भरतपुर. मानसून से पहले प्री-मानसून ने भरतपुर संभाग के पांचों जिलों में अच्छी मेहरबानी की है. इसी का नतीजा है कि भरतपुर, अलवर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिले के किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई शुरू कर दी है. कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो इस बार प्री-मानसून में अच्छी बरसात हुई है. इसकी वजह से खरीफ की फसल अगेती रहेगी, जिससे पैदावार अच्छी रहने की संभावना है. इस बार अलवर समेत संभाग के पांचों जिलों में 8.36 लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई की जाएगी.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि इस बार भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, करौली और अलवर जिलों में प्री मानसून की अच्छी बरसात हुई है. सामान्य तौर पर भरतपुर जिले में 24 जून मानसून के आगमन का समय है. लेकिन इस बार समय-समय पर बरसात होती रही है. इससे जमीन में नमी बनी रही. देशराज सिंह ने बताया कि प्री-मानसून बरसात के चलते पांचों जिलों में किसानों ने ज्वार और बाजरे की बुवाई शुरू कर दी है. अगेती बुवाई की वजह से फसलें अच्छी रहने की संभावना है, जिससे फसलें रोगमुक्त रहेंगी और पैदावार भी अच्छी रहेगी.
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यहां इतना लक्ष्यः भरतपुर में ज्वार का लक्ष्य 52 हजार, बाजरा का लक्ष्य 1.30 लाख हैक्टेयर, अलवर में ज्वार का लक्ष्य 20 हजार, बाजरे का लक्ष्य 3.20 लाख, धौलपुर में बाजरे का लक्ष्य 98 हजार, करौली में ज्वार का लक्ष्य 1 हजार और बाजरे का लक्ष्य 1.39 लाख और करौली में ज्वार का लक्ष्य 1 हजार व बाजरे का लक्ष्य 75 हजार हैक्टेयर रखा गया है.
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संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस बार पांचों जिलों में खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य बनाया गया है. गत वर्ष जहां पांचों जिलों में ज्वार की बुवाई का लक्ष्य 62 हजार हैक्टेयर और बाजरे की बुवाई का लक्ष्य 7.23 लाख हैक्टेयर का था. वहीं इस बार ज्वार का 74 हजार हैक्टेयर और बाजरे का 7.62 लाख हैक्टेयर रखा गया है. देशराज सिंह ने बताया कि खरीफ की बुवाई के लिए 15 जुलाई तक का समय उपयुक्त है.