भीलवाड़ा. देश-प्रदेश में दीपोत्सव के पर्व पर विभिन्न तरह की सजावट की जाती है. भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी कस्बे में धनतेरस पर भगवान चारभुजा नाथ मन्दिर में एक विशाल दीपक को प्रज्ज्वलित किया जाता है. यह दीपक सवा 5 फिट लम्बा और 9 फिट चौड़ा है. इस दीपक को रवविार को धनतेरस के दिन संध्या आरती के साथ ही प्रज्ज्वलित किया जाएगा. इस दीपक को वर्ष 2018 में अयोध्या में हुए दिपोत्सव से प्ररेणा लेकर बनाया जाता है.
हर वर्ष दीपावली से पहले इस दीपक का निर्माण करवाया जाता है, ग्रामीण घी लाकर इसमें डालते हैं. 18 दिनों तक यह (Dhanteras in Bhilwara Charbhuja Temple) दीपक जलता रहता है. इस दौरान हजारों की तादाद में श्रद्धालु आकर इसकी परिक्रमा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि दीपक की लौ की परिक्रमा करने से हर पीड़ा दूर हो जाती है.
मेवाड़ में प्रसिद्ध है कोटड़ी चारभुजा मंदिर : मेवाड़ के प्रसिद्ध धामों में भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी कस्बे (Deepak will be lighted on Dhanteras) में स्थित भगवान श्री चारभुजा नाथ का सबसे पौराणिक मंदिर है. यहां लोगों की आस्था इतनी है कि प्रतिवर्ष जलझूलनी एकादशी को लगने वाले मेले में लाखों की संख्या में देश और प्रदेश से भक्तजन पहुंचते हैं.
अयोध्या में हुए दीपोत्सव के बाद हुई थी शुरुआत : वर्ष 2018 में राम जन्मभूमि अयोध्या में विशेष दीपोत्सव का आयोजन हुआ था. इसी प्रकार यहां भी मंदिर परिसर में सबसे बड़ा मिट्टी का दीपक बनाकर उसे प्रज्ज्वलित किया जाता है. इसके साथ ही दीपावली के त्यौहार का आगाज होता है.