भीलवाड़ा. राम मंदिर उद्घाटन के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल को साक्षी बनने के लिए कुछ न कुछ जतन कर रहे हैं. अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है जिसको लेकर भीलवाड़ा जिले में आरएसएस ,विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल व भाजपा की कार्यकर्ता घर-घर जाकर पीले चावल बांट रहे हैं.
भीलवाड़ा जिले मे भी 22 जनवरी को ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा जिसको लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे चितौड़ प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक रविंद्र कुमार जाजू ने कहा कि मै भी कार सेवा में गया था और अब भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है इसको लेकर मुझे बहुत खुशी है. उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा शहर भी रोशनी से जगमगाएगा जिस तरह दीपावली के त्योहार पर खुशी होती है उससे ज्यादा खुशी का त्योहार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन होगा. जाजू ने बताया कि इस दौरान प्रत्येक घर की बाहर रंगोली बनाकर विशेष सजावट की जाएगी और घरों में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे.
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प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भीलवाड़ा में उत्साह: रविंद्र कुमार जाजू ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भीलवाड़ा ही नहीं संपूर्ण विश्व के अंदर राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अद्भुत उत्साह का माहौल है. उन्होंने कहा कि ऐसा उत्साह मैंने जीवन के अंदर कभी नहीं देखा जब हम अक्षत वितरण करने जाते हैं उस रथ के आगे भी लोग दंडवत हो रहे हैं. भीलवाड़ा मे प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लाइव दिखाया जाएगा ओर शहर को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा.
कर सेवा में गए जाजू की जुबानी अयोध्या की कहानी: कार सेवा में गए रविंद्र कुमार जाजू ने कहा कि 1990 की घटना का जब मन में जिक्र किया जाता है तो मन में भावुकता आ जाती है. जहां संगठन ने कार सेवा करने का निर्णय किया उस समय उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी उन्होने जितने प्रतिबंध लगाने थे वह लगाए थे. उस दौरान मुलायम सिंह सरकार ने कहा कि अयोध्या में परिंदा भी पार नहीं मार सकता लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उस चुनौती को स्वीकार करते हुए तमाम कार्यकर्ताओं को कहा कि किसी भी स्थिति में अयोध्या पहुंचना है. जाजू ने बताया कि मैं उसे समय सीकर रहता था तो हमारे को मनकापुर स्टेशन पर उतरने के निर्देश मिले. जब बिहार के समस्तीपुर के अंदर लालकृष्ण आडवाणी जी को गिरफ्तार किया गया. 23 अक्टूबर 1990 को हम जब लखनऊ पहुंचे उसके बाद अयोध्या वाले तमाम रास्ते बंद थे हम सीकर से 252 लोग गए थे. गाजियाबाद में 228 कारसेवक गिरफ्तार हो गए हम 24 लोग पुलिस को धत्ता बताकर आगे निकल गए. उस समय हम लखनऊ से अयोध्या के लिए पैदल गए, जहां रास्ता बहुत कठिन था लेकिन हम नहर के किनारे कच्चे रास्ते होते हुए पैदल गए.
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अयोध्या में उस दिन यह देखा मंजर: कार सेवक रविंद्र कुमार जाजू ने कहा अयोध्या के अंदर हमलोगों को सवेरे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था जैसे ही 8:00 बजे मंदिर व आसपास घड़ी और घंटाल बजे अशोक सिंघल एकदम बाहर निकले उसके बाद एक पूर्व सैनिक जो बाद में साधु बना उन्होंने सीआरपीएफ की बस उठाई और बैरियर तोड़ते हुए आगे बढ़े. अब वह मंजर देखने के बाद मुझे बहुत बड़ी खुशी है जीवन के अंदर इससे बड़ी कोई कोई खुशी नहीं है, क्योंकि 500 वर्ष के संघर्ष के बाद हिंदुस्तान के अंदर रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है इससे बड़ी जीवन मे खुशी ओर क्या हो सकती है.