भीलवाड़ाः प्रदेश के चिकित्सा मंत्री और भीलवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. रघु शर्मा एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वैक्सीन बर्बादी के आरोपी पर केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर जमकर हमला बोला.
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि वर्तमान में वैक्सीन की कमी है और वेस्टेज बिल्कुल नहीं हो रही है. कुछ एंट्री रिपीट होने से 2 फीसदी बर्बादी हुई है, जबकि हिंदुस्तान में वैक्सीन की औसत बर्बादी 6 फीसदी है. वैक्सीन की एक शीशी में 10 डोज होती है. 5-6 लोगों के लगाने के बाद जब कोई वैक्सीन लगाने नहीं पहुंचता है, तो 4 घंटे बाद वैक्सीन खराब हो जाती है. हम वैक्सीन का डिस्पोजल भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत ही कर रहे हैं.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2444 वैक्सीन सेंटर बनाए हैं, जहां पूरी तरह वैक्सीन स्टोरेज रहती है. हमारी कैपेसिटी 7 लाख वैक्कशीन प्रतिदिन लगाने की है, जबकि भारत सरकार ने आज तक नहीं बताया कि सिरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की प्रोडक्शन क्षमता क्या है और जो प्रोडक्शन वैक्सीन हो रही है वह कहां-कहां खपत हो रही है.
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रघु शर्मा ने कहा कि 18 से 44 साल के युवाओं के वैक्सीनेशन के लिए भारत सरकार (Indian Government) ने राज्यों पर भार डाल दिया है. जब राज्यों ने भार वहन किया तब वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही है. शर्मा ने कहा कि आज तक जितने भी टीकाकरण (Vaccination) हुए हैं उसका भार भारत सरकार ने ही वहन किया है. पल्स पोलियो अभियान हो या अन्य अभियान सभी में भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रोग्राम (National Program) मानते हुए इसका वहन किया है, जबकि वर्तमान में कोरोना वैक्सीन (Vaccine) के लिए राज्यों पर भार डाला जा है. प्रदेश सरकार ने 3000 करोड़ का भार वहन किया है, लेकिन वैक्सीन नहीं मिल रही है. मोदी सरकार कांग्रेस शासित राज्यों को निशाना बना रही है. वहीं, वैक्सीन खर्चे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार पर टिप्पणी की है.
अस्पताल में बेड बढ़ाए जाएंगे
राज्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में 122 एमटी के ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट 70 जगहों पर लगाए जा चुके हैं. कोरोना की तीसरी लहर से पहले ऑक्सीजन की इतनी व्यवस्था हो जाएगी कि हमें किसी से ऑक्सीजन मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके साथ ही बच्चों के अस्पताल में बेड को बढ़ाया जाएगा. इन वार्डों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की संपूर्ण व्यवस्था की जाएगी. भीलवाड़ा की बात की जाए तो 80 ऑक्सीजन युक्त बेड का ईएसआई अस्पताल तैयार किया जा रहा है. साथ ही भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में 50 बेड लगाए गए हैं.