भीलवाड़ा. गर्मी के मीटर के बढ़ते ही बाजार सहित शहर की बाहरी बस्तियों में मटकियों की बिक्री शुरू हो गई है. इस बार बाजार में 40 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की मटकी मिल रही है. गत वर्ष की तुलना में इस बार हर साइज की मटकी की कीमत में 15 से 20 रुपए तक की औसत बढ़ोतरी हुई है.
मटकी बेचने वाली सोनी देवी का कहना है कि वे पिछले करीब 40 साल से मटकियां बेचने का कार्य कर रही हैं. उनका पूरा परिवार यही कार्य करता है. मटकी बेचने की सामग्री जैसे मिट्टी, रेत, आदि की कीमतें बढ़ी है. जिससे मटकियों की लागत में भी बढ़ोतरी होने से इनकी कीमतें बढ़ी है. फ्रिज और वाटर कूलर का चलन बढ़ने के बावजूद भी मटकी की बिक्री पर ज्यादा असर नहीं हुआ है. गर्मी में अभी भी मिट्टी के मटकी की मांग बरकरार है. गर्मी बढ़ने के साथ ही देशी फ्रिज की मांग भी बढ़ने लगी है.
मटकियां खरीदने वाले केदार समदानी ने कहा कि मटकी का पानी सर्वोत्तम होता है. गर्मी में अधिकांश लोगों को मटकी का पानी ही पसंद है. फ्रिज की बजाय मटकी का पानी पीने से गर्मी से राहत मिलती है. फ्रिज के पानी से जहां जुखाम और गला खराब हो सकता है लेकिन मटकी के पानी से ऐसी कोई शिकायत नहीं होती है. मटकी फ्रिज से कई गुना ज्यादा सस्ती होती है और हमें सस्ते में ठंडा पानी मिल जाता है. जो हमारे लिए काफी फायदेमंद है.
मध्यप्रदेश की मटकियां भी पहुंची भीलवाड़ा के बाजारों में
गर्मी की शुरुआत के साथ ही स्थानीय मटकियों के अलावा गुजरात व मध्य प्रदेश की मटकियां भी बिक्री के लिए यहां बाजार में पहुंच रही है. इन दिनों शहर में कई जगहों पर मटकी विक्रेताओं का जमावड़ा लगा हुआ है. गुजरात की कलात्मक मटकियां भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र और पसंद बनी हुई है. ऐसी डिजाईनर मटकी को लोग काफी पसंद कर रहे हैं.