भीलवाड़ा. मेवाड़ क्षेत्र के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद में अंधविश्वास के काले बादल कुछ इस तरह छाए हुए हैं कि एक मां ने अपने ही कलेजे के टुकड़े को निमोनिया की शिकायत के होने के चलते इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दाग दिया. बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की मातृ एवं शिशु इकाई में भर्ती करवाया गया. जहां इलाज के दौरान मासूम बच्ची की मौत हो गई.
वहीं गंगापुर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है. साथ ही पुलिस ने परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. दूसरी तरफ मासूम के पिता ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए खाना बनाते समय मासूम को चूल्हे से गिरे अंगारे से जलने की बात कही है.
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गंगापुर थाने के सहायक उपनिरीक्षक कैलाश चंद्र ने कहा, राजसमंद में रेलमगरा थाना क्षेत्र के सक्करबाग गांव के रहने वाले भेरूलाल बागरिया की दो महीने की बेटी सपना को दाग लगाने के कारण उसे जिला महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था. बालिका के पेट पर तीन जगहों पर दागा गया था, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई, मामला दर्जकर परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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वहीं दूसरी तरफ पुलिस के कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए मासूम के पिता भेरूलाल ने कहा, मेरी पत्नी खाना बनाते समय बेटी को गोद में सुलाई हुई थी. उसी दौरान चूल्हे से गिरे अंगार से जलने के कारण मेरी बेटी की हालत खराब हुई थी.