भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से प्रसिद्ध भीलवाड़ा में कपड़ा क्षेत्र में मंदी का दौर चल रहा है. यहां वर्तमान समय में 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन कम हो गया है. वहीं कई इंडस्ट्रीज में शनिवार व रविवार को अवकाश रखना पड़ रहा है.
भीलवाड़ा टैक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के महासचिव प्रेम स्वरूप घर में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र है. जहा एम्पलेमेंट की बहुत गुंजाइश रही है. वर्तमान समय में जो राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है. उसका असर भीलवाड़ा के वस्त्र उधोग को देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से उत्पादन में गिरावट आ रही है, क्योंकि माल बिकेगा नहीं तो बनाएगा क्यों. वर्तमान समय में 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन में गिरावट दर्ज की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश के निकट जितने भी राज्य महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश में बिजली सस्ती है. वहां के उद्योग इकाइयों को राजस्थान में 8 रूपये से 8:15 रूपये में बिजली लेनी पड़ती है. लेकिन वहां यहां से 5 रूपये कम रेट पर बिजली उपलब्ध है. सरकार ने टेक्सटाइल के क्षेत्र में अलग-अलग पैकेज दे रखे हैं. वहीं पूरे राष्ट्र में उपयोग में आने वाले कपड़े का 50 प्रतिशत उत्पादन भीलवाड़ा शहर में होता है. राजस्थान में कुल 29 टैक्सटाइल स्पिनिंग मिल है. उनकी 15 यूनिट भीलवाड़ा शहर में स्थित है.
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मेवाड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के जनरल सेक्रेट्री आर.के जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में मंदी का दौर चल रहा है. साथ ही कोटन इंडस्ट्रीज की डिमांड कम हो गई है. इंडस्ट्रीज में मंदी के दौर के कारण माल का उपयोग नहीं होने के कारण फैक्ट्रियों को शनिवार और रविवार को बंद रखना पड़ रहा है. अब देखना यह होगा कि मोदी सरकार और राज्य की गहलोत सरकार इन उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए क्या प्रयास करती है या नहीं.