भीलवाड़ा. जिले के पुर कस्बे में मकानों में दरार आने और क्षतिग्रस्त होने के लिए जिंदल शॉ लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराते हुए चला आ रहा विधायक का आंदोलन 49 वे दिन समाप्त हो गया. पुर संघर्ष समिति, सर्व समाज समिति और प्रशासन के बीच करीब 3 घंटे चली वार्ता के बाद समझौते की राह खुली.
प्रशासन ने मुआवजा देने और पुर को अन्यत्र विस्थापित न करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद धरने पर बैठे विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी का भी आंदोलन थम गया. गौरतलब है कि 3 सितंबर से भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी कलेक्ट्रेट के बाहर पुर में हो रहे मकानों के नुकसान और बीमारियों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे. वहीं, मीडिया से बात करते हुए विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी ने कहा कि आंदोलन थमा नहीं है पुर के लोगों के साथ अभी लंबी लड़ाई लड़नी है. उधर संघर्ष समिति के योगेश सोनी ने कहा कि पुर की लड़ाई संगठित होकर जारी रखी जाएगी.
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इससे पूर्व पुर की भारद्वाज वाटिका में कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में हुई जनसुनवाई में प्रशासन और पुरवासियों के बीच मांगों पर सहमति बनी. इनमें 15 दिन में विभिन्न समस्याओं के निराकरण, पांच दिन में मुआवजा दिलाने के साथ ही जिंदल शॉ लिमिटेड द्वारा तिरंगा पहाड़ी पर किए जा रहे खनन रोकने संबंधी पत्र सरकार को लिखने की बात पर सहमति बनी.
जिसके बाद सर्व समाज और संघर्ष समिति के पदाधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे. जहां संघर्ष समिति और सर्व समाज के पदाधिकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए विधायक अवस्थी का आभार जताया और धरना समाप्त करने का आग्रह किया. इस मौके पर विधायक अवस्थी ने कहा कि पुर के लोग सहमत हो जाने पर वे अपना धरना समाप्त तो कर रहे हैं. लेकिन जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती उनका संघर्ष जारी रहेगा. जिसके बाद जिलाध्यक्ष डाड ने विधायक अवस्थी को जूस पिलाकर धरना समाप्त करवाया.