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मांडलगढ़ प्रधान नहीं जीत पाए पंचायत समिति सदस्यों का विश्वास, अविश्वास प्रस्ताव पारित, छिनी कुर्सी

शुक्रवार को भीलवाड़ा के मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ प्रेषित अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ. जिसमें उनके समर्थन में दो तो विरोध में 21 सदस्यों ने मतदान (No confidence motion passed) किया.

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Published : Feb 17, 2023, 5:03 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. इस दौरान जोशी पंचायत समिति के सदस्यों का विश्वास जीतने में विफल रहे और उनके पक्ष में दो और विपक्ष में 21 वोट पड़े. दरअसल, मांडलगढ़ प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी के पंचायत समिति सदस्यों ने 27 दिन पहले मोर्चा खोल दिया था. जिसका परिणाम शुक्रवार को सामने आया और प्रधान के खिलाफ 21 सदस्यों ने वोटिंग की. बताया गया कि मांडलगढ़ पंचायत समिति में 23 पंचायत समिति सदस्य में से सात सदस्य भाजपा, एक निर्दलीय और 15 कांग्रेस के थे. यहां कांग्रेस के समर्थन से सतीश जोशी प्रधान बने थे, लेकिन यहां गुटबाजी हावी रही.

असल में प्रधान जोशी डॉ. सीपी जोशी गुट से आते हैं और इसी के चलते उन्हें प्रधान की सीट भी मिली थी. लेकिन स्थानीय नेताओं को यह बात पच नहीं रही थी. ऐसे में कांग्रेस के ही सदस्यों व नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया. आखिरकार शुक्रवार को प्रधान जोशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. जिनमें जोशी के समर्थन में केवल दो सदस्यों ने वोट डाले. जिनमें से एक वोट उनका खुद का रहा तो दूसरा एक ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी का था. जबकि 21 सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया, जिसके कारण उनसे प्रधान का पद छिन गया. ऐसे अब उपप्रधान बंटी धाकड़ फिलहाल कार्यभार संभालेंगे.

इसे भी पढ़ें - No confidence motion letter: मांडलगढ़ प्रधान के खिलाफ CEO को दिया अविश्वास प्रस्ताव पत्र

विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के करीबी हैं सतीश जोशी - जब पंचायत राज में प्रधान पद के लिए चुनाव हुए तो उस समय सतीश जोशी प्रधान निर्वाचित हुए. जोशी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के ओएसडी मनीष जोशी के बड़े भाई हैं. ऐसे में जोशी के प्रधान बनने के बाद क्षेत्र के राजनेता उनको आने वाले समय में विधायक का दावेदार के तौर पर देख रहे थे. जिसके कारण कांग्रेस के पुराने नेताओं में प्रधान जोशी का बढ़ता कद देखकर राजनीति शुरू हुई. जिसकी बदौलत गत दिनों मांडलगढ़ पंचायत समिति के सदस्यों ने भीलवाड़ा जिला परिषद कार्यालय पहुंचकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईएएस डॉ. शिल्पा सिंह को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. वहीं, शुक्रवार को मांडलगढ़ पंचायत समिति परिसर में वोटिंग हुई और प्रधान सतीश जोशी विश्वास हासिल नहीं कर पाए. जिसके कारण उन्हें प्रधान की कुर्सी गंवानी पड़ी.

ब्लॉक अध्यक्ष ने दिया जोशी का साथ - मांडलगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी शुरू से ही अविश्वास प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे. पूर्व में पंचायत समिति सदस्य जब भीलवाड़ा पहुंचे तो उस वक्त भी ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी उनके साथ नहीं गए थे और शुक्रवार उन्होंने प्रधान जोशी के पक्ष में मतदान भी किया. जहां 21 पंचायत समिति सदस्यों में से प्रधान जोशी के विरोध में मतदान किया तो उनके पक्ष में केवल दो ही मत पड़े. जिसमें एक वोट खुद प्रधान जोशी का था और दूसरा ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी का रहा.

काफी समय से पंचायत समिति के सदस्य थे भूमिगत - प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद भीलवाड़ा जिला परिषद कार्यालय जब पंचायत समिति सदस्य पहुंचे, उसी समय से 21 पंचायत समिति सदस्य भूमिगत रहे. जहां से ये सदस्य दूसरे राज्य में बाड़ाबंदी में थे और शुक्रवार को पंचायत समिति कार्यालय स्थित मतदान केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने प्रधान जोशी के खिलाफ मतदान किया. वहीं, मतदान के दौरान मांडलगढ़ पंचायत समिति परिसर के बाहर भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात रहा. इसके पीछे की वजह यह बताई गई कि मांडलगढ़ प्रधान सतीश जोशी के छोटे भाई मनीष जोशी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के ओएसडी हैं, जो अपने कद का फायदा उठाकर मतदान को प्रभावित कर सकते थे.

भीलवाड़ा. जिले के मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. इस दौरान जोशी पंचायत समिति के सदस्यों का विश्वास जीतने में विफल रहे और उनके पक्ष में दो और विपक्ष में 21 वोट पड़े. दरअसल, मांडलगढ़ प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी के पंचायत समिति सदस्यों ने 27 दिन पहले मोर्चा खोल दिया था. जिसका परिणाम शुक्रवार को सामने आया और प्रधान के खिलाफ 21 सदस्यों ने वोटिंग की. बताया गया कि मांडलगढ़ पंचायत समिति में 23 पंचायत समिति सदस्य में से सात सदस्य भाजपा, एक निर्दलीय और 15 कांग्रेस के थे. यहां कांग्रेस के समर्थन से सतीश जोशी प्रधान बने थे, लेकिन यहां गुटबाजी हावी रही.

असल में प्रधान जोशी डॉ. सीपी जोशी गुट से आते हैं और इसी के चलते उन्हें प्रधान की सीट भी मिली थी. लेकिन स्थानीय नेताओं को यह बात पच नहीं रही थी. ऐसे में कांग्रेस के ही सदस्यों व नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया. आखिरकार शुक्रवार को प्रधान जोशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. जिनमें जोशी के समर्थन में केवल दो सदस्यों ने वोट डाले. जिनमें से एक वोट उनका खुद का रहा तो दूसरा एक ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी का था. जबकि 21 सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया, जिसके कारण उनसे प्रधान का पद छिन गया. ऐसे अब उपप्रधान बंटी धाकड़ फिलहाल कार्यभार संभालेंगे.

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विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के करीबी हैं सतीश जोशी - जब पंचायत राज में प्रधान पद के लिए चुनाव हुए तो उस समय सतीश जोशी प्रधान निर्वाचित हुए. जोशी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के ओएसडी मनीष जोशी के बड़े भाई हैं. ऐसे में जोशी के प्रधान बनने के बाद क्षेत्र के राजनेता उनको आने वाले समय में विधायक का दावेदार के तौर पर देख रहे थे. जिसके कारण कांग्रेस के पुराने नेताओं में प्रधान जोशी का बढ़ता कद देखकर राजनीति शुरू हुई. जिसकी बदौलत गत दिनों मांडलगढ़ पंचायत समिति के सदस्यों ने भीलवाड़ा जिला परिषद कार्यालय पहुंचकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईएएस डॉ. शिल्पा सिंह को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. वहीं, शुक्रवार को मांडलगढ़ पंचायत समिति परिसर में वोटिंग हुई और प्रधान सतीश जोशी विश्वास हासिल नहीं कर पाए. जिसके कारण उन्हें प्रधान की कुर्सी गंवानी पड़ी.

ब्लॉक अध्यक्ष ने दिया जोशी का साथ - मांडलगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी शुरू से ही अविश्वास प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे. पूर्व में पंचायत समिति सदस्य जब भीलवाड़ा पहुंचे तो उस वक्त भी ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी उनके साथ नहीं गए थे और शुक्रवार उन्होंने प्रधान जोशी के पक्ष में मतदान भी किया. जहां 21 पंचायत समिति सदस्यों में से प्रधान जोशी के विरोध में मतदान किया तो उनके पक्ष में केवल दो ही मत पड़े. जिसमें एक वोट खुद प्रधान जोशी का था और दूसरा ब्लॉक अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य सत्यनारायण जोशी का रहा.

काफी समय से पंचायत समिति के सदस्य थे भूमिगत - प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद भीलवाड़ा जिला परिषद कार्यालय जब पंचायत समिति सदस्य पहुंचे, उसी समय से 21 पंचायत समिति सदस्य भूमिगत रहे. जहां से ये सदस्य दूसरे राज्य में बाड़ाबंदी में थे और शुक्रवार को पंचायत समिति कार्यालय स्थित मतदान केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने प्रधान जोशी के खिलाफ मतदान किया. वहीं, मतदान के दौरान मांडलगढ़ पंचायत समिति परिसर के बाहर भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात रहा. इसके पीछे की वजह यह बताई गई कि मांडलगढ़ प्रधान सतीश जोशी के छोटे भाई मनीष जोशी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के ओएसडी हैं, जो अपने कद का फायदा उठाकर मतदान को प्रभावित कर सकते थे.

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