ETV Bharat / state

भीलवाड़ा: रबी की फसल बचाना है तो ये तरीके अपनाएं... - भीलवाड़ा में ठंड से परेशानी

लगातार बढ़ रही ठंड के कारण भीलवाड़ा जिले में किसानों की टेंशन बढ़ गई है. भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने किसानों को फसल के बचाव के लिए कुछ उपाए बताए हैं, जिससे उनकी फसल 10 दिन तक शीतलहर से बचायी जा सकती है.

bhilwara news, farmers worried about rabi crops bhilwara, increasing winter a threat to crops bhilwara, भीलवाड़ा समाचार, रबी फसलों के लिए परेशान किसान भीलवाड़ा, बढ़ती सर्दी से फसलों को खतरा भीलवाड़ा
शीतलहर से फसलों में पाला पड़ने की संभावना
author img

By

Published : Jan 3, 2020, 2:48 PM IST

भीलवाड़ा. पिछले एक सप्ताह से जिले में लगातार बढ़ रही ठंड के कारण जिले में किसानों को अपनी फसल को लेकर चिंता सता रही है. उन्होने रबी की फसल बोई है, उसमें शीतलहर की वजह से पाला पड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है. इससे भीलवाड़ा जिले के किसान काफी चिंतित हैं. वहीं भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत पर भीलवाड़ा जिले के किसानों को फसल के बचाव के लिए उपाए बताए. उन्होनें बताया, कि शीतलहर से पड़ने वाले पाला से फसल को बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मेड़ पर अलाव जलाएं और फसल पर गंदक और तेजाब का छिड़काव करें.

शीतलहर से फसलों में पाला पड़ने की संभावना
यह भी पढ़ें : पीएम को कांग्रेस का जवाब, कहा- पहले पाक के साथ आम-बिरयानी का खेल बंद करें

दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी की शुरूआत के साथ ही जिले में दिनों दिन ठंड बढ़ती ही जा रही है. जनवरी की शुरुआत कोहरे के साथ होने के कारण भीलवाड़ा जिले का तापमान जनवरी में 1 डिग्री सेंटीग्रेड पर पहुंच गया. ठंड ज्यादा होने और हवा चलने की वजह से भीलवाड़ा जिले में बोई गई रबी की फसल पर इनका प्रकोप देखने को मिल रहा है. शीतलहर की वजह से गेहूं, जौ, हरी सब्जियां, चना, सरसों की फसलें शीतलहर की चपेट में आने की संभावना से घिरी हुई हैं. जिससे बचाव के लिए किसान प्रयास कर रहे हैं. भीलवाड़ा जिले में 1,45000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई हो चुकी है. वहीं जिले की तमाम फसल की नहरों के जरिए सिंचाई की जा रही है.

भीलवाड़ा जिले में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए भीलवाड़ा के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि जिले में लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण फसलें शीतलहर की चपेट में आ सकती हैं. उन्होनें ईटीवी भारत के जरिए किसानों को सलाह दी है, कि वो अपनी रबी की फसल के रूप में गेहूं, चना, सरसों, तारामीरा फसलों की समय पर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई करें. खेत की मेड़ बंदी पर अलाव जलाते हुए शीतलहर की चपेट में आने वाली फसलों पर एक एम.एल प्रति लीटर पानी में तेजाब डाल कर छिड़काव करें. इससे 10 दिन तक रबी की फसल को पाले से बचाया जा सकता है.

भीलवाड़ा. पिछले एक सप्ताह से जिले में लगातार बढ़ रही ठंड के कारण जिले में किसानों को अपनी फसल को लेकर चिंता सता रही है. उन्होने रबी की फसल बोई है, उसमें शीतलहर की वजह से पाला पड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है. इससे भीलवाड़ा जिले के किसान काफी चिंतित हैं. वहीं भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत पर भीलवाड़ा जिले के किसानों को फसल के बचाव के लिए उपाए बताए. उन्होनें बताया, कि शीतलहर से पड़ने वाले पाला से फसल को बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मेड़ पर अलाव जलाएं और फसल पर गंदक और तेजाब का छिड़काव करें.

शीतलहर से फसलों में पाला पड़ने की संभावना
यह भी पढ़ें : पीएम को कांग्रेस का जवाब, कहा- पहले पाक के साथ आम-बिरयानी का खेल बंद करें

दिसंबर के अंतिम सप्ताह से जनवरी की शुरूआत के साथ ही जिले में दिनों दिन ठंड बढ़ती ही जा रही है. जनवरी की शुरुआत कोहरे के साथ होने के कारण भीलवाड़ा जिले का तापमान जनवरी में 1 डिग्री सेंटीग्रेड पर पहुंच गया. ठंड ज्यादा होने और हवा चलने की वजह से भीलवाड़ा जिले में बोई गई रबी की फसल पर इनका प्रकोप देखने को मिल रहा है. शीतलहर की वजह से गेहूं, जौ, हरी सब्जियां, चना, सरसों की फसलें शीतलहर की चपेट में आने की संभावना से घिरी हुई हैं. जिससे बचाव के लिए किसान प्रयास कर रहे हैं. भीलवाड़ा जिले में 1,45000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई हो चुकी है. वहीं जिले की तमाम फसल की नहरों के जरिए सिंचाई की जा रही है.

भीलवाड़ा जिले में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए भीलवाड़ा के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि जिले में लगातार बढ़ रही सर्दी के कारण फसलें शीतलहर की चपेट में आ सकती हैं. उन्होनें ईटीवी भारत के जरिए किसानों को सलाह दी है, कि वो अपनी रबी की फसल के रूप में गेहूं, चना, सरसों, तारामीरा फसलों की समय पर पर्याप्त मात्रा में सिंचाई करें. खेत की मेड़ बंदी पर अलाव जलाते हुए शीतलहर की चपेट में आने वाली फसलों पर एक एम.एल प्रति लीटर पानी में तेजाब डाल कर छिड़काव करें. इससे 10 दिन तक रबी की फसल को पाले से बचाया जा सकता है.

Intro:भीलवाड़ा- पिछले एक सप्ताह से जिले में लगातार बढ़ रही ठंड के कारण जिले में किसानों द्वारा बोई गई रबी की फसल में शीतलहर की वजह से पाला पड़ने की संभावना दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिससे भीलवाड़ा जिले के किसान काफी चिंतित है। वही भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत पर भीलवाड़ा जिले के किसानों को फसल के बचाव के लिए अपील करते हुए कहा कि शीतलहर से फसल को पाला पड़ने से बचाने के लिए पर्याप्त मात्रा में मेड पर अलाव जलाए और फसल पर गंदक व तेजाब का छिड़काव करें।


Body:दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में जनवरी माह की शुरूआत के साथ ही जिले में दिनोंदिन ठंड बढ़ती जा रही है। जहां जनवरी की शुरुआत भी कोहरे के साथ हुई थी व जनवरी के पहले दिन भीलवाड़ा जिले का तापमान 1 डिग्री सेंटीग्रेड पर पहुंच गया। ठंड ज्यादा होने और हवा होने के कारण भीलवाड़ा जिले में बोई गई रबी की फसल पर भी इनका प्रकोप देखने को मिल रहा है । जहां शीतलहर की वजह से गेहूं, जो, हरी सब्जियां ,चना सरसों की फसल शीतलहर की चपेट में आने की संभावना है । जिससे बचाव के लिए किसान प्रयास कर रहे हैं । भीलवाड़ा जिले में 145000 हेक्टेयर भूमि में रबी की फसल की बुवाई हो चुकी है। वहीं जिले की तमाम फसल की लहरों के जरिए सिंचाई की जा रही है । भीलवाड़ा जिले मे फसल के शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए भीलवाड़ा के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में बढ़ रही लगातार सर्दी के कारण फसलें शीतलहर की चपेट में आ सकती है । मेरी ईटीवी भारत के जरिए किसानों को सलाह दी है कि वह अपनी रबी की फसल के रूप में गेहूं, चना, सरसों, तारामीरा फसल बो रखी है उनकी समय पर्याप्त मात्रा में सिंचाई करें । खेत की मेड बंदी पर अलाव जलाते हुए शीतलहर की चपेट में आने वाली फसलों पर एक एम.एल प्रति लीटर पानी में तेजाब डालकर छिड़काव करें । जिससे 10 दिन तक पाले से बचा सकते है ।

अब देखना यह होगा कि भीलवाड़ा जिले के किसान शीतलहर से अपनी फसल को बचा पाते हैं या नहीं।
सोमदत त्रिपाठी भीलवाड़ा

बाईट- रामपाल खटीक
कृषि उपनिदेशक भीलवाड़ा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.