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वस्त्र उद्योग में संकट के बादल, दूसरे प्रदेश में पलायन करने को मजबूर उद्यमी - bhilwara news

वस्त्र नगरी के नाम से मशहूर चार लाख की आबादी वाला जिला है. यह राज्य का सातवें बड़े शहर में गिना जाता है. भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग में पिछले 6 माह से क्षेत्र में मंदी की मार से संकट के बादल गहरा रहे हैं. शहर में कपड़ा उद्योग में आई मंदी के कारण इनकी हालत बद से बदतर होती जा रहे हैं.

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Published : Sep 6, 2019, 12:55 PM IST

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से प्रसिद्ध भीलवाड़ा में कपड़ा क्षेत्र में मंदी का दौर चल रहा है. यहां वर्तमान समय में 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन कम हो गया है. वहीं कई इंडस्ट्रीज में शनिवार व रविवार को अवकाश रखना पड़ रहा है.

भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप घर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है. जहा एम्पलेमेंट की बहुत गुंजाइश रही है. वर्तमान समय में जो राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है. उसका असर भीलवाड़ा के वस्त्र उधोग को देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से उत्पादन में गिरावट आ रही है, क्योंकि माल बिकेगा नहीं तो बनाएगा क्यों. वर्तमान समय में 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा रही है.

भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग में संकट के बादल

पढ़ें- उदयपुर: बारिश के चलते लोगों को मिली गर्मी से राहत, तापमान में आई गिरावट

उन्होंने कहा कि प्रदेश के निकट जितने भी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश में बिजली सस्ती है. वहां के उद्योग इकाइयों को राजस्थान में 8 रूपये से 8:15 रूपये में बिजली लेनी पड़ती है. लेकिन वहां यहां से 5 रूपये कम रेट पर बिजली उपलब्ध है. सरकार ने टेक्सटाइल के क्षेत्र में अलग-अलग पैकेज दे रखे हैं. वहीं पूरे राष्ट्र में उपयोग में आने वाले कपड़े का 50 प्रतिशत उत्पादन भीलवाड़ा शहर में होता है. राजस्थान में कुल 29 टैक्सटाइल स्पिनिंग मिल है. उनकी 15 यूनिट भीलवाड़ा शहर में स्थित है.

पढ़ें- गहलोत के बयान पर कटारिया का पलटवार...कहा- भ्रष्टाचार की पैदाइश कांग्रेस शासन में ही हुई

मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के जनरल सेक्रेट्री आर.के जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में मंदी का दौर चल रहा है. साथ ही कोटन इंडस्ट्रीज की डिमांड कम हो गई है. इंडस्ट्रीज में मंदी के दौर के कारण माल का उपयोग नहीं होने के कारण फैक्ट्रियों को शनिवार और रविवार को बंद रखना पड़ रहा है. अब देखना यह होगा कि मोदी सरकार और राज्य की गहलोत सरकार इन उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए क्या प्रयास करती है या नहीं.

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से प्रसिद्ध भीलवाड़ा में कपड़ा क्षेत्र में मंदी का दौर चल रहा है. यहां वर्तमान समय में 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन कम हो गया है. वहीं कई इंडस्ट्रीज में शनिवार व रविवार को अवकाश रखना पड़ रहा है.

भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप घर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है. जहा एम्पलेमेंट की बहुत गुंजाइश रही है. वर्तमान समय में जो राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है. उसका असर भीलवाड़ा के वस्त्र उधोग को देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से उत्पादन में गिरावट आ रही है, क्योंकि माल बिकेगा नहीं तो बनाएगा क्यों. वर्तमान समय में 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा रही है.

भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग में संकट के बादल

पढ़ें- उदयपुर: बारिश के चलते लोगों को मिली गर्मी से राहत, तापमान में आई गिरावट

उन्होंने कहा कि प्रदेश के निकट जितने भी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश में बिजली सस्ती है. वहां के उद्योग इकाइयों को राजस्थान में 8 रूपये से 8:15 रूपये में बिजली लेनी पड़ती है. लेकिन वहां यहां से 5 रूपये कम रेट पर बिजली उपलब्ध है. सरकार ने टेक्सटाइल के क्षेत्र में अलग-अलग पैकेज दे रखे हैं. वहीं पूरे राष्ट्र में उपयोग में आने वाले कपड़े का 50 प्रतिशत उत्पादन भीलवाड़ा शहर में होता है. राजस्थान में कुल 29 टैक्सटाइल स्पिनिंग मिल है. उनकी 15 यूनिट भीलवाड़ा शहर में स्थित है.

पढ़ें- गहलोत के बयान पर कटारिया का पलटवार...कहा- भ्रष्टाचार की पैदाइश कांग्रेस शासन में ही हुई

मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के जनरल सेक्रेट्री आर.के जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में मंदी का दौर चल रहा है. साथ ही कोटन इंडस्ट्रीज की डिमांड कम हो गई है. इंडस्ट्रीज में मंदी के दौर के कारण माल का उपयोग नहीं होने के कारण फैक्ट्रियों को शनिवार और रविवार को बंद रखना पड़ रहा है. अब देखना यह होगा कि मोदी सरकार और राज्य की गहलोत सरकार इन उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए क्या प्रयास करती है या नहीं.

Intro:भीलवाड़ा- वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात चार लाख की आबादी वाला राज्य का सातवें बड़े शहर भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग में पिछले 6 माह से क्षेत्र में मंदी की मार से संकट के बादल गहरा रहे हैं । शहर में कपड़ा उद्योग में आई मंदी के कारण इनकी हालत बद से बदतर होती जा रहे हैं। राजस्थान से महाराष्ट्र ,गुजरात और मध्य प्रदेश में स्थित टेक्सटाइल क्षेत्र में बिजली की लागत कम होने के कारण भीलवाड़ा शहर के उद्यमी उन प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर है ।


Body:वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा में कपड़ा क्षेत्र में मंदी का दौर चल रहा है। जहा वर्तमान समय में 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन कम हो गया है । वहीं कई इंडस्ट्रीज में शनिवार व रविवार को अवकाश रखना पड़ रहा है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का असर अब वस्त्र नगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा शहर की औद्योगिक इकाइयों पर भी देखने को मिल रहा है । भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप घर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है । जहा एम्पलेमेंट की बहुत गुंजाइश रही है । वर्तमान समय में जो राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है उसका असर भीलवाड़ा के वस्त्र उधोग को देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से उत्पादन में गिरावट आ रही है ।क्योंकि माल बिकेगा नहीं तो बनाएगा क्यों । वर्तमान समय में 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा रही है। मुख्य कारण राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थानीय उत्पादक का मंदी का दौर है। नोटबंदी का असर भी देखने को मिला है जो कपड़े का व्यापार है वह दो नंबर का व्यापार माना जाता है। दो नंबर की रकम से ही यह व्यापार संचालित होता था ।यहां यह व्यापार में नोटबंदी के कारण व्यापारी अपना पैसा कन्वर्ट नहीं करने के कारण । व्यापार मे अपने पैसे का उपयोग नहीं किया जा रहा है ।वही बांग्लादेशी देशों के कारण निश्चित रूप से बाहरी ताकतें सक्रिय हो गई है ।एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फॉर्म बना हुआ है जिसमे 16 देशों को लेकर बनाया है । जिसमें वो भारत को सम्मिलित करना चाहते है। उसी कारण बांग्लादेश श्रीलंका में यहां का माल जाकर सस्ता बनकर तैयार हो जाता है। राजस्थान के निकट जितने भी राज्य महाराष्ट्र ,गुजरात ,मध्यप्रदेश में बिजली सस्ती है वहां के उद्योग इकाइयों को राजस्थान में 8 रूपये से 8:15 रूपये में बिजली लेनी पड़ती है। लेकिन वहां यहां से 5 रूपये कम रेट पर बिजली उपलब्ध है । सरकार ने टेक्सटाइल के क्षेत्र में अलग-अलग पैकेज दे रखे हैं । वहीं पूरे राष्ट्र में उपयोग में आने वाले कपड़े का 50 प्रतिशत उत्पादन भीलवाड़ा शहर में होता है ।राजस्थान में कुल 29 टैक्सटाइल स्पिनिंग मिल है उनकी 15 यूनिट भीलवाड़ा शहर में स्थित है । इस मंदी का दौर नोटबंदी से शुरू हुआ है हमारा मानना है कि आने वाले मार्च तक ठीक हो सकती है ।

वही मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के जनरल सेक्रेट्री आर.के जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में मंदी का दौर चल रहा है । साथ ही कोटन इंडस्ट्रीज की डिमांड कम हो गई है। जीएसटी व नोटबंदी का असर पहले रहा था लेकिन वर्तमान में धीरे-धीरे कम हो गया है। प्रत्येक इंडस्ट्रीज में मंदी के दौर के कारण माल का उपयोग नहीं होने के कारण फैक्ट्रियों को शनिवार व रविवार को बंद रखना पड़ रहा है ।

अब देखना यह होगा कि मोदी सरकार और राज्य की गहलोत सरकार इन उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए क्या प्रयास करती है या नहीं।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट-प्रेम स्वरूप
महासचिव ,भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन

आर.के. जैन
जनरल सेक्रेटरी, मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स भीलवाड़ा


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