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नवग्रह आश्रम...जहां दुनिया भर की जलवायु के 452 प्रकार के औषधीय पौधे लगाए गए हैं - नवग्रह आश्रम में 452 प्रकार के पौधे

भीलवाड़ा जिले की रायला के पास मोतीबोर खेड़ा गांव में स्थित नवग्रह आश्रम में औषधीय पौधों का अनूठा संग्रह है, जहां विश्व की जलवायु में पाए जाने वाले 452 तरह के पौधे यहां संग्रहित हैं. ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के रायला कस्बे के मोतीबोर खेड़ा गांव के नवग्रह आश्रम पहुंची, जहां अनूठा संग्रह देखने को मिला. इस दौरान नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

Unique collection of medicinal plants, भीलवाड़ा में नवग्रह आश्रम
ईटीवी भारत की हंसराज चौधरी की खास बातचीत
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Published : Apr 28, 2021, 2:29 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के रायला कस्बे के पास मोतीबोर खेड़ा गांव में स्थित नवग्रह आश्रम में अनूठा औषधीय पौधों का संग्रहण है. विश्व की जलवायु में पाए जाने वाले 452 तरह के औषधीय पौधे संग्रहित हैं. इन पौधों पर वानस्पतिक नाम, हिंदी का नाम और इन पौधों का क्या उपयोग है के बारे में भी लिखा गया है. साथ ही इन औषधीय पौधों के साथ नौ ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र के पौधे भी लगे हुए हैं.

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि नवग्रह आश्रम में औषधीय पौधों का अद्वितीय संग्रहण है, पूरे भारत में 452 तरह के पौधे यहां उपलब्ध है. सामान्यत व्यक्ति 50 पौधों का नाम ही जानता है, जबकि हम लगातार अनवरत सभी पौधों के नाम जानते हैं. अफगानिस्तान में पैदा होने वाला हिग का पौधा यहा उपलब्ध है, साथ ही श्रीलंका में पैदा होने वाला नोवा, नॉर्थ इंडिया में बर्फ के मैदान में पैदा होने वाला ब्राह्मी सहित ऑस्ट्रेलिया के मोपेन सहित कई तरह के औषधीय पौधे यहां संग्रहित हैं. संपूर्ण विश्व की जलवायु में जो पौधे हैं वह पौधे यहां उपलब्ध हैं. यहां तक कि हिंदू धर्म के 9 ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र हैं, इनके पौधे भी यहां लगे हुए हैं.

Unique collection of medicinal plants, भीलवाड़ा में नवग्रह आश्रम
क्या है इन पौधों का उपयोग?

यह भी पढ़ेंः हमने ऑर्डर दिया तो वैक्सीन कंपनियां कर रहीं आनाकानी, रघु शर्मा ने लगाए ये गंभीर आरोप

इन पौधों के वानस्पतिक नाम लिखे हुए होने के सवाल पर चौधरी ने कहा की मैं कृषि विज्ञान का छात्रा हूं, इसलिए इन पौधे का नाम, वानस्पतिक नाम और किस-किस बीमारी में इन पौधों का उपयोग होता है वह पौधे का कौन सा अंग उपयोगी है उनके बारे में लिखा है. यह भारत में ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक संग्रहण का केंद्र है, जहां हंसराज चौधरी ने अपने आप को दावा करते हुए कहा कि मैं मेडिसन प्लांट बोर्ड का रिसोर्ट पर्सन हूं जो औषधीय पौधों का संग्रहण करते हैं. वर्तमान में केवल केरल के थामस हैं उनके पास 285 तरह के पौधे संग्रहित हैं, जबकि हमारे यहां 452 तरह के पौधे संग्रहित हैं.

Unique collection of medicinal plants, भीलवाड़ा में नवग्रह आश्रम
नवग्रह आश्रम में लगा पौधा

इन पौधों को मुख्य उद्देश्य के सवाल पर हंसराज चौधरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य यह है कि जब तक हमारे पास शस्त्र नहीं होगा तब तक हम रोगी का इलाज नहीं कर पाएंगे. हमारे यहां 6 हेक्टेयर भूमि में यह पौधे लगाए गए हैं, इन पौधों को देश और विदेश के जो भी आदमी हैं उपचार के लिए आते हैं, वह यहां देख कर उनके घर पर भी लगा कर इनका उपयोग ले सकते हैं. वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कर सकते हैं और मेरे द्वारा जो पुस्तक लिखी है उसमें भी इन पौधों के उपयोग के बारे में लिखा है.

भीलवाड़ा. जिले के रायला कस्बे के पास मोतीबोर खेड़ा गांव में स्थित नवग्रह आश्रम में अनूठा औषधीय पौधों का संग्रहण है. विश्व की जलवायु में पाए जाने वाले 452 तरह के औषधीय पौधे संग्रहित हैं. इन पौधों पर वानस्पतिक नाम, हिंदी का नाम और इन पौधों का क्या उपयोग है के बारे में भी लिखा गया है. साथ ही इन औषधीय पौधों के साथ नौ ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र के पौधे भी लगे हुए हैं.

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी से ईटीवी भारत की खास बातचीत

नवग्रह आश्रम के संस्थापक हंसराज चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि नवग्रह आश्रम में औषधीय पौधों का अद्वितीय संग्रहण है, पूरे भारत में 452 तरह के पौधे यहां उपलब्ध है. सामान्यत व्यक्ति 50 पौधों का नाम ही जानता है, जबकि हम लगातार अनवरत सभी पौधों के नाम जानते हैं. अफगानिस्तान में पैदा होने वाला हिग का पौधा यहा उपलब्ध है, साथ ही श्रीलंका में पैदा होने वाला नोवा, नॉर्थ इंडिया में बर्फ के मैदान में पैदा होने वाला ब्राह्मी सहित ऑस्ट्रेलिया के मोपेन सहित कई तरह के औषधीय पौधे यहां संग्रहित हैं. संपूर्ण विश्व की जलवायु में जो पौधे हैं वह पौधे यहां उपलब्ध हैं. यहां तक कि हिंदू धर्म के 9 ग्रह, 12 राशि और 27 नक्षत्र हैं, इनके पौधे भी यहां लगे हुए हैं.

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क्या है इन पौधों का उपयोग?

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इन पौधों के वानस्पतिक नाम लिखे हुए होने के सवाल पर चौधरी ने कहा की मैं कृषि विज्ञान का छात्रा हूं, इसलिए इन पौधे का नाम, वानस्पतिक नाम और किस-किस बीमारी में इन पौधों का उपयोग होता है वह पौधे का कौन सा अंग उपयोगी है उनके बारे में लिखा है. यह भारत में ही नहीं पूरे विश्व में सर्वाधिक संग्रहण का केंद्र है, जहां हंसराज चौधरी ने अपने आप को दावा करते हुए कहा कि मैं मेडिसन प्लांट बोर्ड का रिसोर्ट पर्सन हूं जो औषधीय पौधों का संग्रहण करते हैं. वर्तमान में केवल केरल के थामस हैं उनके पास 285 तरह के पौधे संग्रहित हैं, जबकि हमारे यहां 452 तरह के पौधे संग्रहित हैं.

Unique collection of medicinal plants, भीलवाड़ा में नवग्रह आश्रम
नवग्रह आश्रम में लगा पौधा

इन पौधों को मुख्य उद्देश्य के सवाल पर हंसराज चौधरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य यह है कि जब तक हमारे पास शस्त्र नहीं होगा तब तक हम रोगी का इलाज नहीं कर पाएंगे. हमारे यहां 6 हेक्टेयर भूमि में यह पौधे लगाए गए हैं, इन पौधों को देश और विदेश के जो भी आदमी हैं उपचार के लिए आते हैं, वह यहां देख कर उनके घर पर भी लगा कर इनका उपयोग ले सकते हैं. वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कर सकते हैं और मेरे द्वारा जो पुस्तक लिखी है उसमें भी इन पौधों के उपयोग के बारे में लिखा है.

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