भरतपुर. जिले में स्थित सिमको फैक्ट्री का विवाद गहराता जा रहा है. रविवार को सिमको फैक्ट्री के सरकारी स्कूल को खाली करवाया गया. फैक्ट्री के क्वाटर्स में रह मजदूरों ने स्कूल खाली होने का विरोध भी किया लेकिन प्रशासन के आगे किसी की एक भी नहीं चली. वही प्रशाशन के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी जिसकी वजह से स्कूल को खाली किया गया और अस्थायी रूप से किशनपुरा गांव में स्थित कृष्णा नगर स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है.
भरतपुर की लाइफ लाइन कही जाने वाली सिमको फैक्ट्री को अब टीटागढ़ कंपनी ने खरीद लिया है. लेकिन फैक्ट्री के समय से उनके क्वाटर्स में रह रहे मजदूर अभी भी क्वाटर्स में रह रहे हैं. टीटागढ़ कंपनी चाहती है कि मजदूर क्वाटर्स को खाली करें लेकिन मजदूर क्वाटर्स खाली करने को तैयार नही है. मजदूरों का कहना है कि सिमको फैक्ट्री बिकने से पहले उनका पैसा सिमको के ऊपर बकाया है और उनका अभी तक हिसाब नहीं हुआ है और जब तक उनका हिसाब नहीं होता तब तक वह क्वाटर्स को खाली नहीं करेंगे.
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वहीं सिमको फैक्ट्री के अंतर्गत आने वाले सिमको स्कूल की हालात काफी जर्जर बानी हुई थी जिसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल ने जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी शिकायत की जिसके बाद रविवार को स्कूल को खाली करवाया गया. इस दौरान क्वाटर्स में रह रहे मजदूरों ने विरोध किया लेकिन भारी पुलिसबल के सामने मजदूरों की नहीं चली. स्कूल में 107 बच्चे पढ़ते हैं अब सिमको स्कूल को पास के ही किशनपुरा गांव के कृष्णा नगर स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है.
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स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के परिजनों का कहना है कि उनके छोटे छोटे बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और अब वह कृष्णा नगर स्कूल में पड़ने के लिए जाएंगे जो उनको काफी दूर पड़ेगा. इसके अलावा स्कूल से पहले एक रेलवे लाइन भी गुजरती है जिससे छोटे छोटे बच्चों को स्कूल जाने में खतरा बना रहता है. मामले को लेकर एसडीएम संजय गोयल का कहना है कि सिमको स्कूल की हालत जर्जर हो चुकी थी जिसके बाद उसे किशनपुरा के कृष्णा नगर राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में अस्थाई रूप से शिफ्ट किया गया है. शिफ्टिंग के समय कुछ लोगों ने इसका विरोध किया जिसके बाद लोगों से समझाइश की गई और अब स्कूल के समान को शिफ्ट किया जा रहा है.