भीलवाड़ा. राजस्थान के मेवाड़ इलाके में अंधविश्वास के चक्कर में जान से खिलवाड़ हो रहा है. गुरुवार को एक मां ने अपनी 5 महीने की मासूम बच्ची को गर्म सरिया से दाग दिया. जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां उपचार के दौरान बच्ची की मौत हो गई.
यह घटना भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र के लुहारिया गांव की है. डाम लगाने के बाद मासूम की हालत को ज्यादा बिगड़ गई. जिसके बाद उसे इलाज के लिए भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ और शिशु इकाई के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया, जहां बच्ची की मौत हो गई.
ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास की जड़ें इतनी गहरी है कि परिजन रिवाज के नाम पर मासूमों को दागने से गुरेज नहीं करते हैं. इसी के चक्कर में 5 माह की मासूम को गर्म वस्तु से दागा गया. मासूम की नानी लेहरी बागरिया ने कहा कि बच्ची बीमार हो गई थी. उसे सांस लेने में तकलीफ हुई. जिसके चलते उसकी मां ने अपनी नवजात को गर्म वस्तु से पेट पर डाम लगा दिया था. जिसके बाद मासूम की तबीयत ठीक हो गई, लेकिन 1 दिन पहले जब आसमान में बादल हुए, तब उसकी तबीयत दोबारा बिगड़ गई. जिसके चलते उसे अस्पताल भर्ती करवाया गया, जहां से उसे भीलवाड़ा में रेफर किया गया.
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दूसरी तरफ अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ का कहना है कि बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. 5 माह की मासूम बालिका लीला को मातृ एवं शिशु इकाई केपी आईसीयू वार्ड में विशेष देखरेख में भर्ती करवाया गया है.
भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ और शिशु इकाई के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया गया था. जिसके बाद उपचार के दौरान मासूम बालिका की मौत हो गई. निमोनिया के इलाज के नाम पर बच्चों को दागने की यह पहली घटना नहीं है बल्कि भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद जिले में पिछले 2 सालों में ऐसे दर्जनों घटनाएं सामने आई है जिसमें से 3 बच्चों की मृत्यु हो गई.