भरतपुर. आधुनिक युग में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल रही हैं. महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी सफलता का डंका बजा रही हैं. एक वक्त था जब महिलाएं सामान्य जीवन में पुरुषों की सहमति के बिना निर्णय भी नहीं ले पाती थीं, लेकिन अब न केवल महिलाएं स्वतंत्रता पूर्वक निर्णय ले रही हैं, बल्कि पुरुषों से भी आगे निकलकर लोकतंत्र निर्माण में सहभागिता निभा रही हैं. जी हां, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश के 45% विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया. ताज्जुब की बात तो ये है कि प्रदेश के पिछड़े या कम शिक्षित क्षेत्र माने जाने वाले मारवाड़, मेवात और बीहड़ों की महिलाओं ने अधिक जागरूकता दिखाई है.
89 विधानसभा में महिला आगे : निर्वाचन विभाग के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 200 विधानसभा में से 89 विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया. इनमें न केवल मारवाड़ बल्कि भरतपुर के मेवात, धौलपुर के बीहड़, मेवाड़ के जनजाति बहुल क्षेत्र समेत कई क्षेत्र की महिलाएं शामिल हैं.
पोकरण में अव्वल, जोधपुर में फिसड्डी : प्रदेश में यूं तो 89 विधानसभा क्षेत्रों की महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया, लेकिन इनमें भी जैसलमेर जिले की पोकरण विधानसभा की महिलाओं ने प्रदेश में सर्वाधिक 88.90% मतदान किया. वहीं, जोधपुर शहर की महिलाओं ने मतदान में सबसे कम रूचि दिखाई. यही वजह है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जोधपुर शहर की सिर्फ 61.14% महिलाओं ने ही मतदान किया.
मेवात और बीहड़ में भी आगे : लोकतंत्र के पर्व में भरतपुर के मेवात और धौलपुर जिले की 4 में से 3 विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने बढ़चढकर मतदान किया. भरतपुर की कामां विधानसभा की 82.75% महिलाओं ने व बयाना की 73.26% महिलाओं ने मतदान कर पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. जबकि धौलपुर की बसेड़ी, बाड़ी और राजाखेड़ा विधानसभा में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया. धौलपुर में कुल मतदान में महिलाओं ने 75.10% मतदान कर पुरुषों से अधिक भागीदारी निभाई.