भीलवाड़ा. मंगरोप और पुर थाना प्रभारियों को हटा दिया गया है. उन्हें एसआईटी टीम में लगा दिया है. दोनों थाना प्रभारियों पर एक पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप है. इन्हें हटाने की मांग को लेकर कांग्रेस के बागी विधायक प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह धरने पर बैठे थे.
प्रद्यूम्न सिंह का आरोप था कि पिछले दिनों जानलेवा हमले के एक आरोपी के परिजनों को दोनों पुलिस अधिकारियों ने प्रताड़ित किया था. एक विवाहिता के गर्भपात होने का आरोप भी आन्दोलनकारी नेता लगा रहे थे. दोनों थानाप्रभारियों को हटाने की मांग को लेकर भीलवाड़ा कलेक्ट्रेट पर धरना दिया जा रहा था, जो आज अनशन में तब्दील हो गया . इस बीच भीलवाड़ा पुलिस ने टकराव को टालते हुए दोनों थानाप्रभारियों को हटा दिया गया है.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह जोधा ने कहा कि जिन दो थानाधिकारियों पर प्रद्युमन्न सिंह ने आरोप लगा अनशन शुरू किया था, उनको हटा दिया गया है. पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के निर्देश पर पुर थानाधिकारी गजराज सिंह और मंगरोप थाना प्रभारी मोती लाल को थानों से हटाकर एसआईटी टीम में भेजा गया है.
अभी इन दोनों थानों में द्वितीय थाना प्रभारी कार्य संभालेगें. प्रद्यूम्न सिंह ने पुलिस अधीक्षक को धन्यवाद देते हुए भरोसा दिलाया कि इन पर की जा रही जांच समाप्त नहीं होने तक, उन्हे थानों से दूर रखा जायेगा. यह न्याय की जीत है और भविष्य में भी पीड़ितों के साथ खड़ा रहकर लोगों की मदद करूंगा. सिंह ने साथ ही अन्य अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि वे किसी नेता के दबाव में आकर काम करना चाहे, यह संभव नहीं है.