ETV Bharat / state

गर्मी का पारा चढ़ते ही देशी फ्रिज की डिमांड बढ़ी, गुजरात के डिजाईनर मटकों की मांग ज्यादा

21वीं सदी के इस दौर में जहां गर्मियों में अपने हलक तर करने के लिए हर कोई फ्रिज का पानी मांगता है. वहीं कई ऐसे लोग ऐसे भी हैं, जो आज भी मिट्टी के देशी फ्रिज यानी मटकों के पानी के मुरीद है. यही वजह है कि 21वीं सदी में भी देशी फ्रिज की मांग कम नहीं हो रही है. मिट्टी से बने मटके का पानी जहां ठंडा तो रहता है. लेकिन साथ ही इस पानी को स्वास्थ्य के लिहाज से भी उपयुक्त माना जाता है. इसके कारण गरीब से लेकर अमीर तक मिट्टी से बनी मटकी का ठंडा पानी पीने के लिए लालायित रहता है. भीलवाड़ा में भी गर्मी की शुरुआत के साथ ही शहर के कई मुख्य चौराहों पर मटका बेचने और खरीदने वालों का जमावड़ा लगा हुआ है.

देशी फ्रिज की बढ़ी डिमांड, गुजरात के डिजाईनर मटकों की मांग ज्यादा
author img

By

Published : Apr 11, 2019, 7:29 PM IST

भीलवाड़ा. गर्मी के मीटर के बढ़ते ही बाजार सहित शहर की बाहरी बस्तियों में मटकियों की बिक्री शुरू हो गई है. इस बार बाजार में 40 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की मटकी मिल रही है. गत वर्ष की तुलना में इस बार हर साइज की मटकी की कीमत में 15 से 20 रुपए तक की औसत बढ़ोतरी हुई है.

देशी फ्रिज की बढ़ी डिमांड, गुजरात के डिजाईनर मटकों की मांग ज्यादा

मटकी बेचने वाली सोनी देवी का कहना है कि वे पिछले करीब 40 साल से मटकियां बेचने का कार्य कर रही हैं. उनका पूरा परिवार यही कार्य करता है. मटकी बेचने की सामग्री जैसे मिट्टी, रेत, आदि की कीमतें बढ़ी है. जिससे मटकियों की लागत में भी बढ़ोतरी होने से इनकी कीमतें बढ़ी है. फ्रिज और वाटर कूलर का चलन बढ़ने के बावजूद भी मटकी की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं हुआ है. गर्मी में अभी भी मिट्टी के मटकी की मांग बरकरार है. गर्मी बढ़ने के साथ ही देशी फ्रिज की मांग भी बढ़ने लगी है.

मटकियां खरीदने वाले केदार समदानी ने कहा कि मटकी का पानी सर्वोत्तम होता है. गर्मी में अधिकांश लोगों को मटकी का पानी ही पसंद है. फ्रिज की बजाय मटकी का पानी पीने से गर्मी से राहत मिलती है. फ्रिज के पानी से जहां जुखाम और गला खराब हो सकता है लेकिन मटकी के पानी से ऐसी कोई शिकायत नहीं होती है. मटकी फ्रिज से कई गुना ज्यादा सस्ती होती है और हमें सस्ते में ठंडा पानी मिल जाता है. जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है.

मध्यप्रदेश की मटकियां भी पहुंची भीलवाड़ा के बाजारों में

गर्मी की शुरुआत के साथ ही स्थानीय मटकियों के अलावा गुजरात व मध्य प्रदेश की मटकियां भी बिक्री के लिए यहां बाजार में पहुंच रही है. इन दिनों शहर में कई जगहों पर मटकी विक्रेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. गुजरात की कलात्मक मटकियां भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र और पसंद बनी हुई है. ऐसी डिजाईनर मटकी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

भीलवाड़ा. गर्मी के मीटर के बढ़ते ही बाजार सहित शहर की बाहरी बस्तियों में मटकियों की बिक्री शुरू हो गई है. इस बार बाजार में 40 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की मटकी मिल रही है. गत वर्ष की तुलना में इस बार हर साइज की मटकी की कीमत में 15 से 20 रुपए तक की औसत बढ़ोतरी हुई है.

देशी फ्रिज की बढ़ी डिमांड, गुजरात के डिजाईनर मटकों की मांग ज्यादा

मटकी बेचने वाली सोनी देवी का कहना है कि वे पिछले करीब 40 साल से मटकियां बेचने का कार्य कर रही हैं. उनका पूरा परिवार यही कार्य करता है. मटकी बेचने की सामग्री जैसे मिट्टी, रेत, आदि की कीमतें बढ़ी है. जिससे मटकियों की लागत में भी बढ़ोतरी होने से इनकी कीमतें बढ़ी है. फ्रिज और वाटर कूलर का चलन बढ़ने के बावजूद भी मटकी की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं हुआ है. गर्मी में अभी भी मिट्टी के मटकी की मांग बरकरार है. गर्मी बढ़ने के साथ ही देशी फ्रिज की मांग भी बढ़ने लगी है.

मटकियां खरीदने वाले केदार समदानी ने कहा कि मटकी का पानी सर्वोत्तम होता है. गर्मी में अधिकांश लोगों को मटकी का पानी ही पसंद है. फ्रिज की बजाय मटकी का पानी पीने से गर्मी से राहत मिलती है. फ्रिज के पानी से जहां जुखाम और गला खराब हो सकता है लेकिन मटकी के पानी से ऐसी कोई शिकायत नहीं होती है. मटकी फ्रिज से कई गुना ज्यादा सस्ती होती है और हमें सस्ते में ठंडा पानी मिल जाता है. जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है.

मध्यप्रदेश की मटकियां भी पहुंची भीलवाड़ा के बाजारों में

गर्मी की शुरुआत के साथ ही स्थानीय मटकियों के अलावा गुजरात व मध्य प्रदेश की मटकियां भी बिक्री के लिए यहां बाजार में पहुंच रही है. इन दिनों शहर में कई जगहों पर मटकी विक्रेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. गुजरात की कलात्मक मटकियां भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र और पसंद बनी हुई है. ऐसी डिजाईनर मटकी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.

Intro:
बढ़ते पारे के साथ ही बड़ी गरीबों के देसी फ्रिज की डिमांड


21वीं सदी में जहा गर्मी में फ्रिज़ का पानी हर कोई मांगता है। वही कई ऐसे लोग भी है जो आज भी मिट्टी के देसी फ्रिज़ की मांग भी कम नही हो रही है । मिट्टी से बनी मटके का पानी जहा ठंडा तो रहता है । लेकिन इसके पानी से स्वास्थ्य लाभ होता है। इसके कारण गरीब से लेकर अमीर तक भी मिट्टी से बनी मटकी का ठंडा पानी पीने के लिए लालायित रहता है । भीलवाड़ा में भी गर्मी की शुरुआत के साथ ही कई मुख्य चौराहों पर मटका बेचने और खरीदने वालों का जमावड़ा लगा हुआ है ।


Body:गर्मी के बढ़ते ही बाजार सहित शहर की बाहरी बस्तीयो में मटकीयों की बिक्री शुरू हो गई है । इस बार बाजार में 40 से लेकर 200 रुपये तक की मटकी मिल रही है। गत वर्ष की तुलना में इस बार हर साइज की मटकी की कीमत में 15 से 20 रुपए तक की औसत वृद्धि हुई है।

मटकी बेचने वाली सोनी देवी ने कहा कि हम 40 साल से यह कार्य कर रहे हैं । हमारा पूरा परिवार यही कार्य करता है मटकी बेचने की सामग्री जैसे मिट्टी रेत लकड़ी आदि की कीमतें बढ़ी है जिससे कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है फ्रिज और वाटर कूलर का चलन बढ़ने के बावजूद भी मटकी की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं हुआ है । गर्मी में अभी भी मिट्टी के मटकी की मांग करकरार है । गर्मी बढ़ने के साथ ही देसी फ्रिज़ की मांग भी बढ़ने लगी है।

गर्मी की शुरुआत के साथ ही स्थानीय मटकियो सहित गुजरात व मध्य प्रदेश से भी मटकी बिक्री के लिए पहुंच रही है । इन दिनों शहर में कहीं जगह मटकी विक्रेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है । गुजरात की डिजाइनिंग वाली मटकिया लोगों के लिए आकर्षण बनी हुई है। ऐसी मटकी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं


मटकिया खरीदने वाले केदार समदानी ने कहा कि मटकी का पानी सर्वोत्तम है गर्मी में अधिकांश लोगों को मटकी का पानी ही पसंद है प्लीज की बजाय मटकी का पानी पीने से गर्मी से राहत मिलती है । महंगाई के चलते फ्रिज भी काफी महंगा आता है ऐसे में बिजली का बिल भी बहुत आता है । फ्रिज के पानी से जुखाम और गला खराब हो सकता है पर मटकी पानी से ऐसी कोई शिकायत नहीं होती है। फ्रिज़ से ज्यादा मटकी सस्ती मिलती है और हमें सस्ते में ठंडा पानी मिल जाता है । जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है। मटकी के पानी से ठंडक के साथ शीतलता भी मिलती है । तो हमें सुकून देती है

बाइट - सोनी देवी , मटकी विक्रता
केदार समदानी , मटकी ग्राहक



Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.