मिर्धा ने थामा भाजपा का दामन

कांग्रेस की नीति में सच्चाई नहीं : ज्योति मिर्धा के सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि जनसंघ के समय हमने शुरुआत की, तब हमें प्रदेश में तीन प्रतिशत वोट मिले थे. प्रदेश में तीन लोकसभा की सीट मिली थी. 1967 में पहली बार जनसंघ का अच्छा खासा हिस्सा था, हमारी पार्टी कैडर बेस पार्टी है. जो लोग हमारी विचारधारा के साथ जुड़ना चाहते हैं, जुड़ सकते हैं. पार्टी की खूबियों के कारण लोग जुड़ रहे हैं. हम राष्ट्रवाद के एजेंडे पर काम करते हैं. कांग्रेस की नीति और उसमें सच्चाई होती तो उस पार्टी को कोई राजनेता नहीं छोड़ना चाहता. हमारे विचार को स्वीकार करने वाले राजनेता का स्वागत किया है.

उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया

भीलवाड़ा. भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा बुधवार को आसींद पहुंची. इस दौरान उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस से मुखातिब होते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवड़िया बांट रहे हैं और घोषणावीर बने हुए हैं. सचिन पायलट राजनीतिक रूप में परिपक्व हैं, लेकिन कांग्रेस में गुटबाजी है. अगर गुटबाजी नहीं होती तो सचिन पायलट कब के प्रदेश के मुख्यमंत्री होते.

पायलट ने बयां किया दर्द : सचिन पायलट के कांग्रेस में गुट नहीं होने के बयान पर सतीश पूनिया ने पलटवार करते हुए कहा कि पायलट यह कहना चाह रहे हैं कि खड़गे और राहुल अलग-अलग हैं. मुझे लगता है कि सचिन पायलट राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं, लेकिन उनके दिल का आलम सब जानते हैं. मेरे अच्छे मित्र सचिन पायलट ने अपना दर्द बयां किया, लेकिन अगर गुट नहीं होता तो अब तक तो पायलट मुख्यमंत्री बन चुके होते. प्रेस से मुखातिब होते हुए पूनिया ने भरतपुर बस हादसे में मृत व्यक्तियों के परिजनों को लेकर संवेदना भी व्यक्त की.

कथनी और करनी में फर्क : उन्होंने कहा कि राजस्थान में कई मुद्दे हैं. संगठन के आह्वान पर पेट्रोल डीजल पंप बंद हैं. यह पेट्रोल पंप संचालकों की मांग ही नहीं, राजस्थान की आवाम की आवाज है. महंगाई का रोना रोने वाली कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी में काफी फर्क है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुफ्त की रेवड़िया बांटने की सिर्फ घोषणा करते हैं. मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के समय सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के नारे लगे थे. मंत्रिमंडल में झगड़ा, सचिवालय के कमरों में झगड़ा और ऐतिहासिक बाड़े बंदी भी इस सरकार में हुई है. हिंदुस्तान की यह पहली ऐसी सरकार है जो 52 दिन तक बाड़े में बंद रही.

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सरकार पर भरोसा नहीं कर रही जनता : पूनिया ने प्रदेश में अपराध को लेकर भी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण ही सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयान दिए और गृहमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए थे. राजस्थान में सरकार ने जो वादे किए हैं, उसको लेकर यहां की जनता सरकार पर भरोसा नहीं कर रही है. 2018 में कुछ वादे या घोषणा 2019 में पूरा कर देते, लेकिन सरकार ने वो भी नहीं किए.

कांग्रेस के चेहरे से नकाब उतरा : उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भीलवाड़ा आए थे, लेकिन सरकार के काफी जोर लगाने के बाद भी भीड़ एकत्रित नहीं हुई. तुष्टीकरण के कारण कांग्रेस के चेहरे से नकाब उतर गया है. कांग्रेस कह रही है कि परिवर्तन संकल्प यात्रा में भीड़ नहीं जुट रही है, इस सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि चौथे क्रमांक की यात्रा गोगा मेड़ी से शुरू हुई. यह क्षेत्र किसान आंदोलन से प्रभावित क्षेत्र है, जहां काफी भीड़ रही. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.

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कांग्रेस की नीति में सच्चाई नहीं : ज्योति मिर्धा के सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि जनसंघ के समय हमने शुरुआत की, तब हमें प्रदेश में तीन प्रतिशत वोट मिले थे. प्रदेश में तीन लोकसभा की सीट मिली थी. 1967 में पहली बार जनसंघ का अच्छा खासा हिस्सा था, हमारी पार्टी कैडर बेस पार्टी है. जो लोग हमारी विचारधारा के साथ जुड़ना चाहते हैं, जुड़ सकते हैं. पार्टी की खूबियों के कारण लोग जुड़ रहे हैं. हम राष्ट्रवाद के एजेंडे पर काम करते हैं. कांग्रेस की नीति और उसमें सच्चाई होती तो उस पार्टी को कोई राजनेता नहीं छोड़ना चाहता. हमारे विचार को स्वीकार करने वाले राजनेता का स्वागत किया है.

Last Updated : Sep 13, 2023, 7:02 PM IST
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