भरतपुर. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान पर पकड़ बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बीते छह माह में जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करीब 6 बार भरतपुर का दौरा कर चुके हैं, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज नेता यहां सभा और रैलियां कर लोगों को रिझाने का प्रयास कर चुके हैं. अब भरतपुर के मेवात में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 7 सितंबर को फिर से आगमन होने वाला है. उधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई दिग्गज भाजपा की परिवर्तन के माध्यम से भरतपुर समेत पूर्वी राजस्थान के कई जिलों की जनता से रूबरू होंगे.
गहलोत की 7 को पहाड़ी में सभा: भरतपुर संभाग के पहाड़ी के अमरूका में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभा को संबोधित करेंगे. कामां विधानसभा क्षेत्र की जनता को रिझाने और विधायक जाहिदा खान को मजबूती प्रदान करने के लिए ये सभा आयोजित की रही है. इससे पहले बीते 6 माह में करीब 6 बार मुख्यमंत्री गहलोत भरतपुर की अलग-अलग विधानसभाओं में दौरा कर चुके हैं.
संभाग में परिवर्तन यात्रा: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहाड़ी दौरे से पहले भाजपा की परिवर्तन यात्रा संभाग के सभी जिलों को कवर करते हुए जयपुर तक पहुंचेगी. भाजपा प्रवक्ता अशोक सिंघल ने बताया कि 2 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा परिवर्तन यात्रा को सवाईमाधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में स्थित त्रिनेत्र गणेश जी मंदिर से हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे. इसके बाद यह यात्रा सवाईमाधोपुर से धौलपुर होती हुई 6 सितंबर को भरतपुर पहुंचेगी. यहां 6 को भरतपुर मुख्यालय पर, 7 को नगर में रात्रि विश्राम कर करौली होते हुए जयपुर तक पहुंचेगी.
3.50 करोड़ जनता को रिझाने का प्रयास: असल में इस बार के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों का ईआरसीपी प्रमुख मुद्दा रहने वाला है. 13 जिलों की 3.50 करोड़ जनता के मन में ईआरसीपी को लेकर भारी रोष है. अब दोनों पार्टियां ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं होने के पीछे एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों की नजर पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता पर है. क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में इन्हीं 13 जिलों की जनता भाग्य विधाता बनने वाली है.