भरतपुर. महिला बंदी सुधार गृह में न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध चल रही एक महिला अभियुक्त ने जेल की महिला प्रहरियों पर अत्याचार और घिनौनी हरकतें करने का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. मामले में जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने उपकारापाल और जेल अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है. पीड़िता ने रिपोर्ट में जिन महिला जेल प्रहरियों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया है, अब जेल प्रशासन ने उन्हीं में से एक मुख्य प्रहरी को महिला जेल का इंचार्ज बना दिया है.
ये हैं गंभीर आरोप: असल में न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध चल रही रविसा पत्नी अरफीन ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि कारागार में जेल प्रहरी जुबैदा, शारदा, बबीता, लक्ष्मी, पूनम चौधरी, पूनम गुर्जर और ममता उस पर अत्याचार करती हैं और घिनौनी हरकतें करती हैं. शिकायत पर न्यायालय ने उपकारापाल और अधीक्षक को व्यक्तिगत उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश दिए. न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध चल रही महिला के साथ ये हरकतें कोरोना काल के दौरान हुई थीं. आरोप है कि उस दौरान सभी आरोपी जेल प्रहरी दबाव बनाकर महिला बंदियों से जेलर जगदीश प्रसाद की मालिश कराती थीं.
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महानिरीक्षक कारागार ने आदेश जारी कर महिला सुधार गृह की उपकारापाल वर्षा फौजदार को यहां से कार्यमुक्त कर अस्थाई रूप से जयपुर भेज दिया है. जबकि ये घटनाक्रम वर्षा के कार्यकाल से पहले का है. इतना ही नहीं अब वर्षा के स्थान पर महिला जेल की प्रभारी के रूप में उसी मुख्य जेल प्रहरी जुबैदा को जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जिसके खिलाफ नामजद शिकायत है.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जब कारागार डीआईजी मीनाक्षी से फोन पर बात करनी चाही, तो वो कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे पाई. इसके बाद जब इस मामले में कारागार सेवर अधीक्षक अशोक वर्मा से फोन पर बात करनी चाही, तो उन्होंने कॉल अटेंड नहीं किया.