भीलवाड़ा. गुलाब का फूल केवल खुशबू नहीं बिखेरता, बल्कि मालामाल भी करता है. इसे सही साबित कर रहे हैं भीलवाड़ा-अजमेर जिले की सरहद पर स्थित किसान. सैफुद्दीन बागवान ने परंपरागत खेती छोड़कर खेत पर गुलाब की खेती की शुरुआत की है. गुलाब की खेती से गुलाब जल, गुलकद, शरबत और इत्र बनाकर सोशल मीडिया के जरिए बेचकर पैसा कमा रहे हैं.
भीलवाड़ा जिले की हुरडा पंचायत समिति के खारी का लांबा ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतिम छोर पर किसान सैफुद्दीन बागवान वर्तमान में अपने खेत पर जो गुलाब के पुष्प है. उनकी भाप आसवन विधि से लकड़ी की भट्टी से उच्च ताप पर गर्म करके गुलाब जल बनाते हैं. किसान सैफुद्दीन, उनके बेटे मकसूद बागवान जिन्होंने एमएससी बीएड तक शिक्षा प्राप्त कर रखी है दोनों बाप-बेटे अपने खेत पर इस काम को करते हैं.
किसान सैफुद्दीन ने कहा कि मैं पहले परंपरागत खेती करता था, लेकिन उससे अधिक मुनाफा नहीं मिलता था. हमारे दादा घर पर गुलाब जल, गुलकंद, ईत्र बनाया करते थे वर्तमान में हम खेत पर ही गुलाब की बुवाई की है और जो चैत्र माह में गुलाब के पुष्प आते हैं उन पुष्प से खेत पर ही गुलाब जल, इत्र ,गुलकंद व गुलाब का शरबत बनाते हैं.
बेटे ने हाथ बटाना शुरू किया: पिता सैफुद्दीन बागवान ने बताया कि बेटे की सरकारी नौकरी नहीं लगने पर उसने भी हमारे साथ हाथ बटाना शुरू कर दिया. किसान ने बताया कि गुलाब की खेती का काम मेरे पिताजी भी करते थे, लेकिन अब बच्चों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने के कारण अब हम इस काम को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं. एक बीघा गुलाब की खेती में 15 से 30 किलो गुलाब हर दिन उत्पादन होता है. गुलाब जल की विधि समझाते हुए बताया कि 30 किलो गुलाब के पुष्प से 5 से 10 लीटर गुलाब जल बनता है. 1 लीटर गुलाब जल 200 से 250 रूपये प्रति किलो की भाव से बिकता है.
भाप आसवन विधि से बनता है गुलाब जल : खेत पर ही किसान ने एक मिट्टी की भट्टी बना रखी है जिस के ऊपर एक बड़ी डेग में पानी के साथ गुलाब के पुष्प डाले जाते हैं और नीचे लकड़ी से तेज आंच पर गर्म कर भाप आसवन विधि से ही गुलाब जल तैयार किया जाता है.
डिजिटल मीडिया से बेचकर कमाते हैं अच्छा मुनाफा : मकसूद बागवान ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल मीडिया का युग है हम खेत पर जो गुलाब जल, गुलकंद, ईत्र व शरबत तैयार करते हैं उनको डिजिटल मीडिया के प्लेटफार्म के जरिए बेचते हैं. जिससे हमारे को भी अच्छा मुनाफा मिलता है.