भीलवाड़ा. प्रदेश के राजस्व मंत्री रामलाल जाट मंगलवार को एक दिवसीय प्रवास पर (Ramlal Jat Visits Bhilwara) भीलवाड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए हाल ही में आए बजट की घोषणाएं गिनाई. उन्होंने कहा कि बजट को लेकर हर चैनल, गांव, गली-मोहल्ला और शहर में चर्चा हो रही है. पहली बार इतनी मेहनत के बाद जो बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बनाया है, उससे हर वर्ग खुश है. शहरी क्षेत्र में रोजगार के लिए इंदिरा गांधी के नाम से 100 दिन रोजगार मिलेगा.
वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत जो 100 दिन का रोजगार मिल रहा है वह 125 दिन का मिलेगा. साथ ही प्रदेश में पानी के लिए घर-घर नल से पानी पहुंचाया जाएगा. कभी भारत सरकार घर-घर पानी पहुंचाने व पानी के लिए 90 प्रतिशत ग्रांट दिया करती थी, वह हमारा हक बनता है. भारत सरकार कोई हमारे पर एहसान नहीं करती है, चाहे किसी भी दल की केंद्र में सरकार हो. हमारे संघीय ढांचे के तहत नीति आयोग ने हर राज्य का हक निश्चत कर रखा है, लेकिन वर्तमान सरकार ने प्रदेश के हक को कम कर दिया है. प्रदेश मे जल जीवन मिशन के तहत अब 55 प्रतिशत राशि राज्य सरकार दे रही है.
इस बजट में बेरोजगार के लिए रोजगार, चिकित्सा, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है. यहां तक कि प्रदेश में सभी जगह अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जा रहे हैं. आने वाले समय में भविष्य की पीढ़ी अंग्रेजी बोलने-पढ़ने में सफल रहेगी. पहले अंग्रेजों को देश से भगाया था, लेकिन आज अंग्रेजी की जरूरत हो गई है. अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलने से आने वाले 10 वर्ष बाद प्रदेश के गांव का मजदूर व मनरेगा में जाने वाले का बच्चा भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलेगा. आज विद्यालय में शैक्षणिक स्तर अच्छा होने के कारण प्राइवेट स्कूलों में नामांकन कम हो रहे हैं, जबकि सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ रहे हैं.
इस बजट में भीलवाड़ा का भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेष ध्यान रखा. यहां चिकित्सा के क्षेत्र में न्यूरो की सबसे बड़ी समस्या थी जहां प्रदेश के संभाग मुख्यालय पर ही न्यूरो की व्यवस्था थी, जबकि इस बजट में प्रदेश के हर जिले में न्यूरो की व्यवस्था की गई. भीलवाड़ा में स्मार्ट सिटी, गांधी वाटिका, मेडिकल सिटी सहित कहीं घोषणा की है जो जल्द धरातल पर क्रियान्वित होगी. राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा लगातार कहती थी कि हम किसान कि आय दोगुनी करेंगे.
भाजपा ने तो किसान की आय दोगुनी नहीं की, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को राहत देने के लिए अलग बजट पेश किया. जिससे प्रदेश मे अब किसान मजबूत व सशक्त होगा. कांग्रेस किसान के हाथ से बनाई गई पार्टी है. उन्होंने कहा कि भाजपा वर्तमान में पूंजीपतियों की पार्टी हो गई है. उसमें दो से पांच उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाया जा रहा है. कांग्रेस ने हमेशा किसान को आगे रखा है. अगर देश में किसान जिंदा रहेगा तो उद्योग जिंदा रहेगा. इसीलिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश में किसान को सशक्त बनाने के लिए अलग बजट पेश किया है.
अनुदान का दायरा बढ़ा है : राजस्थान सरकार की ओर से दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर बोनस देने के मामले में राजस्व मंत्री ने कहा कि पहले प्रदेश में 2 रुपए प्रति लीटर पशुपालकों को बोनस दिया जाता था. लेकिन इस बजट में हुई घोषणा के बाद अब 5 रुपए प्रति लीटर पशुपालकों को बोनस दिया जाएगा. जिससे पशुपालकों को काफी लाभ होगा.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 45 से 50 लाख लीटर प्रतिदिन दूध एकत्रित होता है. पहले 2 रुपए प्रति लीटर के लिए सरकार 180 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही थी, अब इसका दायरा बढ़ा है. अब 500 करोड़ रुपए अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रदेश के 5 लाख पशुपालक परिवार लाभान्वित होंगे. एक परिवार को प्रति दिन 50 रूपये का फायदा होगा, जिससे महीने में 1500 रुपए अधिक लाभांश मिलेगा. जो एक पेंशन की राशि से भी ज्यादा है.
बजट की घोषणा जल्द क्रियांवित होंगीः मंत्री ने कहा कि बजट की घोषणा जल्द धरातल पर क्रियान्वित होने लगेगी. पिछले बजट की 70 फीसदी घोषणाएं धरातल पर क्रियांवित हो चुकी हैं. इस बजट में बिजली, दूध, किसान व इलाज का फायदा 1 अप्रैल से ही दिखने लगेगा. लोग कह रहे हैं कि जादूगर ने जादू किया 'मैं कहता हूं कि जादूगर ने जादू किया तभी तो अच्छा बजट पेश हुआ है'. मंत्री जाट ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने कभी ऐसा बजट पएश नहीं किया है. भाजपा वाले कुछ दे नहीं रहे हैं तो ऐसे बजट का विरोध क्यों कर रहे हैं?.
पटवारियों की कमी लंबे समय से : पटवारियों के रिक्त पदों को लेकर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पटवारियों की कमी (Ramlal Jat Big Statement) काफी वर्षों से है. वर्ष 2008 में डीआईपीआर एल का काम मनमोहन सिंह सरकार ने शुरू किया, लेकिन वह प्रदेश में कम क्रियान्वित हुआ था. 2019 से गहलोत सरकार ने अच्छा काम किया और धरा ऐप की शुरुआत की. वर्तमान में राजस्थान के 33 जिलों में से 21 जिले ऑनलाइन कर दिए गए हैं और 369 तहसील में से 336 तहसील ऑनलाइन हो गई है. यह कार्य लगातार बढ़ता जा रहा है.
15 जिलों में एक-एक तहसील में हम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पटवारी के पद खाली हैं उन्हें भी जल्द भरा जाएगा. मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 12,000 पटवारी के कुल पद हैं, उसमें से 5,000 पद खाली हैं. पटवारियों की कमी एक सरकार का दोष नहीं है. जब प्रदेश मे गहलोत सरकार सत्ता मे आई तब से पटवारियों की बल्क में भर्ती की जा रही है. प्रदेश में पटवारियों के जितने पद खाली हैं, उससे 300 पटवारी ज्यादा ले रहे हैं. जिससे भर्ती के समय कोई आदमी दूसरी नौकरी में चला जाए तो पद खाली ना रहे.
पहले पटवारियों की 9 माह की ट्रेनिंग होती थी, उसको अब 6 माह कर दिया है. वर्तमान में राजस्व मंडल में वेरिफिकेशन का काम चल रहा है. सब कुछ अच्छा रहा तो 6 से 7 माह में प्रदेश में एक भी पटवारी का पद खाली नहीं रहेगा.