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भाजपा में महिला नेताओं की बगावत, अब कृष्णेंद्र कौर ने किया चुनाव लड़ने का एलान - ETV Bharat Rajasthan News

BJP in Bharatpur, विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जुटी भाजपा को अपनी ही कद्दावर महिला नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है. बृज में भाजपा की चार महिला नेताओं ने बगावत का बिगुल बजा दिया है.

BJP in Bharatpur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 3, 2023, 12:29 PM IST

भरतपुर. राजस्थान भाजपा में बगावत थमने का नाम नहीं ले रहा है. बात बृज क्षेत्र की करें तो यहां भाजपा की चार महिला नेताओं ने बगावत का बिगुल बजा दिया है. नगर, बयान, नदबई और वैर से टिकट कटने के बाद इन महिला नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. इनमें राजा मान सिंह की बेटी और 5 बार की विधायक कृष्णेंद्र कौर दीप ने भी गुरुवार को नदबई से टिकट कटने के बाद 4 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की सूचना जारी की है. अब देखना यह है कि महिला नेताओं की यह बगावत भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाती हैं.

नदबई - 5 बार की विधायक का टिकट कटा : भरतपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य व सात बार के विधायक रहे राजा मानसिंह की बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा का इस बार भाजपा ने नदबई से टिकट काट दिया है. दीपा खुद 5 बार की विधायक रही हैं, जिसमें 3 बार लगातार (2003, 08 व 2013) नदबई से विधायक रही हैं. राजा मानसिंह की हत्या के बाद दीपा ने राजनीति में एंट्री की और पहला ही चुनाव डीग से ऐतिहासिक मतों से जीता था. अब टिकट कटने के बाद दीपा ने नदबई से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. दीपा 4 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगी. नदबई में जिले का सर्वाधिक 2 लाख, 90,005 मतदाता है. यहां जाट और ब्राह्मण मतदाता का गठजोड़ लंबे समय से दीपा को जीत दिलाता रहा है.

पढ़ें : BJP की तीसरी सूची का साइड इफेक्ट, विरोध, बवाल और बगावत

नगर - टिकट कटा, अब बगावत : नगर से दो बार विधायक रही भाजपा की महिला नेता अनीता सिंह गुर्जर का टिकट काट के जवाहर सिंह बेढम को टिकट दे दिया है. ऐसे में अब अनीता सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़कर निदालीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है. पार्टी प्रत्याशी जवाहर सिंह ने अनीता को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन अभी तक बगावत के स्वर मुखर हैं. गोपालगढ़ कांड के समय अनीता सिंह भाजपा नेता के रूप में काफी सक्रिय रही थीं. नगर में 2,48,594 मतदाता हैं. यहां मेव, गुर्जर और जाट मतदाता अच्छी संख्या में हैं. अब नगर में अनीता के अलावा भाजपा के नेम सिंह फौजदार ने भी बगावत कर आजाद पार्टी ज्वाइन कर ली है. ऐसे में नगर में चतुष्कोणीय स्थिति बनी हुई है, लेकिन मेव प्रत्याशी के रूप में अकेले कांग्रेस प्रत्याशी वाजिब अली मैदान में हैं, जिनको इसका लाभ मिल सकता है.

बयाना - जिलाध्यक्ष की पत्नी का टिकट कटा : बयाना विधानसभा सीट पर भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी और पूर्व प्रत्याशी रितु बनावत को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन इस बार भाजपा ने पूर्व विधायक बच्चू सिंह बंसीवाल को टिकट दे दिया. रितु बनावत ने बगावत कर दी है और अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, इससे पहले रितु बनावत ने वर्ष 2013 के चुनाव में भी बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें हर का मुंह देखना पड़ा. वर्ष 2018 के चुनाव में बनावत ने 80,267 मत प्राप्त किए, फिर भी जीत नहीं पाईं. बयाना में फिलहाल त्रिकोणीय हालात बने हुए हैं. यहां कुल 2,65,127 मतदाता हैं. यहां जाट, जाटव और गुर्जर मतदाता काफी संख्या में हैं. बनावत खुद एससी कैंडिडेट होने की वजह से सामान्य वर्ग के साथ ही जाटव मत भी अच्छी संख्या में हासिल कर सकती हैं.

वैर - नए चेहरे के बजाय पुराने पर दांव : वैर विधानसभा सीट पर इस बार पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली को टिकट दी गई है. यहां से भाजपा कार्यकर्ता और दीवली सरपंच कोमल महावार भी टिकट मांग रही थीं, लेकिन नहीं मिली. अब कोमल महावार ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है. हालांकि, इसे मानने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. वैर में 2,71,009 मत हैं. यहां जाट और जाटव मतदाता का अनुपात सबसे ज्यादा है.

भरतपुर. राजस्थान भाजपा में बगावत थमने का नाम नहीं ले रहा है. बात बृज क्षेत्र की करें तो यहां भाजपा की चार महिला नेताओं ने बगावत का बिगुल बजा दिया है. नगर, बयान, नदबई और वैर से टिकट कटने के बाद इन महिला नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. इनमें राजा मान सिंह की बेटी और 5 बार की विधायक कृष्णेंद्र कौर दीप ने भी गुरुवार को नदबई से टिकट कटने के बाद 4 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की सूचना जारी की है. अब देखना यह है कि महिला नेताओं की यह बगावत भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाती हैं.

नदबई - 5 बार की विधायक का टिकट कटा : भरतपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य व सात बार के विधायक रहे राजा मानसिंह की बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा का इस बार भाजपा ने नदबई से टिकट काट दिया है. दीपा खुद 5 बार की विधायक रही हैं, जिसमें 3 बार लगातार (2003, 08 व 2013) नदबई से विधायक रही हैं. राजा मानसिंह की हत्या के बाद दीपा ने राजनीति में एंट्री की और पहला ही चुनाव डीग से ऐतिहासिक मतों से जीता था. अब टिकट कटने के बाद दीपा ने नदबई से ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. दीपा 4 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगी. नदबई में जिले का सर्वाधिक 2 लाख, 90,005 मतदाता है. यहां जाट और ब्राह्मण मतदाता का गठजोड़ लंबे समय से दीपा को जीत दिलाता रहा है.

पढ़ें : BJP की तीसरी सूची का साइड इफेक्ट, विरोध, बवाल और बगावत

नगर - टिकट कटा, अब बगावत : नगर से दो बार विधायक रही भाजपा की महिला नेता अनीता सिंह गुर्जर का टिकट काट के जवाहर सिंह बेढम को टिकट दे दिया है. ऐसे में अब अनीता सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़कर निदालीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है. पार्टी प्रत्याशी जवाहर सिंह ने अनीता को मनाने का भी प्रयास किया, लेकिन अभी तक बगावत के स्वर मुखर हैं. गोपालगढ़ कांड के समय अनीता सिंह भाजपा नेता के रूप में काफी सक्रिय रही थीं. नगर में 2,48,594 मतदाता हैं. यहां मेव, गुर्जर और जाट मतदाता अच्छी संख्या में हैं. अब नगर में अनीता के अलावा भाजपा के नेम सिंह फौजदार ने भी बगावत कर आजाद पार्टी ज्वाइन कर ली है. ऐसे में नगर में चतुष्कोणीय स्थिति बनी हुई है, लेकिन मेव प्रत्याशी के रूप में अकेले कांग्रेस प्रत्याशी वाजिब अली मैदान में हैं, जिनको इसका लाभ मिल सकता है.

बयाना - जिलाध्यक्ष की पत्नी का टिकट कटा : बयाना विधानसभा सीट पर भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी और पूर्व प्रत्याशी रितु बनावत को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन इस बार भाजपा ने पूर्व विधायक बच्चू सिंह बंसीवाल को टिकट दे दिया. रितु बनावत ने बगावत कर दी है और अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. हालांकि, इससे पहले रितु बनावत ने वर्ष 2013 के चुनाव में भी बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें हर का मुंह देखना पड़ा. वर्ष 2018 के चुनाव में बनावत ने 80,267 मत प्राप्त किए, फिर भी जीत नहीं पाईं. बयाना में फिलहाल त्रिकोणीय हालात बने हुए हैं. यहां कुल 2,65,127 मतदाता हैं. यहां जाट, जाटव और गुर्जर मतदाता काफी संख्या में हैं. बनावत खुद एससी कैंडिडेट होने की वजह से सामान्य वर्ग के साथ ही जाटव मत भी अच्छी संख्या में हासिल कर सकती हैं.

वैर - नए चेहरे के बजाय पुराने पर दांव : वैर विधानसभा सीट पर इस बार पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली को टिकट दी गई है. यहां से भाजपा कार्यकर्ता और दीवली सरपंच कोमल महावार भी टिकट मांग रही थीं, लेकिन नहीं मिली. अब कोमल महावार ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है. हालांकि, इसे मानने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. वैर में 2,71,009 मत हैं. यहां जाट और जाटव मतदाता का अनुपात सबसे ज्यादा है.

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