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SPECIAL : भीलवाड़ा का नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर...जिसमें ग्रहों के साथ वैज्ञानिक संरचना भी है स्थापित

भीलवाड़ा जिले के आसींद के मोती बोरखेड़ा गांव में अनूठा नवग्रह आश्रम स्थापित है. जहां नव ग्रह की संपूर्ण रचना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्थापित की गई है. नवग्रह के संस्थापक हंसराज चौधरी ने कहा कि यह देश में एक ही नवग्रह की स्थापना है. इसको नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर के नाम से जानते हैं.

Bhilwara's Navagraha Ayush Vigyan Mandir, Scientific structure with planets Navagraha temple, Latest news of Bhilwara
आसींद के मोती बोरखेड़ा गांव में है अनूठा मंदिर
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Published : Mar 10, 2021, 11:05 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के मोती बोर खेड़ा गांव में नवग्रह आश्रम है. यहां नवग्रहों का आयुष मंदिर बनाया गया है. इस मन्दिर में नौ ग्रहों के नाम, ग्रहों के सैटेलाइट चित्र, ग्रह का ध्वज, माला, आसन और ग्रह संबंधित पौधे तक लगाये गए हैं. देखिये यह खास रिपोर्ट...

भीलवाड़ा का नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि नवग्रह की स्थापना के पीछे भारतीय ज्योतिष शास्त्र का प्रधान विचार है. उन्होंने कहा कि भारतीय ज्योतिष की गणना सटीक है. आज के 200 वर्ष बाद कितने बजकर कितने मिनट पर सूर्य और चंद्र ग्रहण होगा. यह गणना भारतीय ज्योतिष कितना सटीक और वैज्ञानिक ढंग से कर पाता है. भारतीय ज्योतिष की महिमा को स्थापित करने के लिए ही नवग्रह आश्रम में नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर स्थापित किया है.

Bhilwara's Navagraha Ayush Vigyan Mandir, Scientific structure with planets Navagraha temple, Latest news of Bhilwara
ग्रहों के साथ वैज्ञानिक संरचना भी है स्थापित

हंसराज चौधरी ने बताया कि उन्होंने नौ ग्रहों के साथ उनसे प्रभाव वाले पेड़-पौधे भी लगाए हैं. नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर में नौ ग्रह में सूर्य सबसे प्रधान ग्रह है. यह मध्य में स्थापित है. सूर्य का पौधा सफेद आक है. सूर्य ग्रह के सामने उनकी ध्वजा, माला, वैज्ञानिक रूप और जातक पर प्रभाव के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है.

पढ़ें- दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जे. एस. नैन ने किया जैसलमेर सैन्य स्टेशन का दौरा

इसके साथ ही सूर्य के आसन, सूर्य उपासना में बैठने के तरीके, सूर्य ग्रह के पौधे आदि के बारे में जानकारी दी गई है. इसी प्रकार बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु सहित तमाम नौ ग्रहों को स्थापित किया गया है.

अन्य ग्रह के पास समझाते हुए हंसराज चौधरी ने कहा कि इन तमाम नौ ही ग्रह का मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है यह हिंदी और अंग्रेजी में लिखा हुआ है. उन्होंने कहा कि किसी ग्रह के प्रभाव को हिंदी और अंग्रेजी में लिखने का मकसद यह है यहां जो भी लोग दर्शन करने आते हैं वे आसानी से पढ़ कर ग्रह दशा के बारे में समझ सकते हैं.

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आसींद के मोती बोरखेड़ा गांव में है अनूठा मंदिर

साथ ही तमाम ग्रहों के पौधों का नाम, वानस्पतिक नाम भी लिखे हुए हैं. साथ ही हंसराज चौधरी ने यह दावा किया कि संपूर्ण भारत में एकमात्र स्थान है जहां नवग्रह स्थापना की गई है. नवग्रह के दर्शन करने से सुख, शांति रहती है.

भीलवाड़ा. जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के मोती बोर खेड़ा गांव में नवग्रह आश्रम है. यहां नवग्रहों का आयुष मंदिर बनाया गया है. इस मन्दिर में नौ ग्रहों के नाम, ग्रहों के सैटेलाइट चित्र, ग्रह का ध्वज, माला, आसन और ग्रह संबंधित पौधे तक लगाये गए हैं. देखिये यह खास रिपोर्ट...

भीलवाड़ा का नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि नवग्रह की स्थापना के पीछे भारतीय ज्योतिष शास्त्र का प्रधान विचार है. उन्होंने कहा कि भारतीय ज्योतिष की गणना सटीक है. आज के 200 वर्ष बाद कितने बजकर कितने मिनट पर सूर्य और चंद्र ग्रहण होगा. यह गणना भारतीय ज्योतिष कितना सटीक और वैज्ञानिक ढंग से कर पाता है. भारतीय ज्योतिष की महिमा को स्थापित करने के लिए ही नवग्रह आश्रम में नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर स्थापित किया है.

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ग्रहों के साथ वैज्ञानिक संरचना भी है स्थापित

हंसराज चौधरी ने बताया कि उन्होंने नौ ग्रहों के साथ उनसे प्रभाव वाले पेड़-पौधे भी लगाए हैं. नवग्रह आयुष विज्ञान मंदिर में नौ ग्रह में सूर्य सबसे प्रधान ग्रह है. यह मध्य में स्थापित है. सूर्य का पौधा सफेद आक है. सूर्य ग्रह के सामने उनकी ध्वजा, माला, वैज्ञानिक रूप और जातक पर प्रभाव के बारे में हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है.

पढ़ें- दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जे. एस. नैन ने किया जैसलमेर सैन्य स्टेशन का दौरा

इसके साथ ही सूर्य के आसन, सूर्य उपासना में बैठने के तरीके, सूर्य ग्रह के पौधे आदि के बारे में जानकारी दी गई है. इसी प्रकार बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु सहित तमाम नौ ग्रहों को स्थापित किया गया है.

अन्य ग्रह के पास समझाते हुए हंसराज चौधरी ने कहा कि इन तमाम नौ ही ग्रह का मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है यह हिंदी और अंग्रेजी में लिखा हुआ है. उन्होंने कहा कि किसी ग्रह के प्रभाव को हिंदी और अंग्रेजी में लिखने का मकसद यह है यहां जो भी लोग दर्शन करने आते हैं वे आसानी से पढ़ कर ग्रह दशा के बारे में समझ सकते हैं.

Bhilwara's Navagraha Ayush Vigyan Mandir, Scientific structure with planets Navagraha temple, Latest news of Bhilwara
आसींद के मोती बोरखेड़ा गांव में है अनूठा मंदिर

साथ ही तमाम ग्रहों के पौधों का नाम, वानस्पतिक नाम भी लिखे हुए हैं. साथ ही हंसराज चौधरी ने यह दावा किया कि संपूर्ण भारत में एकमात्र स्थान है जहां नवग्रह स्थापना की गई है. नवग्रह के दर्शन करने से सुख, शांति रहती है.

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