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भीलवाड़ा से चुनावी चटकारा: जानिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग किन मुद्दों पर करेंगे मतदान - ग्रामीण क्षेत्र

ईटीवी भारत की टीम अपने कार्यक्रम चुनावी चटकारा के तहत भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में पहुंची. जहां लोकसभा चुनाव को लेकर लोगों ने अपने विचार साझा किए हैं.

चुनावी चटकारा
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Published : Apr 14, 2019, 6:13 PM IST

भीलवाड़ा. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. चुनावी मौसम में अब हर जगह पार्टी प्रत्याशियों को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध डेयरी पर किसान मतदान को लेकर चर्चा करते दिख रहे हैं.

चुनावी चटकारे के साथ ईटीवी भारत ने दुग्ध खरीद केंद्र पर किसानों से चुनाव को लेकर और उनकी समस्याओं के बारे मे उनके मन की बात जानी. इस दौरान किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वोट मांगने जरूर आते हैं. लेकिन जीतने के बाद 5 साल तक बिल्कुल नजर नहीं आते हैं.

चुनावी चटकारा में जानिए किसानों का मूड

वहीं कुछ किसानों ने कहा कि इस बार ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी, आवारा जानवर, दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाना, सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था के मुद्दे प्रमुख है. और जो पार्टी इन समस्याओं को दूर करेगी. उसे ही वोट देंगे.

वहीं कुछ किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की तनख्वाह बढ़ती रहती है. सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की तनख्वाह भी बढ़ा दी जाती है. लेकिन किसानों के बारे में कोई नहीं सोचता. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस चुनाव में बहुत से मुद्दे रहेंगे. लेकिन राष्ट्रहित का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा. और वो राष्ट्रहित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट करेंगे.

भीलवाड़ा. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. चुनावी मौसम में अब हर जगह पार्टी प्रत्याशियों को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध डेयरी पर किसान मतदान को लेकर चर्चा करते दिख रहे हैं.

चुनावी चटकारे के साथ ईटीवी भारत ने दुग्ध खरीद केंद्र पर किसानों से चुनाव को लेकर और उनकी समस्याओं के बारे मे उनके मन की बात जानी. इस दौरान किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वोट मांगने जरूर आते हैं. लेकिन जीतने के बाद 5 साल तक बिल्कुल नजर नहीं आते हैं.

चुनावी चटकारा में जानिए किसानों का मूड

वहीं कुछ किसानों ने कहा कि इस बार ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी, आवारा जानवर, दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाना, सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था के मुद्दे प्रमुख है. और जो पार्टी इन समस्याओं को दूर करेगी. उसे ही वोट देंगे.

वहीं कुछ किसानों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की तनख्वाह बढ़ती रहती है. सरकारी अधिकारी कर्मचारियों की तनख्वाह भी बढ़ा दी जाती है. लेकिन किसानों के बारे में कोई नहीं सोचता. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इस चुनाव में बहुत से मुद्दे रहेंगे. लेकिन राष्ट्रहित का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा. और वो राष्ट्रहित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट करेंगे.

Intro:ग्रामीण क्षेत्र में दूध डेयरी से चुनावी चटकारा


किसानों ने दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाने, बेरोजगारी व आवारा पशुओं से निजात के बताएं मुद्दे

सरकार जनप्रतिनिधियों की बढ़ा देती है तनखा लेकिन नहीं सोचती है किसानों के बारे में।

भीलवाड़ा - लोकसभा चुनाव में नामांकन के बाद दोनों प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में व्यापक स्तर पर जुट गए हैं ।वहीं ग्रामीण क्षेत्र में दूध खरीद केंद्र यानी डेयरी पर भी चुनाव को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है । दूध देते वक्त किसान प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के बारे में चर्चा करते हुए दिख रहे हैं।


Body:लोकसभा चुनाव में हर जगह अब चर्चा का दौर शुरू हो गया है । जिले के ग्रामीण क्षेत्र में डेयरी दूध खरीद केंद्र पर किसान दूध देते वक्त भी लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा करते दिख रहे हैं । जहां ईटीवी भारत के सामने किसानों ने अपनी समस्या बया की ।

किसानों ने कहना है कि हमारे या दोनों प्रत्याशियों को टिकट मिल गए हैं और हम चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इस चुनाव में बहुत से मुद्दे कायम रहेंगे जैसे देश मे लोकसभा चुनाव में देश में विकास का काम तो विधानसभा करवाती है लेकिन लोकसभा आंतरिक , बाहरी व संसार में अपनी पोजीशन कायम करने के लिए यह लोकसभा चुनाव होते हैं। लेकिन राज्य सरकार के जो भी नुमाइंदे हैं यानी विधायक हैं जो चयनित लोगों में आते हैं। इनको किसानों की चिन्ता नही है । जनप्रतिनिधियों की तनका तो हमेशा बढ़ जाती है चपरासी से लेकर सरकारी अधिकारी कर्मचारी तक की तनखा बढ़ा दी जाती है ।लेकिन किसानों के बारे में कोई भी नहीं सोचते हैं ।
वहीं एक अन्य किसान ने किसानी काम करते समय आवारा जानवर, दूध का समर्थन मूल्य बढ़ाना और सिंचाई और पेयजल की व्यवस्था करने के मुद्दे बताएं।
वहीं कुछ किसानों का कहना है कि जो भी जनप्रतिनिधि है जो चुनाव के वक्त वोट मांगने जरूर आते हैं लेकिन जीतने के बाद 5 साल तक बिल्कुल नजर नहीं आते हैं ।
साथ ही कुछ किसानों ने राष्ट्र हित में और किसानों की समस्या समाधान करने के हित में वोट देने की बात कही वहीं किसानों के लड़के भी बेरोजगारी बढ़ती जा रही है जिसको लेकर चिंता जाहिर की


Conclusion:हम देख नहीं होगा कि मतदान के बाद जो भी सरकार बनती है जो किसानों की समस्या का हल करती है या नहीं।

सोम दत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

दुग्ध डेयरी से चुनावी चटकारा
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