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भीलवाड़ा : चने और सरसों की फसल में फैला कीटों का प्रकोप, किसान चिंतित - bhilwara farmers worried due to crop damage

भीलवाड़ा में जैसै-जैसे सर्दी बढ़ रही है, वैसे-वैसे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. सरसों और चने की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है.

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फसलों में लगी कीट
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Published : Jan 19, 2020, 1:51 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में जैसे-जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वैसे-वैसे सरसों की फसल में मोईले का प्रकोप और चने की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिससे भीलवाड़ा के किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

फसलों में लगी कीट

सर्दी का सितम बढ़ने की साथ ही रबी की बोई गई फसलों में भी कीटों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. जिले में बोई गई रबी की फसल के तहत चना और सरसों की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ने से किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं. भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल बोई गई है.

वहीं 15 हजार हेक्टियर भूमि में सरसों की फसल बो रखी है. सर्दी ज्यादा बढ़ने के कारण सरसों की फसल में मोईले का प्रकोप और चने की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत ने जिले के किसानों से बातचीत की तो किसान चिंतित नजर आए.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा : 5 साल तक के बच्चों को पिलाई जा रही है पोलियो की खुराक

जिले के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सर्दी बढ़ने के साथ ही चने की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वहीं सरसों की फसल में भी मोईले का प्रकोप बढ़ रहा है. जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

वहीं अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि वे फील्ड विजिट कर किसानों को इस बीमारी से रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय बताएं. चने की फसल में कीटों की रोकथाम के लिए किसानों को प्रोफेनोफॉस दवाई छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है.

यह भी पढ़ें. पल्स पोलियो अभियान: बीकानेर के निपुण को राष्ट्रपति ने पिलाई दवा

वहीं सरसों की फसल में मोईले के प्रकोप को रोकने के लिए डाईमेथा ऐट या इमिडाक्लोप्रिड दवाई छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा इन दवाइयों पर अनुदान नहीं दिया जाता है, लेकिन मार्केट से खरीद कर इन दवाइयों को अगर फसल में छिड़काव करें तो निश्चित रूप से रोग पर काबू पाया जा सकता है.

भीलवाड़ा. जिले में जैसे-जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वैसे-वैसे सरसों की फसल में मोईले का प्रकोप और चने की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिससे भीलवाड़ा के किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

फसलों में लगी कीट

सर्दी का सितम बढ़ने की साथ ही रबी की बोई गई फसलों में भी कीटों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. जिले में बोई गई रबी की फसल के तहत चना और सरसों की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ने से किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं. भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल बोई गई है.

वहीं 15 हजार हेक्टियर भूमि में सरसों की फसल बो रखी है. सर्दी ज्यादा बढ़ने के कारण सरसों की फसल में मोईले का प्रकोप और चने की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत ने जिले के किसानों से बातचीत की तो किसान चिंतित नजर आए.

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जिले के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सर्दी बढ़ने के साथ ही चने की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वहीं सरसों की फसल में भी मोईले का प्रकोप बढ़ रहा है. जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

वहीं अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, कि वे फील्ड विजिट कर किसानों को इस बीमारी से रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय बताएं. चने की फसल में कीटों की रोकथाम के लिए किसानों को प्रोफेनोफॉस दवाई छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है.

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वहीं सरसों की फसल में मोईले के प्रकोप को रोकने के लिए डाईमेथा ऐट या इमिडाक्लोप्रिड दवाई छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा इन दवाइयों पर अनुदान नहीं दिया जाता है, लेकिन मार्केट से खरीद कर इन दवाइयों को अगर फसल में छिड़काव करें तो निश्चित रूप से रोग पर काबू पाया जा सकता है.

Intro:भीलवाड़ा- भीलवाड़ा जिले में जैसे-जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे सरसों व चने की फसल में भी कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है । जिससे भीलवाड़ा जिले के किसान काफी मात्रा में चिंतित दिखाई दे रहे हैं।


Body:सर्दी का सितम बढ़ने की साथ ही रबी की बोई गई फसलों में भी कीटों का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। भीलवाड़ा जिले में बोई गई रबी की फसव के तहत चना व सरसों की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ने से किसान चिंतित दिखाई दे रहे है। भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार भीलवाड़ा जिले में 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल बो रखी है वही 15 हजार हेक्टियर भूमि में सरसों की फसल बो रखी है । सर्दी ज्यादा बढ़ने के कारण सरसों की फसल में मोईले का प्रकोप व चने की फसल में सुंडी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। जिससे भीलवाड़ा जिले के किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। ईटीवी भारत में धरातल पर पड़ताल करने पर किसान चिंतित नजर आए ।

भीलवाड़ा जिले के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में सर्दी बढ़ने के साथ ही चने की फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है वहीं सरसों की फसल में भी मोईले का प्रकोप बढ़ रहा है । जिससे किसान काफी मात्रा में चिंतित नजर आ रहे हैं। हमने समस्त अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि वह फील्ड विजिट कर किसानों को इस बीमारी से रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय बताएं। चने की फसल में कीटों की रोकथाम के लिए किसानों को प्रोफेनोफॉस दवाई छिड़काव करने की सलाह दे रहे हैं । वहीं सरसों की फसल में मोईले के प्रकोप को रोकने के लिए डाईमेथा ऐट या इमिडाक्लोप्रिड दवाई छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार द्वारा इन दवाइयों पर अनुदान नहीं दिया जाता है लेकिन मार्केट से खरीद कर इन दवाइयों को अगर फसल में छिडकाव करे तो निश्चित रूप से रोग पर काबू पाया जा सकता है।

वाइट- रामपाल खटीक
कृषि उपनिदेशक भीलवाड़ा

अब देखना यह होगा कि जो फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता है या उस पर रोकथाम लगती है या नहीं ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी-सोमदत त्रिपाठी ,भीलवाड़ा


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