भीलवाड़ा. कोरोना के संक्रमण की चेन को कम करने के लिए भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है. जहां भीलवाड़ा जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण की चेन को कम करने के लिए भीलवाड़ा मॉडल उन जिलों में फिट होगा, जो जिले भीलवाड़ा की तुलना में समान हैं. देश के अधिकतर जिले में ये मॉडल लागू हो सकता है.
प्रदेश में कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा के निजी अस्पताल से हुई. जहां पहले दिनोंदिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या भी बढ़ती गई लेकिन भीलवाड़ा जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग और पुलिस प्रशासन के कठोर फैसले के कारण जिले में कोरोना की चेन धीरे-धीरे बहुत कम हो गई. जिससे भीलवाड़ा मॉडल बन कर उभरा. भीलवाड़ा मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है. जिला कलेक्टर ने राजेंद्र भट्ट ने कहा कि हमारा परम उद्देश्य कोरोना के संक्रमण को कम करना था. इसीलिए हमने कठोर फैसले लेते हुए कर्फ्यू और जिले की सीमाओं को सील बंद किया और इसलिए यह भीलवाड़ा मॉडल बना है.
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वहीं भीलवाड़ा मॉडल को अन्य प्रदेशों में लागू हो सकता के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि हर बड़ी सिटी में प्लान अलग होगा. अगर कहीं कच्ची बस्ती है, उसका प्लान अलग होगा. भीलवाड़ा मॉडल उन जिलों में फिट होगा जहां जनसंख्या करीब 7-8 लाख हो, शहरी जनसंख्या 25 लाख तक हो. जैसे राजस्थान व देश के अन्य जिले भीलवाड़ा की तुलना में समान हैं. वहां ये मॉडल कारगर साबित होगा.
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साथ ही जिला कलेक्टर का कहना है कि बहुत बड़ी जगह है तो उसको अपने स्तर पर अलग-अलग बांटकर इस मॉडल का यूज किया जा सकता है. हमारे प्रदेश में सात आठ जिलों को छोड़कर यह मॉडल सफल होगा. इस मॉडल में जो अच्छी चीज वहां के प्रशासन को लगे वह ले सकते हैं.