भीलवाड़ा. राजस्थान के भीलवाड़ा में पत्नी की हत्या करने वाले पति को कोर्ट ने 10 साल के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया. इस दौरान पति सुनील पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 23 गवाहों व 43 दस्तावेज पेश किए. विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने कहा कि लक्ष्मणपुरा गांव के नानालाल ने 28 जनवरी 2013 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसने अपनी बेटी रसीला का विवाह छोटी बिजौलिया निवासी सुनील धाकड़ के साथ धाकड़ समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में 6 मई 2012 को किया था. विवाह के एक माह बाद ही पुत्री को ससुराल भेज दिया गया था, तभी से वह ससुराल में रहकर पत्नी धर्म निभा रही थी.
रसीला तभी से परिवादी पिता के पास आ गई थी. उसके कुछ माह बाद ससुराल पक्ष के लोग (wife murder case in Bhilwara) रसीला को वापस लेने के लिए आए और दोबारा मारपीट व गलती नहीं करने का विश्वास दिलाया. इस पर परिवादी नानालाल ने बेटी को ससुराल भिजवा दिया. 28 जनवरी 13 को परिवादी के पास बेटी के ससुर नानालाल धाकड़ का फोन आया था. उसने कहा कि रसीला की तबीयत खराब है. उसे भर्ती करवाया गया है. जिस पर बिजौलियां गया तो वहां रसीला की मौत हो चुकी थी.
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परिवादी ने शंका जाहिर की कि सुनील और उसके परिवार ने मिलकर रसीला की षड्यंत्र रचकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने दहेज हत्या का मामला (murder for dowry in bhilwara) दर्ज किया. पुलिस जांच में सामने आया कि शादी के बाद पति रसीला के चरित्र पर संदेह कर उसके साथ मारपीट करता और दहेज में 5 लाख रुपये पिता से लाने की मांग करता था.
इस मामले में पुलिस ने जांच कर दहेज हत्या के आरोप में छोटी बिजौलियां निवासी सुनील धाकड़ को गिरफ्तार कर चार्जशीट न्यायालय में पेश की. जिसके बाद न्यायालय ने सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को सुनील को 10 साल की सजा और 30 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है.