ETV Bharat / state

World Environment Day: पर्यावरण बचाने के लिए वरदान साबित हो रहे चरागाह, प्रदेश भर में भीलवाड़ा बना रोल मॉडल

पूरी दुनिया में आज यानी 5 जून का दिन world environment day के रूप में मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक करना है. बता दें कि प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है. इसलिए यह जरूरी है कि हम अपनी प्रकृति को समझें और उसके नियमों की पालना करें. इसी की पालना करते हुए भीलवाड़ा में पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए एक योजना चलाई जा रही है, जो इन दिनों वरदान साबित हो रही है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

world environment day , राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज, भीलवाड़ा न्यूज
भीलवाड़ा में पर्यावरण को संजोने की अनूठी मिसाल
author img

By

Published : Jun 5, 2020, 6:48 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के तमाम चरागाह इन दिनों पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. जिसकी एक ही वजह है कि यहां जिला परिषद प्रकृति को लेकर सतर्क है. ग्रीनरी बढ़ाने के उद्देश्य से भीलवाड़ा जिला परिषद चरागाह भूमि का सदुपयोग कर वहां हजारों की तादाद में पौधे लगा रहा है. इसी पहल के चलते बंजर पड़ी जमीनों पर उगे ये पौधे अब एक खुशहाल वन में तब्दील हो गए हैं. जिससे पशुओं के लिए चारा, मनुष्य के लिए छाया और ऑक्सीजन अधिक से अधिक उत्सर्जित हो रही है.

भीलवाड़ा में पर्यावरण को संजोने की अनूठी मिसाल

चरागाह जमीन चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

भीलवाड़ा जिले में चारागाह डेवलप को लेकर ईटीवी भारत की टीम पीपुल्स फॉर एनिमल के प्रदेश प्रभारी व पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू के पास पहुंची. जहां पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र हो, चाहे शहरी क्षेत्र हो, चारागाह का मतलब जानवरों के लिए छोड़ी गई जमीन है, लेकिन आजकल चरागाह भूमि जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत व अफसरों की अनदेखी से खनन, उद्योग, बिजली घर, खेल के मैदान के लिए दी जा रही है, जो कानून और नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि इसके लिए मैंने जनहित याचिका दायर की है.

साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि भूमि में पर्यावरण संवर्धन के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए. जिससे पर्यावरण शुद्ध होगा और बरसात अच्छी होगी. जिससे किसान खुश हाल रहेगा.

यह भी पढ़ें : Special : सतर्कता के साथ शुरू हुए सैलून, PPE किट पहन स्टाफ कर रहे काम

विश्व प्रसिद्ध चरागाह

बता दें कि भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति के मारवो का खेड़ा गांव में विश्व प्रसिद्ध चरागाह बना हुआ है. जिसका भ्रमण काफी संख्या में आईएएस अधिकारी भी कर चुके हैं. जहां के पंचायत समिति के सहायक अभियंता गोपाल लाल टेलर बताते हैं कि वह विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सभी को संदेश देना चाहते हैं कि जहां भी खाली जगह दिखे, वहां अधिक से अधिक पौधे लगाएं. जिससे कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण ज्यादा होगा और पर्यावरण में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि हमने हमारी पंचायत समिति के चरागाह का विकास का काम किया है. जहां चरागाह भूमि में 60 हजार पौधे लगाए गए हैं. जिससे वातावरण में सुधार होगा और यह पर्यावरण के लिए वरदान साबित हो रहा है.

भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरड़ा ने कहा कि हमने मनरेगा के तहत प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय में चरागाह है, वहां अधिक से अधिक पौधे लगाए हैं. आपको बता दें कि जिले के प्रत्येक राजस्व गांव के चरागाह डेवलप करने की योजना चलाई जा रही है. जिसमें अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए कहा गया है, ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके.

world environment day , राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज, भीलवाड़ा न्यूज
पर्यावरण को बचाने का प्रयास हो रहा सफल

यह भी पढ़ें. SPECIAL: महज डेढ़ किमी दूर है माही का अथाह पानी, लेकिन फिर भी बूंद-बूंद के लिए तरस रहा यह गांव

वहीं भीलवाड़ा के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय की वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एल. जागेटिया ने कहा कि प्रदेश में जो भी चरागाह भूमि है. उनमें अधिक से अधिक पौधे लगाने से पशुओं के लिए घास प्राप्त होगी. साथ ही मनुष्य के लिए जो पौधे ऑक्सीजन उत्सर्जन करेगा, उसे जलवायु का शुद्धिकरण होगा.

भीलवाड़ा. जिले के तमाम चरागाह इन दिनों पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए वरदान साबित हो रहे हैं. जिसकी एक ही वजह है कि यहां जिला परिषद प्रकृति को लेकर सतर्क है. ग्रीनरी बढ़ाने के उद्देश्य से भीलवाड़ा जिला परिषद चरागाह भूमि का सदुपयोग कर वहां हजारों की तादाद में पौधे लगा रहा है. इसी पहल के चलते बंजर पड़ी जमीनों पर उगे ये पौधे अब एक खुशहाल वन में तब्दील हो गए हैं. जिससे पशुओं के लिए चारा, मनुष्य के लिए छाया और ऑक्सीजन अधिक से अधिक उत्सर्जित हो रही है.

भीलवाड़ा में पर्यावरण को संजोने की अनूठी मिसाल

चरागाह जमीन चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

भीलवाड़ा जिले में चारागाह डेवलप को लेकर ईटीवी भारत की टीम पीपुल्स फॉर एनिमल के प्रदेश प्रभारी व पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू के पास पहुंची. जहां पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र हो, चाहे शहरी क्षेत्र हो, चारागाह का मतलब जानवरों के लिए छोड़ी गई जमीन है, लेकिन आजकल चरागाह भूमि जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत व अफसरों की अनदेखी से खनन, उद्योग, बिजली घर, खेल के मैदान के लिए दी जा रही है, जो कानून और नियमों के विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि इसके लिए मैंने जनहित याचिका दायर की है.

साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि भूमि में पर्यावरण संवर्धन के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए. जिससे पर्यावरण शुद्ध होगा और बरसात अच्छी होगी. जिससे किसान खुश हाल रहेगा.

यह भी पढ़ें : Special : सतर्कता के साथ शुरू हुए सैलून, PPE किट पहन स्टाफ कर रहे काम

विश्व प्रसिद्ध चरागाह

बता दें कि भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति के मारवो का खेड़ा गांव में विश्व प्रसिद्ध चरागाह बना हुआ है. जिसका भ्रमण काफी संख्या में आईएएस अधिकारी भी कर चुके हैं. जहां के पंचायत समिति के सहायक अभियंता गोपाल लाल टेलर बताते हैं कि वह विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सभी को संदेश देना चाहते हैं कि जहां भी खाली जगह दिखे, वहां अधिक से अधिक पौधे लगाएं. जिससे कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण ज्यादा होगा और पर्यावरण में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि हमने हमारी पंचायत समिति के चरागाह का विकास का काम किया है. जहां चरागाह भूमि में 60 हजार पौधे लगाए गए हैं. जिससे वातावरण में सुधार होगा और यह पर्यावरण के लिए वरदान साबित हो रहा है.

भीलवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल राम बिरड़ा ने कहा कि हमने मनरेगा के तहत प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय में चरागाह है, वहां अधिक से अधिक पौधे लगाए हैं. आपको बता दें कि जिले के प्रत्येक राजस्व गांव के चरागाह डेवलप करने की योजना चलाई जा रही है. जिसमें अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए कहा गया है, ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके.

world environment day , राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज, भीलवाड़ा न्यूज
पर्यावरण को बचाने का प्रयास हो रहा सफल

यह भी पढ़ें. SPECIAL: महज डेढ़ किमी दूर है माही का अथाह पानी, लेकिन फिर भी बूंद-बूंद के लिए तरस रहा यह गांव

वहीं भीलवाड़ा के माणिक्य लाल वर्मा राजकीय महाविद्यालय की वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एल. जागेटिया ने कहा कि प्रदेश में जो भी चरागाह भूमि है. उनमें अधिक से अधिक पौधे लगाने से पशुओं के लिए घास प्राप्त होगी. साथ ही मनुष्य के लिए जो पौधे ऑक्सीजन उत्सर्जन करेगा, उसे जलवायु का शुद्धिकरण होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.