भीलवाड़ा. कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन पार्ट 3 जारी है. गौरतलब है की प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी. शहर में लगे कर्फ्यू की वजह से सारी औद्योगिक इकाइयां बंद रही. लेकिन हाल ही में भारत सरकार की ओर से इन उद्योग इकाइयों के सफलतम संचालन के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है. जिससे भीलवाड़ा के उद्योगपति काफी खुश हैं.
ईटीवी भारत की टीम ने भीलवाड़ा के उद्योगपतियों से आर्थिक पैकेज के बारे में भी चर्चा की. जहां भीलवाड़ा से भाजपा के सांसद, केंद्रीय वित्त समिति के सदस्य और उद्योगपति सुभाष बहेड़िया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जो प्रधानमंत्री ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की है इससे निश्चित रूप से भीलवाड़ा के उद्योगों को लाभ मिलेगा. यहां एमएसएमई के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थिति ठीक नहीं है. इस आर्थिक पैकेज में इनको बिना गारंटी फंड उपलब्ध करवाया जा रहा है.
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भीलवाड़ा में टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में काफी मध्यम उद्योग है. इसमें 25 करोड़ का इन्वेस्टमेंट और 100 करोड़ रुपए की सेल पर तीन लाख करोड़ रुपए बिना गारंटी का ऋण दिया जाएगा. इससे उद्योगों को लाभ मिलेगा साथ ही साथ इस उद्योगों को पीएफ का पैसा जो देते हैं उनमें 12% की जगह 10% कर दिया है. उद्योगपति सुभाष बहेड़िया ने कहा कि डिस्कॉम कंपनियों में बिजली भुगतान के लिए 90 हजार करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया है. जहां बिजली कंपनियों को पाबंद किया है की इनका लाभ जमीनी धरातल पर मिलना चाहिए. वस्त्र नगरी को इससे बिल्कुल फायदा होगा क्योंकि यहां अधिकतर उद्योग एमएसएमई के अंतर्गत आते हैं.
वहीं मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष और उद्योगपति अनिल मानसिंहगा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इतनी बड़ी क्वांटिटी में आर्थिक पैकेज की किसी को उम्मीद नहीं थी. इससे निश्चित रूप से व्यापार में तरलता तेजी से बढ़ेगी. सरकार ने कहा है की इसे 30 अक्टूबर तक शुरू करना अनिवार्य है. इसका मतलब चार-पांच महीने में पांच-सात लाख करोड़ रुपए व्यापारियों के पास पहुंचेगा. जो कि व्यापार को बढ़ाएगा. सरकार ने डीटीएस और पीएफ सहित कई योजना में पैसे देने की बात कही है.
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उन्होंने कहा कि मैं सरकार से यह कहना चाहता हूं कि आरबीआई और फाइनेंस मिनिस्ट्री को निश्चित रूप से यह तय करना होगा कि वो बैंकों को पाबंद करें कि जितनी छूट दी है वह व्यापारी के लिए है. बैंक अपने पास नही रखे. अगर रिजर्व बैंक ने व्यापारीयों को पैसा या लोन नहीं दिया तो उन पर सरकार को सख्त एक्शन लेना होगा. बता दे की भीलवाड़ा जिले में करीब 90 प्रतिशत यूनिट एमएसएमई के अंतर्गत आती है. यह आर्थिक पैकेज व्यापार चालू करने में संजीवनी बूटी का काम करेगा.