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भीलवाड़ा में हल्दी की फसल का क्रेज...ईटीवी भारत की खबर से प्रेरित कई किसान इस ओर मुड़े...अच्छे दाम के लिए सुखाकर तैयार कर रहे हल्दी - Turmeric cultivation in Bhilwara

भीलवाड़ा जिले में एक किसान ने पिछली बार हल्दी की फसल की बुवाई करके नवाचार किया था (Turmeric cultivation in Bhilwara). इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. इससे प्रेरित होकर इस बार कई किसानों ने हल्दी की फसल की बुवाई की है. गीली हल्दी के भाव अच्छे नहीं मिले तो अब किसान इसे सूखाकर तैयार करने में जुटे हैं, जिससे अच्छा भाव मिल सके.

turmeric crop is increasing in Bhilwara
turmeric crop is increasing in Bhilwara
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Published : Jan 25, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Jan 25, 2022, 10:35 PM IST

भीलवाड़ा. शाहपुरा क्षेत्र हल्दी की फसल को लेकर किसानों में क्रेज देखने को मिल रहा है. पिछले साल एक किसान की ओर से हल्दी की फसल बोने को लेकर किए गए नवाचार की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाई गई थी. इसे देखते हुए इस बार इस क्षेत्र के काफी किसानों ने हल्दी की फसल की बुवाई की (Sowing of turmeric crop in Bhilwara) है. लेकिन उपज का दाम नहीं मिलने के बाद भी किसान ने हार नहीं मानी. उपज का सही दाम लेने के लिए किसान गीली हल्दी को बेचने की बजाए सूखी हल्दी तैयार करने में जुए गए हैं. इसके लिए बकायदा महाराष्ट्र से मशीन भी मंगवाई गई है.

ईटीवी की खबर से मिली प्रेरणा

जिले के शाहपुरा क्षेत्र के पनोतिया गांव के किसान गोपाल लाल कुमावत ने पिछले साल एक बीघा खेत में हल्दी की फसल की बुवाई का नवाचार किया था (Turmeric cultivation in Bhilwara). जिसकी अच्छी उपज मिली थी. अच्छी उपज की खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाया गया और उससे प्रेरित होकर इस बार भीलवाड़ा सहित पास के जिलों में काफी संख्या में किसानों ने हल्दी की फसल की बुवाई की है (Impact of ETV bharat rajasthan news).

कोरोना के कारण नहीं मिले अच्छे दाम

भीलवाड़ा में हल्दी की खेती का चलन

इस बार कोरोना जैसी महामारी के चलते गीली हल्दी की उपज के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. दिसंबर व जनवरी माह में गिली हल्दी सब्जी के रूप में काफी मात्रा में बिकती है. लेकिन इस बार नहीं बिक रही है. लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और महाराष्ट्र पहुंचकर मशीन लेकर आए. जिससे अब किसान सूखी हल्दी बनाने के काम में जुट गए हैं. जहां पक्की हुई गीली हल्दी को बॉयलर के माध्यम से उबालकर सूखी हल्दी बनाना शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें. Special : सवा बीघा के खेत में भीलवाड़ा के किसान ने उगाई हल्दी...अब हासिल हुई लाखों की उपज

किसान गोपाल लाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पिछली बार गांव पनोतिया में हल्दी की फसल की बुवाई की थी. उस समय सारी उपज बीज के रूप में बिक गई थी. इस बार काफी संख्या में हल्दी की फसल की बुवाई हुई है. लेकिन इस बार गीली हल्दी का भाव नहीं मिलने के कारण हमने हार नहीं मानी.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा में हल्दी की खेती : ईटीवी भारत की खबर से मिली प्रेरणा, किसानों को फायदा दे रही हल्दी की फसल..

सूखी हल्दी पहली बार तैयार कर रहे

क्षेत्र के किसान का आत्मविश्वास बढ़े इसके लिए हमने महाराष्ट्र जाकर सूखी हल्दी बनाने के लिए बॉयलर लेकर आए हैं. अब क्षेत्र में सूखी हल्दी बनाने का काम शुरू कर दिया है. क्षेत्र मे सूखी हल्दी बनाने का पहली बार नवाचार कर रहे हैं. किसान गोपाल लाल ने बताया कि हमें उम्मीद है कि अच्छा उत्पादन होगा. क्योंकि गीली हल्दी 20 से 25 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकती है और सूखी हल्दी 120 से 150 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकती है. जिससे अच्छा मेहनताना मिलेगा.

हम हिम्मत नहीं हारते हैं क्योंकि हम किसान हैं

किसान रामकिशन ने कहा कि हमने ईटीवी भारत की प्रेरणा से इस बार एक बीघा हल्दी की फसल की बुवाई की है. लेकिन कोरोना के चलते उपज के भाव नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में मैं बालापुर महाराष्ट्र पहुंचकर सूखी हल्दी बनाने का बॉयलर लेकर आया हूं और अपनी उपज की सूखी हल्दी बनाने के काम में जुट गया हूं. हम हिम्मत नहीं हारते हैं क्योंकि हम किसान हैं.

भीलवाड़ा. शाहपुरा क्षेत्र हल्दी की फसल को लेकर किसानों में क्रेज देखने को मिल रहा है. पिछले साल एक किसान की ओर से हल्दी की फसल बोने को लेकर किए गए नवाचार की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाई गई थी. इसे देखते हुए इस बार इस क्षेत्र के काफी किसानों ने हल्दी की फसल की बुवाई की (Sowing of turmeric crop in Bhilwara) है. लेकिन उपज का दाम नहीं मिलने के बाद भी किसान ने हार नहीं मानी. उपज का सही दाम लेने के लिए किसान गीली हल्दी को बेचने की बजाए सूखी हल्दी तैयार करने में जुए गए हैं. इसके लिए बकायदा महाराष्ट्र से मशीन भी मंगवाई गई है.

ईटीवी की खबर से मिली प्रेरणा

जिले के शाहपुरा क्षेत्र के पनोतिया गांव के किसान गोपाल लाल कुमावत ने पिछले साल एक बीघा खेत में हल्दी की फसल की बुवाई का नवाचार किया था (Turmeric cultivation in Bhilwara). जिसकी अच्छी उपज मिली थी. अच्छी उपज की खबर को ईटीवी भारत पर प्रमुखता से दिखाया गया और उससे प्रेरित होकर इस बार भीलवाड़ा सहित पास के जिलों में काफी संख्या में किसानों ने हल्दी की फसल की बुवाई की है (Impact of ETV bharat rajasthan news).

कोरोना के कारण नहीं मिले अच्छे दाम

भीलवाड़ा में हल्दी की खेती का चलन

इस बार कोरोना जैसी महामारी के चलते गीली हल्दी की उपज के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. दिसंबर व जनवरी माह में गिली हल्दी सब्जी के रूप में काफी मात्रा में बिकती है. लेकिन इस बार नहीं बिक रही है. लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और महाराष्ट्र पहुंचकर मशीन लेकर आए. जिससे अब किसान सूखी हल्दी बनाने के काम में जुट गए हैं. जहां पक्की हुई गीली हल्दी को बॉयलर के माध्यम से उबालकर सूखी हल्दी बनाना शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें. Special : सवा बीघा के खेत में भीलवाड़ा के किसान ने उगाई हल्दी...अब हासिल हुई लाखों की उपज

किसान गोपाल लाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पिछली बार गांव पनोतिया में हल्दी की फसल की बुवाई की थी. उस समय सारी उपज बीज के रूप में बिक गई थी. इस बार काफी संख्या में हल्दी की फसल की बुवाई हुई है. लेकिन इस बार गीली हल्दी का भाव नहीं मिलने के कारण हमने हार नहीं मानी.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा में हल्दी की खेती : ईटीवी भारत की खबर से मिली प्रेरणा, किसानों को फायदा दे रही हल्दी की फसल..

सूखी हल्दी पहली बार तैयार कर रहे

क्षेत्र के किसान का आत्मविश्वास बढ़े इसके लिए हमने महाराष्ट्र जाकर सूखी हल्दी बनाने के लिए बॉयलर लेकर आए हैं. अब क्षेत्र में सूखी हल्दी बनाने का काम शुरू कर दिया है. क्षेत्र मे सूखी हल्दी बनाने का पहली बार नवाचार कर रहे हैं. किसान गोपाल लाल ने बताया कि हमें उम्मीद है कि अच्छा उत्पादन होगा. क्योंकि गीली हल्दी 20 से 25 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकती है और सूखी हल्दी 120 से 150 रूपये प्रति किलो के भाव से बिकती है. जिससे अच्छा मेहनताना मिलेगा.

हम हिम्मत नहीं हारते हैं क्योंकि हम किसान हैं

किसान रामकिशन ने कहा कि हमने ईटीवी भारत की प्रेरणा से इस बार एक बीघा हल्दी की फसल की बुवाई की है. लेकिन कोरोना के चलते उपज के भाव नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में मैं बालापुर महाराष्ट्र पहुंचकर सूखी हल्दी बनाने का बॉयलर लेकर आया हूं और अपनी उपज की सूखी हल्दी बनाने के काम में जुट गया हूं. हम हिम्मत नहीं हारते हैं क्योंकि हम किसान हैं.

Last Updated : Jan 25, 2022, 10:35 PM IST
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